Tuesday, October 22, 2013

डीएम दफ्तर पर छात्र नेताओं व पुलिस में तकरार

सतीश चंद्र कालेज में अध्यक्ष के निष्कासन के विरोध में जिलाधिकारी को ज्ञापन देने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्र नेताओं व पुलिस में गरमा गरम बहस के साथ ही हाथापाई तक हुई। पुलिस द्वारा छात्र नेताओं के साथ किए गए इस दु‌र्व्यवहार से क्षुब्ध पूर्वाचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक व जिला पंचायत सदस्य नागेंद्र बहादुर सिंह (झुन्नू) ने 25 अक्टूबर को आत्मदाह की घोषणा कर दी। इससे प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। प्रतिनिधि मंडल ने डीएम को पत्रक सौंप कार्रवाई की मांग की।
पूर्वाचल छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले सतीश चंद्र कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल कुमार मिश्र का निलंबन वापस लेने तथा महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा की गई अनियमितता पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देने नगर के कुंवर सिंह, टीडी कालेज, व एससी कालेज के छात्र नेता गए थे। जिलाधिकारी कार्यालय पर छात्र नेताओं के समूह को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। इसको लेकर पुलिस व छात्र नेताओं में विवाद हो गया। सदर कोतवाल अजय राय ने छात्र नेताओं को खदेड़ने का प्रयास किया। इससे कुछ देर के लिए हंगामा खड़ा हो गया। सीओ सिटी आलोक जायसवाल ने सार्थक पहल करते हुए छात्र नेताओं के प्रतिनिधि मंडल को जिलाधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव से मिलवाया।
छात्र नेता नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नू ने कहा कि छात्रों के साथ हुए अपमान से क्षुब्ध होकर 25 अक्टूबर को वह आत्मदाह करेंगे या इसके पूर्व छात्र नेताओं के साथ अपमान व अमर्यादित व्यवहार करने वाले सदर कोतवाल को हटवाया जाए। छात्रों को संबोधित करते हुए झुन्नू सिंह ने कहा कि छात्रों का यह जनतांत्रिक आंदोलन पुलिस अपनी लाठी एवं डंडों के बल पर दबा नहीं सकती।
इस मौके पर मानवेंद्र विक्रम सिंह, अमृत सिंह डिंपल, राकेश सिंह, प्रभुनाथ यादव, विशाल प्रताप सिंह, राणा प्रताप यादव दाढ़ी, कृष्ण प्रताप यादव गोलू, रजनीकांत तिवारी, वीके सिंह, बबलू यादव, शक्तिशेखर सिंह, कमाल खां, आनंद विक्रम सिंह, दयाल शरण वर्मा, धनंजय यादव, विवेक सिंह, नकुल चौबे, राकेश ठाकुर, रत्‍‌नेश यादव, अनूप मिश्र, राकेश मोहन, मिथिलेश सिंह, रवि यादव, गोलू सिंह, प्रकाश सिंह आदि छात्र नेता उपस्थित थे।
डीएम ने मांगी रिपोर्ट
सतीश चंद्र कालेज व टीडी कालेज के प्राचार्य द्वारा अब तक चल रही जांच में आख्या उपलब्ध न कराने पर जिलाधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव ने नाराजगी जताई। सिटी मजिस्ट्रेट से तत्काल जांच रिपोर्ट मांगा। कहा कि आख्या न देने वालों के बारे में कुलपति को पत्र लिखा जाएगा।

Sunday, October 20, 2013

'लाइफ लाइन' का कायाकल्प युद्धस्तर पर!

इलाकाई लोगों के लिए परेशानी का सबब बने रतसड़-गड़वार मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मार्ग पर बड़ी-बड़ी गिट्टियां डालकर इसकी नए सिरे से मरम्मत की जा रही है। इससे इलाकाई लोगों ने राहत की सांस ली है।
इस मार्ग पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए थे। ऐसे में इस पर चलना खतरे से खाली नहीं था। पैदल चलना तो मुश्किल था ही, वाहनों के अस्थि पंजर भी ढीले हो रहे थे। बार-बार मांग के बावजूद इस मार्ग की मरम्मत नहीं कराई जा रही थी। सांसद नीरज शेखर व कैबिनेट मंत्री अंबिका चौधरी ने भी इस मार्ग की मरम्मत के लिए मकहमे को निर्देश दिया था फिर भी निर्माण कार्य की शुरुआत न हो सकी। 'जागरण' ने नासूर का रूप ले चुकी इस समस्या को 18 सितंबर केअंक में सचित्र प्रकाशित किया। इसके बाद संबंधित विभाग हरकत में आया। अब इस मार्ग पर गिट्टियां डालकर मरम्मत का कार्य तेज कर दिया गया है। इससे इलाकाई लोगों ने राहत की सांस ली है।

