बलिया। त्रिकालपुर गड़वार में आयोजित नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ में प्रवचन के दौरान मथुरा की साध्वी देवी राजनंदिनी जी ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण ने माता यशोदा के गर्भ से जन्म लिया जो सबको यश दे उसी के घर भगवान पैदा होते है। साध्वी जी द्वारा श्रीकृष्ण जी के जन्म कथा सुन श्रद्धालु भक्त गण झूम उठे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के समान आदर्श आचरण करके चलना चाहिए। श्रीराम ने 'प्रात: काल ऊठि रघुनाथा मात पिता गुरु नावहिं माथा' का आचरण करके दिखाया और धर्म की रक्षा के लिए राजपाट त्याग कर चौदह वर्ष वन में कष्ट सह कर रहे। मानव को चाहिए कि प्राणी मात्र से प्रेम करे यही अलौकिक है।
इसी क्रम में धुरन्धर दास जी महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति जैसा है उसकी सोच वैसी होती है उसका चिंतन कैसा है वस्तु एक होती है उसको देखने की दृष्टि अलग-अलग हो सकती है। भगवान जहां गये प्रिय रहे। भगवान सबके अंत:करण में है। अंत:करण साफ होना चाहिए। श्रद्धा व विश्वास के साथ की गयी भक्ति से कल्याण होता है। मनुष्य का चरित्र उत्तम होना चाहिए। पाप कर्म में लिप्त व्यक्ति का विकास की जगह विनाश ही होता है। यज्ञ में सितारा बाबा का भी प्रवचन चल रहा है। यज्ञ समिति के लल्लन उपाध्याय, वैजनाथ यादव, जगरनाथ यादव, अखिलेश सिंह, वृजनाथ सिंह, टुनटुन उपाध्याय सहित ग्राम के नागरिक गण यज्ञ की व्यवस्था में लगे है। यज्ञ के आयोजक स्वामी अशोकानंद त्यागी जी महाराज ने भक्तजनों से यज्ञ की पूर्णाहुति में 31 जुलाई को शामिल होकर पुण्य अर्जित करने का आग्रह किया है। प्रवचन व यज्ञ परिक्रमा में नित्य अधिक संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रह रहे है।
Thursday, July 30, 2009
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