Friday, April 23, 2010

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून मसौदा गरीबों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण: हरिश्चन्द्र !

बलिया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून मसौदा जिसे यूपीए सरकार ने मंत्रिमंडल के समक्ष रखा है वह गरीबों के लिए अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त बातें राष्ट्रीय जनवादी पार्टी (क्रान्तिकारी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अवकाश प्राप्त आईएएस हरिश्चन्द्र ने गुरुवार को लोनिवि के डाक बंगले में पत्र प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान कही। श्री चन्द्र ने कहां कि आज संसदीय राजनीति में माफियाओं का बढ़ता दखल आम आदमी की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। आलम यह है कि देश की राजधानी दिल्ली स्थिति सचिवालय से लेकर ब्लाक मुख्यालय पर सभी दफ्तर दलाल और चाटुकारों से भरे पड़े हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार किस स्तर पर है अंदाजा सभी लगा सकते हैं। रिटायर्ड आईएएस ने कहा कि प्रदेश व देश में गरीबों की संख्या को लेकर मतभेद है। सूबा जहां 11 करोड़ को गरीब बताता है वहीं केन्द्र मात्र 6 करोड़ को लेकर अपना मुहिम चला रहा है। गरीबों के राशन में कटौती करना व सूबे की मुखिया को 21 करोड़ का माला पहनाना दोनों में बड़ा विरोधाभास है। कहा कि इससे दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि देश की मालिक नेताओं के आगे भीख का कटोरा लिये खड़ी है। आह्वान किया कि ऐसे आंदोलन का आगाज करें जिससे यह सरकार उखड़ जाय। प्रेस वार्ता के दौरान बासुदेव राम, अनिल कुमार उपस्थित थे।

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