Friday, October 18, 2013

शनि चालिसा : भय, क्रोध और कष्ट दूर भागने का मंत्र

अक्सर लोग कहते हैं कि शनिवार के दिन कोई भी शुभकार्य शुरु नहीं करना चाहिए. इसके पीछे तर्क होता है कि इस दिन शनिदेव जी की दृष्टि होती है. शनिदेव जिन्हें आमतौर पर लोग एक बेहद क्रुर और क्रोध वाला देवता मानते है उनक दिन शनिवार को ही होता है. लेकिन लोगों का ऐसा मानना कि शनिदेव बुरे कार्यों के देवता होते है यह गलत है क्यूंकि इंसान का भला और बुरा तो उसके कर्मों की वजह से होता है. अगर आपके कर्म अच्छे हैं तो आपका बुरा होना नामुमकिन है.


shani-devफिर भी कई लोगों को शनिवार का दिन बहुत भारी पड़ता है. ऐसे लोगों पर शनिदेव जे की कोप दृष्टि होती है लेकिन ऐसे लोगों को भी हार नहीं मानना चाहिए, बल्कि शनिदेव जी को शांत करने के उपाय करने चाहिए.


शनिदेव को हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और तेल का दिया जलाने से प्रसन्न किया जा सकता है. शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालिसा पाठ करें. इसके साथ ही इस दिन शनिचालिसा का पाठ विशेष फल प्रदान कराता है.

॥दोहा॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।

दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

शनि चालिसा


जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिय माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल, कृष्ो, छाया नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गतिमति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवाय तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों। तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी। भूंजीमीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई। पारवती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा। नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। बची द्रौपदी होति उघारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो। युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देवलखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सजाना। जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा। सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा। स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी। स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै। कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला। करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥


॥दोहा॥


पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

Thursday, October 17, 2013

कलि के प्रभाव से धर्म के प्रति उदासीनता : हरिहरानंद

 ग्राम कर्णछपरा में सर्वमनोकामना सिद्धि श्रीहनुमान जी की 32 फीट की बैठे स्वरूप की प्रतिमा का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बुधवार को मूर्ति निर्माण कार्य का अवलोकन करने पधारे संत शिरोमणि स्वामी हरिहरानंद जी ने श्री ठकुरी बाबा मठ कर्णछपरा में धर्मानुरागियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री हनुमान जी बैठे स्वरूप की ऐसी प्रतिमा पूरे उत्तरी भारत में नहीं है। स्वामी जी ने कहा कि उक्त हनुमान जी की प्रतिमा में देश के कोने-कोने से श्री खपड़िया बाबा परिवार अथवा अन्यान्य धर्मानुरागी द्वारा लिखित हरिनाम का मंत्र लगभग साढ़े चार अरब की संख्या में डाला जा चुका है और अभी और भी महामंत्र डाले जाएंगे। 

स्वामी जी ने घोषणा किया कि उक्त मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 12 फरवरी 2014 को होगी। तत्पश्चात उक्त स्थान पर दो माह एक दिन (61 दिन) तक चलने वाले अति महारूद्र यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। कहा कि उक्त महायज्ञ में कुल 65 यजमान एक दिवसीय होंगे। इसके लिए क्रमश: 25 हजार, 30 हजार व 50 हजार की शुल्क की श्रेणी रखी गई है। स्वामी जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं का आह्वान करते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में ऐसे सौभाग्यशाली अवसर कभी-कभी प्राप्त होते हैं। ऐसे अवसर का सदुपयोग करते हुए अनुष्ठान में अपने साम‌र्थ्य के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को भागीदार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग नाना प्रकार के कष्ट, बीमारी तथा परेशानियों से जूझ रहे हैं ऐसे में हरिनाम संकीर्तन से बड़ा कोई सहज उपाय नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन भगवन्नाम का संकीर्तन करना चाहिए।

