Thursday, February 24, 2011

बिल्डिंग चकाचक, अंदर गंदगी क्यों ?

दिन गुरुवार, समय-अपराह्न 3:37 बजे, स्थान-सदर अस्पताल का नया भवन..। करीब सात मिनट तक अंदर की गंदगी देख भड़क गयीं माया मैडम। अंदर तो कुछ नहीं बोलीं लेकिन बाहर निकलते ही गीता वाटिका में प्रशासनिक चक्रव्यूह में मोटी रस्सी के सहारे रोके गये मीडिया के लोगों को करीब बुलाकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को कड़ी फटकार लगानी शुरू कर दीं। पूछा कब बना यह हास्पिटल, जवाब मिला 2003 में। इस पर उन्होंने सीएमएस की ओर मुखातिब होते हुए कहा लग रहा जैसे सौ साल पुराना हो। बिल्डिंग चकाचक और अंदर गंदगी की भरमार। मौके की नजाकत को भांपते हुए जिलाधिकारी सेंथिल पाण्डियन सी कुछ बोलते इससे पहले ही मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में उनसे कहा कि आपने शासन को पत्र क्यों नहीं लिखा। इस दौरान प्रमुख सचिव फतेह बहादुर व कैबिनेट सचिव शशांक शेखर ने भी सीएमएस को आवश्यक निर्देश दिये। वह सदर कोतवाली के निरीक्षण के बाद ओवर ब्रिज के रास्ते यहां पहुंची थीं। भूरे रंग की शाल ओढ़े जेड स्पेशल श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था के बीच एम्बेसडर कार यूपी 32 बीजी-2457 में फिर बैठ मुख्यमंत्री मायावती दलित बस्ती जगदीशपुर की तरफ रुख कर लीं। इस दौरान सदर अस्पताल परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। वार्डो में बेडों पर नयी साफ-सुथरी चादर पड़ी थी। मरीजों को बेड से न उठने की सख्त हिदायत थी तो उनके परिजनों को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। पूरब-दक्षिण तरफ की बाउण्ड्री की ओर महिलाओं व पुरुषों के बार-बार आ जाने से पुलिस उन्हे हिदायत देने में ही व्यस्त रही। दलित बस्ती जगदीशपुर में पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने लोगों का अभिवादन हाथ हिला कर किया और साफ-सफाई के लिए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को आवश्यक निर्देश देते हुए काफिले के साथ तत्काल निकल गयीं पुलिस परेड ग्राउण्ड में बने हैलीपैड की ओर।

Wednesday, February 23, 2011

लोकहित का संदेश देता है संतों का जीवन!

संतों का जीवन पूरे समाज व राष्ट्र के लिए होता है। संत गाडगे जी महाराज ने अपनी संत साधना व शुचिता पूर्ण जीवन से समाज को लोकहित का संदेश दिया। इन्हीं संतों से हमें प्रेरणा लेकर एक सुखी व समता मूलक समाज की स्थापना का संकल्प लेना चाहिए ताकि अन्याय व उत्पीड़न का अंत हो सके व सबके जीवन में सुख का नया सबेरा आये। महान संत गाडगे जी महाराज की 136वीं जयंती पर स्थानीय गांधी पार्क में बुधवार को आयोजित अखिल भारतीय रजक महासंघ सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने उक्त उद्गार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के साथ पूर्व प्रधानाचार्य गुलाब चन्द्र, गोपाल शरण कन्नौजिया, रुद्रप्रताप सिंह, इन्द्रजीत सिंह, रामजी सिंह आदि ने संत गाडगे के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने सम्बोधन में ओमप्रकाश ने कहा कि रजक समाज के लोग अपने पेशे के साथ-साथ नयी तकनीकी युग में अपने बच्चों को शिक्षा की तरफ प्रेरित करें। इस अवसर पर जगधारी कन्नौजिया, अखिलेश, सत्य नारायण, सत्य भूषण, रामजी पथिक, श्रवण कुमार, दर्शन चौधरी, लल्लन चौधरी, अनिल चौधरी आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता गुलाब चन्द्र व संचालन गोपाल शरण ने किया।

मन का अहंकार दूर होने से जगता है सेवाभाव !

