Sunday, March 6, 2011

यज्ञ के जरिए भावना का होता संचार !

यज्ञ व तमाम वैदिक कार्यो से मानव में मानवता की भावना का संचार होता है। इसकी उपयोगिता वैज्ञानिक कसौटी पर भी कसी जा चुकी है और उपयोगी व कारगार साबित हुई है।

उक्त बातें स्थानीय आर्य समाज मंदिर में आयोजित ऋषि दयानंद बोधोत्सव में मुख्य वक्ता पं.लालमणि शर्मा ने कहीं। श्री शर्मा ने यज्ञ संस्कृति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इसकी उपयोगिता को साबित भी किया। उन्होंने योग गुरु स्वामी रामदेव जी को स्वामी दयानंद सरस्वती का दूसरा रूप बताया। इसके पहले दयानंद बोधोत्सव के तहत वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच वृहद यज्ञ समारोह सम्पन्न हुआ। वहीं महर्षि दयानंद बाल विद्या मंदिर के छात्र सुभांगी आचार्य व प्रियंका आर्या ने प्रभु शक्तिगीत सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। उक्त अवसर पर देवेन्द्र गुप्त, जोरावर सिंह, प्रमोद कुमार, सूर्यनाथ वर्मा, रमेशचंद्र गुप्त, आनंद मोहन आर्य, गोरखनाथ आर्य, अरविंद आर्य आदि बड़ी संख्या में आर्य परिवार उपस्थित थे। अध्यक्षता गुलाब चंद्र आर्य व संचालन आनंद गुप्त ने की।

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