Wednesday, October 16, 2013

'बायोटेक्नालॉजी हब' बन सकता है सुरहा का आंचल

मुख्यालय से करीब 17 किमी की दूरी पर स्थित सुरहा ताल में प्रकृति से लेकर (वाइल्ड लाइफ) जंगली जीव व पक्षियों तक का अनोखा समुच्चय है। करीब 2549 वर्ग हेक्टेयर में फैला यह ताल अपने अंदर अपार संभावनाओं को समेटे हुए है लेकिन शासकीय उदासीनता से यह सिमटता जा रहा है।
विशेषज्ञों के शोध में यह तथ्य आया था कि इस ताल में विभिन्न जलीय जीव, मछलियां व कीड़ों की 37 प्रजातियां निवास करती हैं। यहां नायलान के कीड़े बहुतायत में पाए जाते हैं जिन्हें विकसित कर नायलान बनाया जा सकता है। पांच किमी के एरिया में फैले इस ताल में कभी पारंपरिक धान की 32 प्रजातियों की पैदावार होती थी लेकिन 2009 के बाद से घटकर अब मात्र 13 प्रजाति ही शेष रह गई हैं। 1991 में पक्षी अभयारण्य के तौर पर घोषित इस ताल में दूरदराज से आने वाले साइबेरियन पक्षी के अलावा अन्य कई विदेशी पक्षियों का बसेरा है। इन तमाम खूबियों से भरे इस ताल को बायोटेक्नालॉजी हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। आज बायोटेक्नालॉजी देश में उभरता हुआ क्षेत्र है जिसके लिए ये ताल सबसे उपयुक्त है। दिल्ली, बीएचयू व लखनऊ विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञों की टीम ने यहां पूर्व में किए गए अनुसंधानों के बाद कई चीजों को विकसित किए जाने की रिपोर्ट दी थी लेकिन सभी ठंडे बस्ते में डाल दी गई। सरकार अगर विशेषज्ञों की रिपोर्ट व शोध के आधार पर विचार करे तो बायोटेक्नालॉजी के क्षेत्र में यहां आपार संभावानाओं की तलाश की जा सकती है।
बायोटेक्नालॉजी पार्क बनाए जाने के बाद यहां जलीय जीवों के साथ विदेशों से आने वाले पक्षियों पर शोध किए जा सकते हैं। पक्षियों के रूट आदि पर शोध के साथ ही यहां की मिट्टी व जलीय जीव, पौधे तथा विभिन्न फसलों आदि पर भी अनुसंधान किए जा सकते हैं। बीएचयू के बॉटनी विभाग के आरएस अंबष्ट, अजीत श्रीवास्तव व सिद्धार्थ सिंह ने 1999 में यहां इकोलॉजिकल स्टडी किया था जिसमें कई तथ्य सामने आए थे। टीम ने ताल में कई गतिविधियों की वजह से लगातार फैल रहे फीजियो केमिकल को यहां के पर्यावरण के लिए खतरनाक करार दिया था लेकिन इस पर गौर नहीं किया गया। आज सारे तथ्यों के बाद इसके विकास के लिए जरूरत है तो बस सरकार की नजरें इनायत की।
ताल की तलहटी में अकूत भंडार : डा.अशोक
नगर के टाउन महाविद्यालय के कृषि रक्षा व मृदा विज्ञानी डा.अशोक कुमार सिंह ने भी अपनी टीम के साथ यहां शोध किए थे। उन्होंने बताया कि झील की तलहटी में कई तरह के जीवों का भंडार है। यहां की मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, जैविक कार्बन, जस्ता, बोरान व लोहा आदि पोषक तत्वों की मात्रा काफी अधिक है। बायोटेक्नालॉजी पार्क के लिए जो भी मानक हैं वे इस ताल में पर्याप्त मात्रा में हैं। इसे विकसित किया जाए तो ताल बहुत बड़ा व्यावसायिक केंद्र भी बन सकता है।

Tuesday, October 15, 2013

सायकिल यात्रा निकाल दिए आध्यात्मिक संदेश !

