Thursday, March 1, 2012
शिक्षा से उभतरी है छात्रों की प्रतिभा !
शिक्षा एक बहुउद्देशीय वैचारिक प्रक्रिया है और वह छात्र-छात्राओं का सर्वागीण विकास करती है। शिक्षा न केवल इनकी सुप्त प्रतिभाओं का विकास करती है अपितु समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी प्राणी के रूप में इन्हे विकसित भी करती है। इसके पीछे शिक्षकों की भूमिका उल्लेखनीय है। यह बातें बुधवार को सरस्वती शिशु-विद्या मंदिर आनंद नगर के वार्षिकोत्सव पर मुख्य अतिथि बेसिक शिक्षा अधिकारी राम गोविन्द ने कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अनेक साधन हैं जिसमें विद्यालय मुख्य माध्यम है। विद्यालय द्वारा आयोजित शारीरिक प्रदर्शन अत्यंत प्रशंसनीय कार्य है। इस अवसर पर डांडिया नृत्य, साड़ी नृत्य, योगचाप, गुलाटी, बिच्छूचाल, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, गुब्बारा युद्ध, दण्डयोग, डम्बल योग, अग्निचक्र तथा साइकिल से साहसिक प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम ने सभी दर्शकों को आश्चर्य चकित कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ.प्रदीप श्रीवास्तव, बाल गोविंद भारती, सम्भाग निदेशक प्रेमधर पाण्डेय, विजय पाण्डेय, डॉ. विनय कुमार संयुक्त रूप से दीप प्र“वलित कर किया गया। सरस्वती वंदना के बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य विमलेश मिश्र ने अतिथि परिचय कराया। संचालन आचार्य अवधेश पाण्डेय तथा आभार प्रकट विजय ने किया।
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