Saturday, September 19, 2009
गंगा को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार बनने से रोकें: रमाशंकर !
बलिया। गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान राष्ट्रीय के प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने पतित पावनी का प्रदूषण दूर करने के क्रम में प्रधानमंत्री एवं भारत सरकार के उस प्रयास की आलोचना की है जिसमें केन्द्र ने अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक ताकतों से गंगा प्रदूषण में सहभागिता करने का अनुरोध किया गया। श्री तिवारी ने बताया कि विश्व की 30 विदेशी कम्पनियों ने सरकार से गंगा प्रदूषण दूर करने की मंशा जाहिर की है। उक्त आशय की जानकारी अध्यात्मिक चिन्तन संस्थान की बैठक में संस्थान के मिश्र नेवरी स्थित कार्यालय पर अध्यक्षता करते हुए रमाशंकर तिवारी ने दी। कहा प्रधानमंत्री गंगा को अन्तर्राष्टीय बाजार बनने से रोकें। भारत की जनता में इतनी ताकत है कि वह अपनी आराध्य एवं धरोहर मां गंगा की रक्षा खुद कर लेगी। श्री तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि आगामी 5 अक्टूबर को गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक में कोई ऐसा निर्णय सरकार न ले जिससे सफाई के नाम पर गंगा को ही गिरवी रखना पडे़। उन्होंने कहा कि गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के तहत बक्सर के विश्वमित्र इण्टर कालेज में 22 सितम्बर को चिन्तन बैठकर सरकार के कदमों की समीक्षा की जायेगी। इस अवसर पर डा. जनार्दन राय,श्रीकांत चौबे, शिवदत्त पाण्डेय, डा. बृज बिहारी ओझा, शिवदत्त पाण्डेय सहित दर्जनों बुद्धिजीवियों ने सरकार से गंगा की धार को अविरल करने की मांग की।
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