 प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र द्वारा आध्यात्मिक संदेश साइकिल यात्रा निकाली गई। इसका शुभारंभ हरपुर स्थित केंद्र पर दीप जलाने के उपरांत हरी झंडी दिखाकर किया गया।
इस संदर्भ में केंद्र प्रभारी राजयोनिगी बीके उमा दीदी ने बताया कि रैली मानव के नैतिक एवं चारित्रिक उन्नति हेतु तथा व्यसन, विकार की मुक्ति हेतु निकाली गई है। इसमें आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शन के साथ ही प्रोजेक्टर द्वारा वीडियो शो दिखाकर आध्यात्मिक प्रवचनों से राजयोग का रास्ता बताया गया। इस माध्यम से लोगों में आध्यात्मिक जागृति लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर से शुरू हुई संदेश साइकिल यात्रा 31 अक्टूबर तक भ्रमण करेगी। कहा कि अध्यात्म का यह मतलब नहीं है कि किसी संस्था के सदस्य बन जाएं बल्कि व्यक्ति का स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार हो और उसकी कायापलट हो। फेफना विधायक उपेंद्र तिवारी ने कहा कि मानव के दो मन होते हैं। एक बुरा करने को कहता है दूसरा बुराई से रोकता है। इस रैली से बहुत अच्छा और सार्थक कार्य किया जा रहा है। विधायक उपेंद्र तिवारी ने हरी झंडी दिखा कर रैली को रवाना किया। रैली में बीके कुसुम, जागृति व सुमन, कमलाकर, वीर बहादुर, दीनानाथ, उमाशंकर राजू पांडेय आदि ने सहभागिता की। संचालन वीके सुरेश ने किया।

Thursday, October 10, 2013

पांचवें दिन स्कंद माता की आराधना !

शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन बुधवार को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप के रूप में स्कंद माता की आराधना की गई। मां के दर्शन-पूजन को देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। उमड़ती भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां व्यापक इंतजामात किए गए हैं। मंदिर कमेटी के लोग भी व्यवस्था में जी-जान से लगे हुए हैं।
शंकरपुर की मां भगवती के दरबार में भक्तों की भीड़ भोर से ही जुटनी शुरू हो गई थी। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी। लोगों ने यहां दर्शन-पूजन के साथ ही मेले का भी भरपूर लुत्फ उठाया। नगर के जापलिनगंज स्थित मां दुर्गा मंदिर में नजारा कुछ ऐसा ही रहा। ब्रह्माइन गांव के मां ब्रह्माणी मंदिर में भी काफी भीड़ रही।
कोरंटाडीह स्थित मां मंगला भवानी मंदिर में भी दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं। कपूरी नारायणपुर स्थित मां कपिलेश्वरी भवानी मंदिर में भी नवरात्र में मां का विधिवत दर्शन-पूजन हो रहा है। कमोवेश यही स्थिति उचेड़ा की चंडी भवानी देवी मंदिर, सिकंदरपुर स्थित खरीद की देवी के यहां भी देखी जा रही है।
सुखपुरा प्रतिनिधि केअनुसार कस्बे के उत्तरी क्षेत्र में स्थित मां भगवती मंदिर में सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का तांता पूजन-अर्चन के लिए लगा रहता है। नवरात्र के पांचवें दिन बुधवार को मंदिर परिसर में काफी भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं में महिला, पुरुष व बच्चे समान रूप से शामिल रहे। मंदिर के व्यवस्थापक वीरेंद्र सिंह ने प्राय: समस्त श्रद्धालुओं का ध्यान रखा व प्रसाद वितरित किया।

उम्र की मोहताज नहीं प्रतिभा, चाहिए सही मार्ग दर्शन सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेता पुरस्कृत !

सिकंदरपुर (बलिया) : प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है। केवल जरूरत है उसे सही मार्ग दर्शन की। यदि सही मार्ग दर्शन मिल जाए तो लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह बातें प्रोफेसर उदय पासवान ने कही। वह मंगलवार को लक्ष्य सेवा संस्थान के तत्वावधान में स्थानीय गांधी इंटर कालेज के प्रांगण में आयोजित सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। समारोह में संस्था की तरफ से आयोजित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता 2013 के उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान कर उन्होंने सम्मानित किया। समारोह में प्रथम पुरस्कार राघवेंद्र राय को जहां साइकिल प्रदान की गई वहीं द्वितीय पुरस्कार अंशिका श्रीवास्तव एवं तृतीय पुरस्कार विवेक कुमार को मिला। इनके साथ ही तीन दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। विशिष्ट अतिथि गांधी इंटर कालेज के प्रबंधक अरविंद कुमार राय ने छात्र-छात्राओं के प्रतिभागी परीक्षाओं में भाग लेने पर बल दिया। संदीप आर्य, प्रयाग चौहान, संजय मिश्र, आशुतोष कुमार राय, सुदीप कुमार, सुरेंद्र शर्मा, ब्रजनाथ वर्मा, अभिषेक कुमार आदि मौजूद थे। अध्यक्षता अरविंद राय तथा संचालन मोहन कांत राय ने किया।

Tuesday, October 8, 2013

पूरी होती रहीं मुरादें बढ़ती गई आस्था !

