बलिया। मां इतना क्रूर होगी इसकी कल्पना सपने में भी कोई नहीं कर सकता। मां तो मां होती है चाहे वह बड़ी हो या छोटी। यह कलयुगी मां ममता की सारी सीमाएं तोड़ते हुए अपने ही देवर के खून को आग के हवाले कर तमाशा देखती रही। उसे तनिक भी मासूम पर दया नहीं आयी। इस मासूम की गलती क्या थी यह किसी को पता नहीं। ज्ञात हो कि शिव मंगल वर्मा की गाय एक सप्ताह पूर्व मरी थी। इसका कारण उसकी पत्नी हीरावती अपने ही देवर राजमंगल को मान रही थी। उसका मानना था कि इसी परिवार ने सल्फास दिया है। बताते हैं कि उसी समय उसने खून के बदले खून लेने की कसम खाई थी। उसका पति शिवमंगल काफी शरीफ इंसान है। वह इसके पक्ष में नहीं था लेकिन इस चण्डी स्वरूप कलयुगी महिला के आगे उसकी एक नहीं चली। हीरावती शिवमंगल की तीसरी पत्नी बताई जाती है। उसने जब मासूम खेदन (10) को बुलाया तो उस वक्त उसकी मां व बहन चन्द्रवती ने देखा था। वह सब समझीं कि किसी काम के लिए हीरावती ने उसे बुलाया है। उन्हे नहीं पता था कि वह उसे आग के हवाले कर देगी। ये दोनों घर चली गयीं। इसके बाद उसने मासूम खेदन के हाथ पांव बांधकर उसे आग का शोला बना दिया। असहाय खेदन इन दोनों के सामने गिड़गिड़ाता रहा। दोनों के अंदर तनिक भी दया नहीं आयी। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों सीधे घर चले गये। इसकी भनक किसी को नहीं लगने दी।
बताते हैं कि घाघरा दियारा में रात को कोई जल्दी जाता नहीं है। इसलिए वह मासूम को आग के हवाले करने के बाद घर चले आये ताकि किसी को भनक न लग सके लेकिन खेदन के ताऊ (बडे़ पिता) शिवमंगल ने पुलिस को सब कुछ बता दिया।
आरोपी दम्पति को कोर्ट में किया पेश
बलिया: गत रात मासूम को जिन्दा जलाकर मार डालने के आरोपी पति-पत्नी को बांसडीह कोतवाली पुलिस द्वारा सीजेएम पीपी सिंह यादव की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर चौदह दिनों की रिमांड पर जिला कारागार भेज दिया। अदालत ने पति-पत्नी शिवमंगल व हीरावती को भादवि की धारा 302 के तहत जेल भेजा है।
Wednesday, April 22, 2009
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