सेवाभाव तभी जगता है जब मन का अहंकार दूर हो जाये। सेवा निष्छल भाव से होनी चाहिए। युवाओं में अपार ऊर्जा है जरूरत है सिर्फ सेवा के प्रति हृदय में अकूत जिज्ञासा भरने की। यदि इस राष्ट्र के सभी नागरिक यह समझ लें कि सेवा हमारा मूल कर्तव्य है तो हमारा देश आज भी सोने की चिड़ियां बन जायेगा। उक्त विचार कामेश्वर धाम प्रबंधक रमाशंकर जी ने कामेश्वर धाम शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का उद्घाटन किया। जमुना राम महाविद्यालय चितबड़ागांव के एनएसएस की छात्राओं ने सामूहिक वन्दना तथा स्वागत गान प्रस्तुत किया। इस विशेष शिविर में जमुना राम महाविद्यालय के एनएसएस के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने स्वयं सेवक सेविका के रूप में हिस्सा लिया। इस दौरान स्वयं सेवियों ने कामेश्वरधाम शिवमंदिर प्रांगण में कई घण्टों शारीरिक श्रम कर साफ-सफाई का कार्य सम्पन्न किया। शिविर में उपस्थित डा. डीएन उपाध्याय, अभय श्रीवास्तव, शिव कुमार कौशिकेय, हरेन्द्र सिंह आदि गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। शिविर की अध्यक्षता प्रबंधक डा. धर्मात्मानंद गुप्त तथा संचालन बृजेश गुप्त ने किया।

Saturday, February 19, 2011

गेहूं की लहलहाती बालियां देख किसान गदगद!!

स्थानीय क्षेत्र के किसान इस समय अपने खेतों में गेहूं की लहलहाती बालियां देखकर गदगद हैं। उन्हें इस बार अच्छी पैदावार होने का अनुमान है।

हाड़तोड़ परिश्रम करके किसान अब अपने लहलहाते फसल को तैयारी के बाद सुरक्षित घर में रखना चाहते हैं। अगैती फसल की तैयारी हेतु किसान नवम्बर के प्रथम सप्ताह में देशी खाद व रासायनिक खाद डालकर जाड़े के कड़ाके के ठंड में पानी भरकर फसल तैयार किया है। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान जगदीश यादव ने बताया कि इस समय गेहूं के बढ़ते दाम को देखकर किसानों ने अगैती फसल तैयार करने में जुटे हैं। अगर कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई तो इस बार पैदावार अच्छी है। फोटो परिचय-खेत में लहलहाती गेहूं की फसल।

Friday, February 4, 2011

छू लें आसमां.....उम्मीदें है यहां!!!!!

चली थीं अकेले कभी, अब कारवां ही कारवां नजर आने लगे
जीवन की राहों में वक्त के थपेड़े भी हौसला बढ़ाने लगे
उत्साह व आवेग के पंख जुड़ गये ऐसे
हार के रास्ते भी उन्हे जीत का हुनर बताने लगे..।
कुछ ऐसे ही जोश, जज्बे व जुनून के साथ गरीब मां-बाप के सपनों को साकार करने के लिए चल पड़ी है बेटियां। माध्यम बनाया खो-खो को। राष्ट्रीय फलक पर छा जाने की कवायद में इन्होंने पांव इस सोच के साथ आगे बढ़ा दिये है कि चलो छू लें आसमां..उम्मीदे है यहां।