जनपद की धरती का जर्रा-जर्रा आध्यात्मिक पहलुओं से समृद्ध है। मां ब्रह्माणी व शंकरपुर के मां भगवती मंदिर का इतिहास जहां राजा सुरथ से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां मां के दरबार में लोग हाजिरी लगाते रहे, उनकी मुराद पूरी होती रही, मां के प्रति लोगों की आस्था बढ़ती गई और कालांतर में उस मंदिर को इतनी प्रसिद्धि मिल गई कि नवरात्र जैसे खास मौके पर दूर-दराज के लोगों के आने का सिलसिला भी प्रारंभ हो गया।

नगर के जापलिनगंज मुहल्ले का दुर्गा मंदिर भी इन्हीं में से एक है जहां दर्शन-पूजन को इन दिनों आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। मंदिर के पुजारी 85 वर्षीय श्रीकांत चौबे बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण कार्य 1965 में उनके द्वारा जनता के सहयोग से प्रारंभ कराया गया था। उस समय इस क्षेत्र में कालरा फैला था। तब यह बिल्कुल सुनसान था। मंदिर के पास नीम का अति प्राचीन पेड़ था। उस समय लोग उनके पास आए और इसके निदान का उपाय पूछा। रात में मां भगवती ने बाबा को साक्षात दर्शन देकर नीम के पेड़ की पूजा करने और उसके पास मंदिर निर्माण के लिए कहा। लोगों ने पेड़ की पूजा की और कालरा का प्रकोप भी जाता रहा। धीरे-धीरे मंदिर का निर्माण कार्य भी जोर पकड़ता गया और आज यह मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बिंदु बन गया है। पुजारी जी के बीमार पड़ जाने से मंदिर में पूजन-अर्चन का कार्य उनके शिष्य नीरज पाठक द्वारा किया जा रहा है।

सीता को चोंच मारकर जयंत ने गंवाई आंख !

रसड़ा (बलिया): रसड़ा की सुप्रसिद्ध रामलीला के पांचवें दिन मंगलवार की शाम श्रीराम द्वारा जयंत का अंग-भंग किए जाने की जीवंत लीला को देखने के लिए हजारों दर्शकों की भीड़ जमा रही। स्टेडियम की तर्ज पर बने रसड़ा रामलीला मैदान में राम, सीता व लक्ष्मण द्वारा वन गमन के दौरान इंद्रदेव का पुत्र जयंत पक्षी का रूप धारण कर राम की परीक्षा लेने की नीयत से सीता के पैर में चोंच मारकर लहूलुहान कर देता है। इस नजारे को देख राम अचंभित होकर सीता से इसका पूरा हाल जानते हैं। तत्पश्चात जयंत को मारने के लिए वाण छोड़ देते है। जयंत अपनी जान बचाने के लिए अनेक देवी देवताओं की शरण में जाता है किंतु सभी दुत्कार देते है कि तुमने मां सीता का अपमान किया है। अंत में नारद मुनि के कहने पर वह श्रीराम के चरणों में गिरकर माफी मांगने लगता है। सीता के कहने पर राम को दया आती है और सिर्फ उसका एक आंख भंग कर छोड़ देते हैं। इस भाव पूर्ण लीला को देखकर राम की दयालुता पर दर्शक नारे लगाने लगे। इसके बाद वन गमन के दौरान सती अनसुइया से मुलाकात होती है और वह सीता को नारी का विधिवत ज्ञान देकर मार्गदर्शन करती है। इस दौरान मेले में सरकस, चर्खी, जादूगर आदि मनोरंजन कार्यक्रमों को देखने के लिए हजारों की भीड़ जुटी रही। इस अवसर पर मेला कमेटी के अध्यक्ष संजय जायसवाल, अरविंद उर्फ विपू पाडे, टुना जी आदि पदाधिकारियों की सराहनीय भूमिका रही।

Monday, October 7, 2013

लिंगभेद मिटाने को दें बालिकाओं को समीचीन शिक्षा !

