बलिया। भ्रूण हत्या व लिंग परीक्षण करने वाले तथा इसे बढ़ावा देने वालों की अब खैर नहीं। गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 के अंतर्गत स्थानीय विकास भवन में जिलाधिकारी/ समुचित प्राधिकारी सेंथिल पाण्डियन सी ने आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए भू्रण हत्या रोकने व लिंग चयन को हतोत्साहित करने के लिए जन जागरण करने की आवश्यकता जतायी और कहा कि पंजीकृत चिकित्सक के परामर्श पर ही अल्ट्रासाउण्ड किया जाय। पंजीकृत चिकित्सक भी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित प्रारूप पर ही अल्ट्रासाउण्ड जांच के लिए निर्दिष्ट करे। यदि किसी प्रकार से भ्रूण/ लिंग परीक्षण में कोई चिकित्सक अथवा अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर अवैध रूप से संलिप्त पाया जाये तो सम्बंधित का लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही के साथ-साथ प्राथमिकी भी दर्ज करायी जाय।
जिलाधिकारी ने चिकित्सकों से भू्रण/ लिंग परीक्षण जैसे कुकृत्य को रोकने के लिए सहयोग करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि नैतिक रूप से चिकित्सक अल्ट्रासाउण्ड के लिए केस रेफर करते वक्त वस्तु स्थिति की जानकारी कर ही अल्ट्रासाउण्ड के लिए परामर्श दें। कहा बिना पंजीकरण वाले अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर की जांच के लिए टीम बनाकर छापा मारें।
बैठक में डा.आरबी सिंह, डा.योगमाया त्रिपाठी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एसएन सिंह, डा.बीकेडी त्रिपाठी, डा.एके पाण्डेय, डा.एसके गुप्ता, डा.रेनू तिवारी, जयप्रकाश उपाध्याय, भगवान सिंह, नलिनेश कुमार सहित अन्य सम्बंधित जन उपस्थित रहे।
Thursday, September 10, 2009
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