Friday, July 30, 2010

आतंकी हमले में शहीद जवान को दी गयी अंतिम विदाई!

आतंकी हमले में शहीद जवान का शव गुरुवार को उसके पैतृक गांव किशुनीपुर तिवारी टोला में आते ही कोहराम मच गया। साथ आये सेना के जवानों ने शहीद साथी को शस्त्र सलामी दी। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ गंगा तट ओझवलिया घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

बता दें कि ओसोम में 15 बटालियन सीमा सुरक्षा बल की शस्त्र सेना के जवान 26 जुलाई को गश्त पर थे। इसी बीच अचानक नेशनल डेमोक्रोटिक फ्रंट बोडो लैंड के उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इस उग्रवादी हमले में सेना के सहायक कमाण्डेट किशोर कुणाल, उपनिरीक्षक प्रताप सिंह व कांस्टेबल अमित तिवारी शहीद हो गये थे। इसमें वाहन चालक भी घायल हो गया था। बलिया के किशुनीपुर तिवारी टोला निवासी अमित कुमार तिवारी पुत्र शोक हरण तिवारी का शव ओसोम के चिरांग जिला अंतर्गत सिखलाई के जंगलों से विमान से सीधे दिल्ली और वहां से उसे पटना हवाई अड्डें पर लाया गया। सीमा सुरक्षा बल के जवान वाहन पर ताबूत को लेकर शहीद के गांव पहुंचे तो पहले से ही खड़े सैकड़ों लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। हर कोई गाड़ी से उतरते ताबूत की एक झलक पाने के लिए उतावला था। वाहन के आगे चल रहे सहायक कमाण्डेट एनएस मेहरा के निर्देशन में शव को दरवाजे के सामने उतारा गया। इसके बाद सेना के जवानों ने शस्त्र सलामी देकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी। शहीद के शव को गांव से गंगा तट ओझवलिया घाट पर ले जाया गया। वहां प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम सदर संतोष शर्मा, सीओ सिटी सिद्धार्थ व एसओ शोभनाथ यादव की देखरेख में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मुखागिन् शहीद के पिता शोक हरण तिवारी ने दी।

फलक रो रहा था, फटा जा रहा था धरती का सीना

अजीब दृश्य था वहां का। वहां मौजूद सबकी आंखें नम थीं। सपूत की मौत पर जहां फलक रो रहा था वहीं धरती का सीना भी फटा जा रहा था। गमगीन माहौल के बीच लोगों को इस बात का भी फख्र था कि अमित देश के काम आया। उसी वीर गाथा को सुन सबका सीना चौड़ा हो जा रहा था। इससे इतर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

बता दें कि अमित की शादी की तिथि भी तय हो गयी थी। बीते 29 जून को वह छुट्टी काटकर अपनी डयूटी पर चला गया था। पिछली 28 मई को छेका हुआ था। शादी की तिथि अगले वर्ष 28 फरवरी को निर्धारित की गयी थी। अमित, शोक हरण तिवारी की चार संतानों में सबसे बड़ा लड़का था। एससी कालेज में बीएससी की परीक्षा पास करने के बाद वह मई 2007 में सीमा सुरक्षा बल में भर्ती हो गया। यह अजीब विडम्बना है कि डयूटी पर जाने के ठीक एक माह बाद उसका शव घर आया।

शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता

शहीद का शव आते ही उसके गांव पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। शहीद के शव पर पुष्प अर्पित करने वालों में कांग्रेस नेता नागेन्द्र पाण्डेय, भाजपा के जितेन्द्र तिवारी के अलावा राजू पाण्डेय, विमल दूबे, पप्पू सिंह, राजकिशोर सिंह, रवीन्द्र सिंह आदि शामिल रहे।

सर्वशिक्षा अभियान: यथार्थ से दूर बस हवा में !

