बलिया। तपेदिक से पीडि़त कन्हैया इलाज के अभाव में एडि़यां रगड़-रगड़ कर आखिर काल के गाल में समा ही गया। न तो सरकार ने उस पर ध्यान दिया न बेदर्द जमाने ने।
घटना मुरली छपरा विकास खण्ड के धतुरी टोला गांव की है जहां के कन्हैया (48) पुत्र सिराज गोड़ की मौत बुधवार को हो गई। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला भूमिहीन कन्हैया तपेदिक से पीड़ित था और गरीबी के कारण वह अपना इलाज नहीं करा पाता था।
बताते हैं कि उसकी इतनी आमदनी नहीं थी कि अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुए अपना इलाज करा सके। बताया जाता है कि वह 'डाट्स' के तहत मुफ्त टीबी की दवा लेने सोनबरसा अस्पताल भी गया था किन्तु 'डाट्स' से सम्बन्धित कर्मचारियों ने बगैर पैसा दवा देने से मना कर दिया था। अन्तत: सदा-सर्वदा के लिए गरीब कन्हैया इस दुनिया से बुधवार को रुखसत हो गया।
Thursday, April 16, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment