बलिया। बच्चे कच्चे घड़े के समान होते है। इन्हे जिस रूप में ढाला जाएगा वही बन जाएंगे। ऐसे में जरूरी है कि इन्हे शिक्षित व सुयोग्य बना कर नेक इनसान बनाया जाय। कारण कि इन्हे आज जो कुछ दिया जाएगा भविष्य में उसी के अनुरूप वे समाज को दे पाएंगे।
यह बातें प्रभारी जिला जज/सीजेएम पृथ्वी पाल सिंह ने कहीं। वह गुरुवार को विश्व बाल दिवस पर यहां दीवानी न्यायालय के सभागार में आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने निठारी प्रकरण को प्रमुखता से उठाया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डीजीपी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों से कुल 10365 बच्चे गायब हुए। इनमें से 8615 बरामद हुए जबकि शेष के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली। बाल विवाह व बाल श्रम पर पूर्णत: रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसे बढ़ावा देने वालों के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिये।
गोष्ठी में सिविल जज सीनियर डिवीजन श्याम शंकर, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम अरविन्द कुमार गौतम, एडवोकेट दिनेश कुमार दूबे, हरि शंकर यादव आदि ने सहभागिता की। संचालन अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम अनिल कुमार यादव ने किया।
Friday, June 19, 2009
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