Friday, June 24, 2011

भूख, गरीबी में अपराध पर नियंत्रण असम्भव !

जब तक समाज में भूख, गरीबी व भेदभाव बरकरार रहेगा नित्य हो रही आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो सकेगा। यह बातें भारतीय मजदूर संगठन (इंटक) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एचएन शर्मा ने कही। वह गुरुवार को से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सरकार के लगभग सारे कार्य ठेकेदारी के तहत चल रहे हैं। ठेकेदार तो सम्बन्धित विभाग से पूरा पेमेंट उठा लेते हैं लेकिन मजदूरों को उसकी एक चौथाई मजदूरी भी नहीं मिल पाती है। कहा कि पूरे देश का भ्रमण करने के बाद यह सचाई उजागर हुई है कि एक हजार से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक मजदूरी पर अधिकतम मजदूर काम कर रहे हैं। आज महंगाई के दौर में उतने पैसे की क्या कीमत है। इस परिस्थिति मे मजदूर, नौजवान आपराधिक जगत की ओर कदम बढ़ा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराध पर नियंत्रण करना है तो उचित मजदूरी देनी होगी। श्री शर्मा ने कहा कि आज केन्द्र सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का न्यूनतम वेतन दस हजार तक निर्धारित किया है। मनरेगा के मजदूरों को एक सौ पचास रुपये तक प्रतिदिन मजदूरी देने की व्यवस्था की है। इसलिए केन्द्र तथा प्रदेश सरकार को ठेकेदारों को इनका उचित वेतन निर्धारित कर चेक द्वारा पेमेंट देने का निर्देश देना चाहिए। साथ ही इसकी पारदर्शिता के लिए कठोर नियम कानून बनाना चाहिए।

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