समाज से लिंगभेद मिटे, इसके लिए बालिकाओं को उचित वातावरण व समीचीन शिक्षा देने की जरूरत है। यह बातें प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अंबिका चौधरी ने कहीं।
वह सोमवार को यहां अमरनाथ मिश्र पीजी कालेज में छात्रसंघ उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कैबिनेट मंत्री ने उद्घाटन समारोह पर महाविद्यालय परिसर में एक भी छात्रा के उपस्थित न रहने को गंभीरता से लेते हुए प्राचार्य से जानना चाहा कि इस स्थिति में लिंगदोह कमेटी की बात करना कहां तक उचित है। उन्होंने कालेज के विकास में सहयोग का आश्वासन प्राचार्य को दिया।

विशिष्ट अतिथि उपजिलाधिकारी शीतला प्रसाद यादव ने कालेज के विकास के लिए प्रशासनिक स्तर से सहयोग देने का वादा किया। समारोह को सपा के जिला सचिव लालू यादव, जिला पंचायत सदस्य मनोज कुशवाहा, पूर्व प्रधान मनोज यादव, सचिन सिंह, सुशील पांडेय, नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नू, राणा प्रताप यादव दाढ़ी, शैलेश चौधरी पप्पू, जिला महासचिव विनायक मौर्य, द्वाबा अध्यक्ष राजप्रताप यादव आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता छात्रसंघ अध्यक्ष शिखर पांडेय व संचालन महामंत्री सोनू गुप्ता की तरफ से मनोज कुशवाहा ने किया। इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री ने सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर छात्रसंघ का उद्घाटन किया। वहीं छात्रसंघ के पदाधिकारियों को छात्रहित में कार्य करने का सुझाव दिए। प्राचार्य डा. सत्यप्रकाश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सुदिष्ट बाबा महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष निर्भय सिंह गहलौत, संतोष कुमार सिंह, मिथिलेश चौबे, अरविंद सेंगर व रोशन गुप्त आदि ने कैबिनेट मंत्री का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

द्वाबा की धरती मेरे लिए तीर्थ समान

कैबिनेट मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि द्वाबा क्षेत्र मेरा घर है। मैंने राजनीति का ककहरा यहीं से सीखा है। मेरे लिए यह क्षेत्र किसी तीर्थ से कम नहीं है। मैं जब भी इस क्षेत्र में आता हूं, मेरे मन व शरीर में नई ऊर्जा भर जाती है।

श्री चौधरी ने स्व. मैनेजर सिंह को अपना राजनीतिक गुरु बताते हुए कहा कि मैं जिस मुकाम पर हूं, वहां पहुंचाने में मैनेजर सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

पांच लाख के चेक संग शहीद के घर पहुंचे शाही !

 उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा राहत के दौरान हेलीकाप्टर दुर्घटना में शहीद संजीव के परिवार वालों को भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को पार्टी की तरफ से पांच लाख रुपये का चेक प्रदान किया तो उनकी आंखें एक बार फिर छलछला गईं। अपने बहादुर बेटे के खोने का गम पतनारी गांव में एक बार फिर ताजा हो गया।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का कारवां सोमवार को चार बजे पतनारी गांव पहुंचा। वहां वे सबसे पहले शहीद के घर पहुंच बहादुर संजीव को श्रद्धांजलि दिए। परिजनों का कुशलक्षेम पूछा व पार्टी की तरफ से पांच लाख रुपये की सहायता राशि का चेक शहीद के पिता गौतम प्रसाद को प्रदान किया। श्री शाही ने कहा कि जांबाज संजीव की शहादत हर हिंदुस्तानी के लिए मदद की एक अद्वितीय मिसाल है। इससे हमारे युवा साथियों को अपनी जान की बाजी लगा देश की सेवा व देशवासियों की रक्षा की प्रेरणा मिलती रहेगी। शहीद के पिता गौतम ने एक बार फिर शहीद बेटे के नाम स्मारक लगाने या स्टेडियम बनाने की मांग की। इस पर श्री शाही ने कहा कि सत्ता में आते ही वे उनकी भावनाओं का सम्मान करने की पूरी कोशिश करेंगे। इस दौरान गोरक्ष प्रांत चिकित्सा प्रकोष्ठ के सह संयोजक डा. अच्युत प्रताप सिंह, पूर्व विधायक अनिल पासी, देवेंद्र यादव, केतकी सिंह, भरत सिंह, सकलदीप राजभर आदि उपस्थित रहे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का किया स्वागत
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही के आगमन पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूरी सरगर्मी के साथ अपने नेता का स्वागत किया। पड़ोसी जनपद देवरिया के भागलपुर से ही काफी संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपने नेता की अगुवाई करते हुए बलिया जनपद में प्रवेश कराया और तुर्तीपार चौराहा आते ही फूल मालाओं से लाद दिया। श्री शाही ने भी पूरे उत्साह के साथ कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। भागलपुर में गोरक्ष प्रांत चिकित्सा प्रकोष्ठ के सह संयोजक डा. अच्युत प्रताप सिंह ने फूल माला से लाद स्वागत किया। वहीं तुर्तीपार में भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान भाजपा नेता चुन्नू सिंह, भरत सिंह, सूर्यबली प्रसाद, धर्मेद्र सोनी, अशोक मधुर, सरयू कन्नौजिया, लोहा सिह आदि उपस्थित रहे।

Sunday, October 6, 2013

धूमधाम से निकाली महाराज अग्रसेन की शोभायात्रा !