परिषदीय विद्यालयों में सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शुमार सर्वशिक्षा अभियान जिले में यथार्थ से कोसों दूर सिर्फ हवा में है। इसका खुलासा गुरुवार को एडी बेसिक भूपेन्द्र सिंह के जनपद के विद्यालयों में निरीक्षण के बाद एबीएसए की बैठक में हुआ। एक माह की प्रगति के बाबत एडी बेसिक द्वारा पूछे गये प्रत्येक सवालों का जबाब देते वक्त ऐसा कोई अधिकारी नहीं था जिसकी जबान न लड़खड़ा गयी हो। सभी एडी बेसिक की फटकार पर बगले झांकते रहे। गौर करने वाली सबसे अहम बात यह रही कि जुलाई के अंत तक किसी को भी यह स्पष्ट जानकारी नहीं थी कि उनके सम्बंधित विकास खण्ड में कितने नये नामांकन हुए हैं। हद तो तब हो गयी जब स्कूल चलो अभियान और सामुदायिक शिक्षा के प्रभारी ने यह कहा कि हमने शासन में लिख रखा है कि मेरा डीमोशन (अवनति) कर मुझे पुराने पद पर स्थापित कर दिया जाए। बता दें कि वर्तमान समय में इस बात को लेकर हायतौबा है कि जल्दी से जल्दी स्कूल चलो अभियान की रैली निकाल नामांकन का कोरम पूरा किया जाये। पूरे जिले में युद्धस्तर पर रैलियां निकाली भी जा रही हैं पर आज भी सैकड़ों विद्यालय ऐसे हैं जहां नामांकन या तो हुआ ही नहीं है या दस से कम है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एबीएसए और जिला समन्वयकों की बैठक में एडी भूपेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को सर्व शिक्षा का पाठ पढ़ाया। कहा कि आप निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से सिर्फ पठन-पाठन पर सवाल करें। पूछें कि कल आपने क्या पढ़ाया था और आज क्या पढ़ा रहे हैं। अध्यापकों की उपस्थिति का सत्यापन करने के लिए बच्चों की कापियों में उनके द्वारा लिखित विवरण देखें फिर तस्दीक करें कि अध्यापक क्या पढ़ा रहे हैं? एडी बेसिक ने कहा कि अध्यापकों के मनोबल को बढ़ाने और उनके अन्दर जागृति लाने के लिए आवश्यक है कि आप अपने अन्दर गुणात्मक सुधार लाएं। यदि आप अपने क‌र्त्तव्य के प्रति जागरूक रहेंगे तो दूसरों को रास्ता दिखा सकेंगे।

कार्रवाई से ही नहीं आता कार्यप्रणाली में बदलाव : एडी

एडी बेसिक भूपेन्द्र सिंह ने गुरुवार को जनपद के दर्जनों प्राथमिक व मीडिल स्कूलों का निरीक्षण कर अध्यापकों को दिशा निर्देश दिये। एडी बेसिक ने भवन निर्माण की प्रगति भी देखी। कार्रवाई के बावत श्री सिंह ने कहा कि कार्रवाई कर देने से कार्यप्रणाली में बदलाव नहीं होता सभी को समझाने की आवश्यकता है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने कहा कि पूरे जनपद में कितने बच्चों का नामांकन हुआ इसका अभी डाटा अपडेट नहीं हो पाया है। एक दो दिन में तैयार हो जायेगा।

Thursday, July 29, 2010

बोल बम के नारे के साथ रवाना हुआ कांवरियों का जत्था !

नगर के शिवालयों, देवालयों, श्रीनाथ मठ एवं पौराणिक श्रीलखनेश्वर धाम में पूजा-अर्चना करने के उपरान्त बोल बम के नारों के साथ मंगलवार को कांवरियों का जत्था स्थानीय रेलवे स्टेशन से बाबा धाम के लिए रवाना हुआ। नगर में सुबह से ही कांवरियों का जत्था विभिन्न मार्गो से होते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचा। इस बीच उनके बोल बम के नारों की गूंज से पूरा नगर शिवमय हो गया। वहीं देवालयों, शिवालयों पर भी जयकारों से पूरा नगर गुंजायमान रहा। कांवरियों का जत्था दोपहर लगभग 12:30 बजे हावड़ा एक्सप्रेस से बाबा धाम के लिए रवाना हुआ। सैकड़ों ग्रामीणों एवं नगर वासियों ने मंगलमय यात्रा की कामना के साथ उन्हें रवाना किया।

चिलकहर प्रतिनिधि के अनुसार श्रावण मास के प्रथम दिन से ही कुकुरहंा ग्राम स्थित प्रसिद्ध तिलेश्वर नाथ धाम पर शिवभक्तों का रेला उमड़ रहा है। यहां सुबह से ही जलाभिषेक करने वालों का तांता लग रहा है।

Tuesday, July 27, 2010

शिक्षा का दीप जलायेंगे, ज्ञान का पुंज बिखेरेंगे !

'शिक्षा का दीप जलायेंगे, ज्ञान का पुंज बिखेरेंगे' आदि प्ररेक नारों से स्कूल चलो रैली निकालने की जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में इन दिनों होड़ लग गयी है। जगह-जगह स्कूली बच्चे सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने में जुटे हैं।

'सब पढ़े-सब बढ़े' नारे के उद्बोधन के साथ स्कूल चलो अभियान के तहत ब्लाक स्तरीय रैली निकाली गयी। रैली का उद्घाटन शिक्षा क्षेत्र सोहांव के सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार ने उच्च प्राथमिक विद्यालय सदर पर हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली में उप्रावि सदर, प्रावि सदर, टाउन, गांधीनगर, इस्लामिया व उप्रावि टाउन के छात्रों ने सहभागिता की। इस मौके पर एनपीआरसी कमलेश सिंह, प्रआ जगदीश राम आदि ने सहभागिता की। अध्यक्षता सहायक बेसिक शिक्षाधिकारी सुनील कुमार व संचालन संतोष कुमार ने किया।