नगर के आनंद नगर मुहल्ले के अरविन्द शर्मा आलमारी बनाने के कारोबार से जुड़े हैं। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी बेटियां खेल जगत में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर लेंगी लेकिन उनकी तीन बेटियां क्रमश: सुजाता, सुप्रिया व अम्बिका ने अपने दमदार प्रदर्शन से यह साबित कर दिखाया है कि अगर प्रतिभा है तो वह उजागर होगी ही। अभी हाल ही में खो-खो में प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित की गयी सुजाता ने अपनी बहनों को बस राह दिखायी। उसी के नक्श-ए-कदम पर चल रही है उसकी छोटी बहनें सुप्रिया व अम्बिका जो उत्तर प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए दो दिन पूर्व सिलिगुड़ी से सब जूनियर नेशनल खो-खो खेलकर वापस लौटी है। इनसे छोटी अमृता व भाई रोशन भी खो-खो के प्रति काफी दिलचस्पी लेने लगे है। सीनियर बालिकाएं भी इन्हें खो-खो के गुर सिखाने में पीछे नहीं है। इन बालाओं को बस एक ही बात सालती है कि खो-खो खिलाड़ियों को इस जनपद में अपेक्षित प्रोत्साहन आखिर क्यों नहीं मिलता। गुरुवार को बातचीत के दौरान इन खिलाड़ियों ने पूरी व्यवस्था पर जमकर भड़ास निकाली। कहा पूरे उत्तर प्रदेश में खो-खो का गढ़ बन चुके बलिया में इसका कैम्प एलाट न किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है वहीं जनप्रतिनिधियों की भी जमकर खबर लीं। कहा कि इन्हे यह नहीं भूलना चाहिये कि सामाजिक समरसता को अगर संजीवनी मिलती है तो खेल के मैदानों में ही जहां से प्रस्फुटित होने वाले संदेश क्षेत्र विशेष ही नहीं अपितु राष्ट्र की अखण्डता को मजबूती प्रदान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते।

Tuesday, February 1, 2011

सुजाता को बेस्ट प्लेयर ऑफ यूपी अवार्ड !!

अपने दमदार प्रदर्शन से कम समय में ही राष्ट्रीय फलक पर छा जाने वाली जनपद की उदीयमान खो-खो खिलाड़ी सुजाता शर्मा को 'बेस्ट प्लेयर ऑफ यूपी' अवार्ड प्रदान किया गया है। यह अवार्ड हासिल करने वाली वह बलिया की दूसरी खिलाड़ी है। इनसे पहले वर्ष 2008 में यहां की मृगेन्दु राय को भी यह अवार्ड मिल चुका है। सुजाता को लखनऊ के बाबू केडी सिंह स्टेडियम में सातवें यूपी ओलम्पिक गेम्स के समापन अवसर पर सूबे की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा बाबू बनारसी दास पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस क्रम में उसे ट्राफी के साथ ही ग्यारह सौ की धनराशि भी प्रदान की गयी। खास बात यह कि सुजाता ने यह उपलब्धि बलिया की अंजू, उभया, हर्षिता, तनवी, लखनऊ की संध्या गुप्त तथा इलाहाबाद की अर्चना व पिंकी जैसी स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी में हासिल की। वह सब जूनियर, जूनियर व सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप के अलावा स्कूल नेशनल गेम्स में भी जलवा दिखा चुकी है। यूपी ओलम्पिक गेम्स में प्रतिभाग करने के बाद रविवार को गृह जनपद पहुंची सुजाता के चेहरे की मुस्कान सब कुछ स्वत: कह दे रही थी। उसने अपनी इस कामयाबी का श्रेय परिजनों को देते हुए कहा कि उन्हीं की बदौलत यह सब सम्भव हो सका है। उसने कहा कि मुझे फº है अपने परिजनों पर जिन्होंने मुझे खेल जगत में कुछ कर गुजरने का मौका दिया। सुजाता ने कहा कि स्टार खिलाड़ियों द्वारा उसे विषम परिस्थितियों में धैर्य न खोने की दी गयी सीख, उत्तर प्रदेश खो-खो एसोसिएशन के सचिव विनोद कुमार सिंह की नसीहत और बतौर मैनेजर व प्रशिक्षक सुधीर कुमार सिंह के टिप्स ने उसे सफलता की राह दिखायी।