बलिया। सर्व मांगलम् मांगल्ये शिवे सर्वाध्रसाधिके, शरणये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते के बीच आदि शक्ति पारम्बा के स्मरण का विशेष अवसर शारदीय नवरात्र शनिवार को कलश स्थापना के साथ ही प्रारम्भ हुआ। देवी भक्तों ने मातारानी को प्रसन्न करने के लिए घर में विशेष पूजा अर्चन किया तथा कलश स्थापित कर नौ दिन तक चलने वाले इस आयोजन के लिए अखण्ड दीप प्रज्ज्वलित किया। बहुतेरों ने दिन भर का उपवास रखा तो कुछ ने नौ दिन उपवास रखने का संकल्प लिया।
शारदीय नवरात्र के पहले दिन जनपद के सभी देवी मंदिरों पर अत्यधिक भीड़ जुटी। लोगों ने माता रानी का दर्शन कर मन्नतें मांगी। ब्राह्मणी देवी , शंकरी भवानी (शंकरपुर), कपिलेश्वरी भवानी (कपुरी नारायणपुर), मंगला भवानी (कोरण्टाडीह), खरीद की देवी (सिकंदरपुर) आदि मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही। नगर स्थित जापलिनगंज दुर्गा मंदिर में मां के दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और यहां के पुजारी श्रीकांत चौबे लोगों को नवरात्र का महत्व बताते दिखे। लोगों ने प्रात: काल ही घरों की साफ-सफाई के पश्चात विशेष पूजन-अर्चन कर देवी मां की आराधना के लिए कलश स्थापित कर अखण्ड दीप जलाया व दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया। कुछ ने अपने घर में कलश रखा तो कुछ ने बगल के देवी मंदिरों में कलश रखा। बहुतायत भक्तों ने दिन भर का उपवास रखा तो कुछ एक ने नौ दिन व्रत रखने का संकल्प लिया। बता दें कि शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। प्रथम दिन शैलपुत्री की आराधना हुई।
खेजुरी प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय देवी मंदिरों में नवरात्र के पहले दिन भारी भीड़ देखी गयी। लोगों का सुबह से ही आना शुरू हो गया। पकड़ी के भवानी एवं खिला के भवानी के मंदिर में सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा।
रेवती प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के मां पचरूखा देवी व शोभनथही देवी मंदिर के दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की प्रात: से देर रात्रि तक तांता लगा रहा।
सागरपाली प्रतिनिधि के अनुसार लखनऊ-बलिया मार्ग पर स्थित कपिलेश्वरी भवानी मंदिर कपूरी नारायणपुर में देवी दर्शन हेतु भक्तों का रेला लगा रहा।
नगरा प्रतिनिधि के अनुसार शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन क्षेत्र के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। नगरा बाजार स्थित दुर्गा मंदिर व नरहीं स्थित मां नरहेजी के मंदिर पर महिलाओं व पुरुषों की भीड़ पूरे दिन दर्शन-पूजन करती रही। शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गे के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंजता रहा।
सुखपुरा प्रतिनिधि के अनुसार माता के पवित्र मंदिर के समीप ही प्रतिवर्ष जिला पंचायत द्वारा दशहरा पर मेला का आयोजन किया जाता है जिसमें पशुओं का मेला धीरे-धीरे शुरू हो गया है।
Saturday, September 19, 2009
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