बलिया। लोक कल्याणकारी राज्य में रोटी,कपड़ा मकान की जिम्मेदारी सरकार की होती है। रोटी,कपड़े का जुगाड़ जैसे-तैसे चल रहा है। सरकार ने देश के गरीबों की स्थिति सुधारने की कवायद में गरीबों को मुफ्त आवास देने हेतु कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना बनायी। इस योजना के तहत नगर क्षेत्रों में आवासों का निर्माण कराया गया। इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को आवास मुहैया कराना था। सरकार ने लाभार्थियों की पात्रता के मापदण्डों का पुन: निर्धारण करते हुए इसमें विधवाओं और विकलांगों को प्राथमिकता दिये जाने का निर्देश दिया। शासन ने निर्देश दिये कि सबसे पहले भूतल पर विकलांगों को आवास दिये जायें। उसके बाद वरीयता क्रम में विधवाओं को आवास उपलब्ध कराए जायें। जनपद में कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत कुल 1500 आवासों का निर्माण हुआ। इसमें से अभी तक कुल 804 आवासों को ही आवंटित किया गया है बाकी बचे हुए आवासों के आवंटन हेतु सर्वे का कार्य चल रहा है। पूरे जनपद में बनाये गये आवासों में चितबड़ागांव में कुल 732 आवास बनाये गये जिसमें अभी केवल 271 आवासों को आवंटित किया गया है। बाकी बचे 461 आवासों पर सर्वे किया जा रहा है। बांसडीह नगर क्षेत्र में 324 आवास बनाये गये हैं जिसमें 136 का आवंटन किया जा चुका है। बलिया नगर में कुल 372 आवास बने हैं जिसमें 326 आवास आवंटित किये जा चुके है। सिकन्दरपुर में कुल 72 आवास बने जहां सारे आवासों का आवंटन हो चुका है। इसमें अगर मानक के अनुरूप आवास आवंटन की बात की जाये तो जनपद में सारे आवास लाटरी सिस्टम से ही आवंटित किये गये। इसमें विधवा और विकलांगों के लिए सिर्फ इतना ही प्रयास किया गया है कि विकलांगों के लिए भूतल आरक्षित रखा गया है। जो विकलांग आवेदन किये उनको आवास आवंटित किया गया लेकिन वह भी लाटरी सिस्टम से ही। हालांकि कितने पात्र विकलांगों को आवास दिया गया इसका सही आंकड़ा अनुपलब्ध है। ऐसी स्थिति में यानि लाटरी सिस्टम में कितने पात्र लाभान्वित होंगे निश्चित नहीं है। विकलांग-विधवाओं के अतिरिक्त गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को भी आवासों का आवंटन जनपद में इसी पद्वति से किया गया है। जनपद में आवासों के आवंटन में ऐसे बहुत सारे पात्र हैं जो इस आस में दफ्तरों का चक्कर जरूर लगा रहे कि शायद पात्रता की सूची में वे भी आ जायें।
विकलांगों को भूतल पर मिलेगा आवास: एडीएम
बलिया : कांशीराम शहरी आवास योजना के आवंटन में विकलांगों व विधवाओं को प्राथमिकता दिये जाने के सवाल पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एके द्विवेदी का कहना है कि भरसक यह प्रयास किया गया है कि विकलांगों को भूतल पर ही आवास मिले, पर यह बताने में असमर्थता जाहिर किया कि कितने विकलांगों ने आवेदन किया और कितने को भूतल पर आवंटन किया गया। कहा कि अभी आवंटन प्रक्रिया अण्डर प्रासेस है तथा शासन के दिशा निर्देशों का पालन अक्षरश: हो यह प्रयास जारी है।
Friday, May 7, 2010
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