महाराजा अग्रसेन जयंती के परिप्रेक्ष्य में रविवार को नगर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। अग्रवाल मुहल्ला गुरुद्वारा रोड स्थित हनुमान मंदिर से निकाली गई शोभायात्रा चौक सिनेमा रोड होते हुए अग्रवाल धर्मशाला जाकर समाप्त हुई। शोभा यात्रा में शामिल झांकियां अनुपम छटा बिखेर रही थीं।
इसमे शामिल अग्रवाल समाज के लोगों संग महिलाएं व बच्चे भी महाराज अग्रसेन के जयकारे लगाते चल रहे थे। नागा जी शिशु मंदिर के बच्चों ने शोभा यात्रा में बैंडबाजा संग अद्भुत प्रदर्शन किया। गुजरने वाले रास्ते के दोनों तरफ इस नजारे को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ थी। लोग छतों पर भी डटे हुए थे। शोभा यात्रा की समाप्ति के पश्चात अग्रवाल धर्मशाला में विविध आयोजन हुए। इस मौके पर अग्रवाल समाज के अध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद अग्रवाल, राधारमण अग्रवाल, राजेश कुमार अग्रवाल, निधेश अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, प्रेम प्रकाश अग्रवाल, अभिषेक गर्ग, परमेश्वरन श्री, अंकित अग्रवाल आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के संयोजक राम गोपाल अग्रवाल ने आभार जताया।

स्मरण शक्ति की अभिवृद्धि को दिए टिप्स !

भूलना व स्मरण ये दोनों मस्तिष्क की अनूठी विशेषताएं हैं परंतु कुछ सूत्रों को अपनाकर निरंतर अभ्यास करते रहने से मस्तिष्क की स्मरण शक्ति में अभिवृद्धि की जा सकती है।
यह बातें विषय विशेषज्ञ दिलीप राय ने कही। वह यहां सन् फ्लावर पब्लिक स्कूल गढि़या-रसड़ा में शनिवार को बीआईआरडी लखनऊ द्वारा आयोजित भूलना भूल जाएंगे विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में जहां कक्षा छह से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया वहीं विद्यालय के सभी शिक्षक भी मौजूद रहे। डा. राय ने बताया कि प्रकृति ने हमारे मस्तिष्क की संरचना पूर्ण विकसित कंप्यूटर के रूप में की है। स्मरण शक्ति को विकसित करने के लिए अनेक वैज्ञानिक शोध हुए हैं जिससे हम अतीत और वर्तमान के गणीतिय गणना को पलक झपकते ही अपने स्मरण पटल पर ला सकते हैं। कार्यशाला में उपस्थित अन्य विशेषज्ञों ने प्रश्नोत्तर विधि अपना कर विषय को सरल ढंग से बच्चों के समक्ष प्रस्तुत किया। विद्यालय की निदेशक ममता श्रीवास्तव, प्रबंधक एनपी श्रीवास्तव ने भी कार्यशाला में बच्चों को मनोवैज्ञानिक व कंप्यूटर से संबंधित कई जानकारियां दीं। कार्यशाला में प्रशासक नंदलाल मौर्य, पूनम सिंह, आरती सिंह, सरिता श्रीवास्तव, ओमप्रकाश राजेश, विजय शंकर, भगवान गुप्ता, शैलेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।

अपहर्ताओं के चंगुल से 11 घंटे बाद मुक्त हुआ अमरजीत !

