बलिया। जिला कारागार में हत्या के प्रयास में बंद एक कैदी ने बुधवार की देर रात को बैरक के जंगले से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस सनसनीखेज घटना के बाद जेल में हड़कम्प मच गया। जिले के आला अधिकारी पहुंचकर मौका मुआयना किए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है।
बताते है कि नरहीं थाना क्षेत्र के पिपराकलां निवासी रामजी सिंह पुत्र सुदर्शन सिंह हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट में जिला कारागार की बैरक नम्बर 3डी में बंद था। इस बैरक में 50 कैदी उसके साथ थे। रात को लगभग साढ़े ग्यारह बजे एकाएक कैदियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर बंदी रक्षक तत्काल मौके पर पहुंच गये। अंदर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गये। इसकी सूचना तत्काल जिले के आला अधिकारियों को दी गयी। सूचना पर पहुंचे अधिकारी तत्काल जिला जेल पहुंचे और शव को नीचे उतरवाया। यह कैदी गमछे के सहारे जंगले से लटका हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिला जेल का वह जंगला जिसके सहारे कैदी ने फांसी लगायी उसकी लम्बाई कम थी। परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है। इधर घटना की सूचना के बाद पहुंचे बसपा जिलाध्यक्ष इंदल राम, राम प्रवेश व शम्भूनाथ ने बैरक का निरीक्षण किया। साथ ही जेलर से घटना की जानकारी ली।
Thursday, April 30, 2009
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