बाल्यावस्था जीवन का स्वर्णिम अवसर होता है और बच्चे अपने भाग्य के स्वयं निर्माता होते हैं इसलिए सभी बच्चों को कठिन परिश्रम, लगन एवं निष्ठा के साथ अपने सम्पूर्ण समय को अध्ययन एवं पाठ्य सहगामी क्रियाओं में लगाना चाहिए ताकि उनका सर्वागीण विकास हो सके और वे देश के सुयोग्य नागरिक बन सकें।
देवस्थली विद्यापीठ चिलकहर में सोमवार को आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में विद्यालय के प्रधानाचार्य पीसी श्रीवास्तव ने उक्त उद्गार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभिन्न परीक्षाओं एवं प्रतियोगिताओं में विशिष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यालय के लगभग तीन सौ छात्र, छात्राओं को स्मृति चिह्न एवं अन्य पुरस्कार देकर प्रधानाचार्य ने उन्हे पुरस्कृत किया।
अपने सम्बोधन में प्रधानाचार्य ने कहा कि परीक्षा में सर्वोत्तम अंक एवं उच्चतम श्रेणी पाने वाले बच्चों ने इस संस्था के शैक्षिक गुणवत्ता व सम्मान को बढ़ाया है। इस अवसर पर सर्वप्रथम हाईस्कूल परीक्षा में जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त अदनान कफील को प्रधानाचार्य ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया जबकि करिश्मा सिंह कक्षा 11, चन्दन सिंह कक्षा 10, प्रशांत सिंह कक्षा 9, आयुषी तिवारी कक्षा 8 को उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने पर प्रतिभा सम्मान पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त कला विज्ञान तथा कम्प्यूटर की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्ति के लिए लगभग 250 बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन उप प्रधानाचार्य इन्दु त्रिपाठी ने किया।
Tuesday, November 17, 2009
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