Saturday, March 28, 2009

या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता

नवरात्र के दूसरे दिन हजारों भक्तों ने ब्रह्माचारिणी की पूजा अर्चना की। ऊंचे पहाड़ पर विराजमान मां विंध्यवासिनी के दर्शन को भारी जन सैलाब उमड़ा। भक्तों के गीत और भजनों ने मुख्यालय को देवी भक्ति से सराबोर कर दिया।

मां ब्रह्माचारणी भगवान ब्रह्मा की आदि शक्ति हैं। वह समस्त भक्तों की हर तरह की मनोकामना पूरी करने वाली हैं। नवरात्र के दूसरे दिन हजारों स्त्री पुरुषों ने विभिन्न देवी मंदिरों में माथा टेक मां की पूजा अर्चना की। यहां दुर्गा सप्तशती में श्लोकों से वातावरण भक्तिपूर्ण हो गया है। कस्बे हजारों लोग देवी दर्शन कर भोग लगाये बिना जल ग्रहण नहीं करते। हजारों लोगों ने घरों में देवी मंदिर बना जवारा बोये हैं। इसे समृद्धि व सुख का आधार माना जाता है। कुलपहाड़ प्रतिनिधि के मुताबिक कस्बे के सभी देवी मंदिरों में दिनभर भक्तों की भारी भीड़ रही। यहां हजारों लोग मां पीतांबरा व बाघविराजन की आराधना कर रहे हैं। चरखारी प्रतिनिधि के अनुसार मदारन देवी व काली देवी का ऐतिहासिक मंदिर इन दिनों भक्तों का आस्था केंद्र बना है। सुबह से ही हजारों लोग यहां अनुष्ठान हवन ओर पूजा पाठ करने को जमा हो जाते है। पनवाड़ी की बड़ी माता मंदिर में कस्बे सहित आसपास के एक दर्जन गांवों के हजारों भक्तों का जमावड़ा लग रहा है।

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