उभांव थाना क्षेत्र के कृषि मंडी के समीप से शुक्रवार की शाम पांच बजे अपहर्ताओं ने एक व्यक्ति को जबरन उठा लिया। इससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए घटना के करीब 11 घंटे बाद ही अपहृत व्यक्ति को सकुशल मुक्त करा लिया। इस मामले में पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जबकि इसमें शामिल अन्य बदमाश फरार हो गए। मामला नौकरी के नाम पर पैसे के लेनदेन का बताया जा रहा है। तेंदुआ पाही निवासी अमरजीत यादव शुक्रवार को अपने घर जा रहे थे। इसी बीच तीन बाइकों पर सवार छह बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद हथियार की नोंक पर उन्हें जबरन बाइक पर बैठा लिया। देर रात को अपहृत अमरजीत यादव की पत्नी गीता देवी ने उभांव थाना पुलिस को लिखित तहरीर देकर अपने पति के अपहरण की आशंका जताई। इससे पुलिस के होश उड़ गए। बारिश के बाद भी पुलिस सकुशल बरामदगी के लिए संबंधित ठिकानों पर दबिश देती रही। पुलिस को चार बजे तड़के मामले में सफलता हाथ लग गई। थाना क्षेत्र के तुर्तीपार गांव के समीप अपहृत व्यक्ति को साथ ले जा रहे बदमाशों को पुलिस ने दबोच लिया। उभांव थानाध्यक्ष संदीप सिंह ने बताया कि गिरफ्तार रामभरोसा यादव व गुड्डू यादव दोनों काजहां थाना मईल के रहने वाले हैं। इनके साथ रहे अन्य भाग निकलने में सफल हो गए। पुलिस फिलहाल मामले की छानबीन में जुट गई है।

Saturday, October 5, 2013

शारदीय नवरात्र आज से, गुलजार रहे बाजार !

शारदीय नवरात्र इस बार पांच अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इसके मद्देनजर बाजार गुलजार हो गए हैं। नवरात्र में विधिवत पूजन-अर्चन करने की मंशा मन में संजोए लोग खास कर महिलाएं खरीदारी में जुट गई हैं। शुक्रवार को पूजन सामग्री खरीदने के लिए दुकानों पर रात तक भारी भीड़ देखी गई।
नवरात्र व दशहरा को देखते हुए महिलाओं द्वारा घरों की साफ-सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। देवी मंदिरों की भी साफ-सफाई व सजावट का कार्य अंतिम चरण में है। नगर के जापलिनगंज स्थित मां दुर्गा मंदिर, कोरंटाडीह स्थित मां मंगला भवानी मंदिर, कपूरी नारायणपुर स्थित मां कपिलेश्वरी भवानी मंदिर, उचेड़ा की चंडी भवानी देवी मंदिर, हनुमानगंज में ब्रह्माणी देवी मंदिर, सिकंदरपुर स्थित खरीद की देवी, बिल्थरारोड में परमेश्वरी-भगेश्वरी मंदिर, शंकरपुर स्थित मां शांकरी देवी मंदिरों की साफ-सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर होता रहा। सुखपुरा कस्बे में स्थित मां भगवती के मंदिर में भी पूजन की विधिवत तैयारी चल रही है। उधर महंगाई भी देवी मां के भक्तों के हौसले को नहीं डिगा पा रही है। बाजार में नारियल 25-30 रुपये व चुनरी 20-25 रुपये में बिक रही है। इसके साथ ही धूप, अगरबत्ती, सिंदूर, रोली, कपूर, दीया-बाती, कलश, मां दुर्गा की छोटी प्रतिमा, दुर्गा सप्तसती की किताब आदि भी लोग खरीद रहे हैं।
इस मौके पर सजावट के लिए चाईनीज झालर की मांग काफी बढ़ गई है। मां ब्रह्माणी व अन्य मंदिरों के आस-पास भी पूजन सामग्रियों की दुकानें सज गई हैं। आने वाले त्योहारों को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

प्रशासन को नहीं मिली कामयाबी, अनशन जारी !

बिल्थरारोड (बलिया): क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण सीयर-चरौवां-कसेसर मार्ग के जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर जारी आंदोलन के तहत शुक्रवार को प्रशासन ने अनशनकारियों को मनाने की कोशिश की लेकिन अधिकारियों को नाकामी ही हाथ लगी।
जन संघर्ष समिति के बैनर तले अनशन पर बैठे समाजसेवी मुन्नर यादव ने प्रशासनिक पहल के तहत मिले आश्वासन पर असंतोष जताते हुए सड़क निर्माण का आदेश मिलने तक अनशन जारी रखने का एलान किया। इससे एसडीएम बृजपाल सिंह व सीओ बृजेश सिंह समेत अधिकारियों को वापस लौट जाना पड़ा। सड़क निर्माण की मांग को लेकर राजपुर गांव की चट्टी पर विगत 22 सितंबर से आंदोलन चल रहा है।