बलिया। मणिपुर प्रांत के मोरे स्थान पर स्थित कैम्प कार्यालय पर उल्फा उग्रवादियों द्वारा किये गये हमले में बलिया का एक जवान शहीद हो गया। घटना 29 अप्रैल को पूर्वाह्न करीब 9 बजे की है। इस जांबाज का शव असम रायफल्स के जवानों द्वारा उसके पैतृक गांव लाया जा रहा है जिसके दो मई को यहां पहुंचने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। खबर मिलते ही गांव में मातम सा छा गया है।
जानकारी के अनुसार जनपद के बसंतपुर निवासी रमेश सिंह असम रायफल्स में लांस नायक हवलदार के पद पर कार्यरत थे। इस दौरान उनकी तैनाती मणिपुर के मोरे में स्थित कैम्प कार्यालय पर थी। बताते है कि उल्फा उग्रवादियों द्वारा चुनाव बहिष्कार का एलान किया गया था जिसको लेकर वहां का प्रशासन एलर्ट था और इनसे निबटने के लिए जवानों को निर्देश दे दिये गये थे। सूत्रों के अनुसार 29 अप्रैल की सुबह कैम्प कार्यालय पर असम रायफल्स के जवान जब अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे तभी करीब पूर्वाह्न 9 बजे उल्फा उग्रवादियों ने कैम्प पर हमला बोल दिया। हवलदार रमेश सिंह बिना समय जाया किये मोर्चा सम्भाल लिये। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहल गया। रमेश व उनके साथियों ने उग्रवादियों को अपने पैर पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। इसी बीच आतंकियों ने रमेश को अपने निशाने पर ले लिया। दनादन कई गोलियां उनके सीने को भेदती हुईं बाहर निकल गयीं। रमेश लहूलुहान होने के बावजूद मोर्चा सम्भाले रहे लेकिन कुछ देर बाद ही जमीन पर गिर पड़े और दम तोड़ दिया। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों के अनुसार असम रायफल्स के जवानों की अभिरक्षा में उनका शव पैतृक गांव लाया जा रहा है जिसके दो मई को देर रात यहां पहुंचने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।
Friday, May 1, 2009
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