बलिया । सौभाग्यवती महिलाओं ने रविवार को हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रहकर भगवान शंकर और माता गौरा पार्वती का पूजन-अर्चन कर अपने अखण्ड सौभाग्य की मंगल कामना किया।
बताते हैं कि बरऊं शम्भू नात रहब कुंवारी के कठिन संकल्प के साथ पर्वत पुत्री पार्वती ने जंगल में निराहार निर्जल व्रत किया। उसी से प्रेरित महिलाएं पति के दीर्घायु तथा अखण्ड सौभाग्य की कामना लिए उक्त व्रत रहती है।
चूंकि जंगल में मां पार्वती ने जंगली अन्न संवा का अपने आंचल में रगड़कर कामना पूरी हो जाने पर पारण किया था। इसलिए संवा का सत्तू खाकर ही पारण करने का विधान है। महिलाओं ने निर्जल व्रत रहकर नदी, तालाब, पोखरे जहां जैसी स्थिति रही स्नान कर देव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ माता पार्वती का पूजन किया। सोहाग, श्रृंगार की सारी वस्तुएं धारण कर महिलाओं ने पूजा में भाग लिया और सोहाग सामग्री माता पार्वती को अर्पण करने के साथ ही दान भी किया। देर रात तक मंदिरों घरों में पूजन-अर्चन कथा श्रवण का कार्यक्रम चलता रहा।
Sunday, August 23, 2009
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