'सब पढ़ें-आगे बढ़ें' नारे के साथ शिवपुर कपूर दियर के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रैली निकाली जिसे ग्राम प्रधान वीरेन्द्र यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में कुल पांच विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जागरूकता रैली में प्रधानाध्यापक भोलानाथ यादव, जयहिन्द, किशोर सिंह, शुभनारायण तिवारी, इन्द्रासन शर्मा, चन्द्रिका राम के अलावा एमपीआरसी कामता सिंह तथा सुविधादाता हरेराम सहित दर्जनों गणमान्य लोग शामिल थे।

शिक्षा क्षेत्र रसड़ा अन्तर्गत न्याय पंचायत अठिला में पूर्व माध्यमिक विद्यालय, कन्या विद्यालय तथा प्राथमिक विद्यालय अठिला के बच्चों द्वारा स्कूल चलो अभियान के तहत सोमवार को संयुक्त रूप से जन जागरूकता रैली निकाली गयी जिसका शुभारम्भ बीरआरसी समन्वयक उदय नारायण राम ने हरी झण्डी दिखा कर किया। रैली में शामिल बच्चों द्वारा 'शिक्षा है अनमोल रतन, पढ़ने का सब करो जतन', 'सबको शिक्षा सबको ज्ञान, बच्चा-बच्ची एक समान' आदि नारे लगाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए जागरूक किया। रैली में न्याय पंचायत समन्वयक अशोक कुमार सिंह, विन्ध्याचल राम, कमला देवी आदि अध्यापक, शिक्षा मित्र शामिल रहे।

सर्पदंश : अंधविश्वास के चक्रव्यूह में फंसी जिन्दगी !

बलिया। बरसात में सर्पदंश की घटनाओं का ग्राफ बढ़ने लगा है। एक सप्ताह की घटनाओं पर नजर डालें तो सर्पदंश के करीब एक दर्जन मरीज सदर अस्पताल पहुंचे जिनकी जान चिकित्सकों द्वारा बचा ली गयी लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी की मौत सर्पदंश से हुई ही नहीं। सूत्र बताते है कि इन घटनाओं में करीब एक दर्जन लोगों को इसलिए नहीं बचाया जा सका क्योंकि उपचार की जगह इन्होंने झाड़-फूंक में भरोसा जताया। इनमें से अधिकतर अमवा की सती माई स्थान अथवा मनियर के रामजीत बाबा स्थान पर ले जाये गये थे। सरकारी अस्पतालों में जाना इन्होंने मुनासिब ही नहीं समझा।

यह विडम्बना ही है कि आज के वैज्ञानिक युग में एक तरफ इंसान जहां चांद पर बसने की कवायद में जुटा है तो दूसरी तरफ इस तरह की घटनाओं के बाद अधिकतर लोग अंधविश्वास के चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल पा रहे है। सर्पदंश की घटनाओं में भी अगर मौत का ग्राफ ऊपर उठ रहा है तो इसके मूल में अंधविश्वास ही मुख्य भूमिका अदा कर रहा है। चिकित्सकों के अनुसार सर्पदंश की घटनाओं में झाड़फूंक की कोई अहमियत नहीं। इसका एक मात्र विकल्प उपचार ही है। इसमें जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है। यदि मरीज समय से अस्पताल तक पहुंच जाये तो उसकी जान बचायी जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जनपद सहित पूरे इलाके में पाये जाने वाले सांपों में 90 प्रतिशत विष रहित है। केवल 10 प्रतिशत सांपों में ही जहर होता है। ऐसे में यदि सांप विष रहित हो तो उसके काटने से कुछ नहीं होता है।

क्या करे जब सांप डंस ले

=> झाड़-फूंक से बचते हुए सबसे पहले सर्प दंश वाले स्थान से थोड़ा ऊपर रस्सी से मजबूती से बांध दें।

=> उस स्थान पर चीरा लगाते हुए वहां का खून दबाकर निकाल दें ताकि जहर निकल जाये।

=> सर्पदंश वाले स्थान पर पोटैशियम परमैगनेट भर दें।

=> नींद आने की स्थिति में मरीज को कतई सोने न दें।

=> बांधी गयी रस्सी को अस्पताल में चिकित्सक के सामने ही खोलें। यदि अस्पताल बहुत दूर हो तो 45 मिनट बाद 2 मिनट के लिए रस्सी खोल दें फिर बांध दें।

=> जितना जल्द हो सके मरीज को नजदीक के सरकारी अस्पताल में भर्ती करायें।

एंटी-स्नैक इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों में प्रचुर मात्रा में

बलिया: जिला चिकित्सालय सहित जनपद के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सर्पदंश के बाद लगने वाली सूई का पर्याप्त भण्डार है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.एसपी सिंह के अनुसार सदर अस्पताल में वायल एंटी-स्नैक इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। इस क्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सुनील भारती बताते है कि हर पीएचसी और सीएचसी पर उपलब्धता के बाद भी इनका स्टाक सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि चूंकि यह सूई बाजारों में नहीं मिलती इसलिए प्रयास यही रहता है कि सरकारी अस्पतालों में इसे प्रचुर मात्रा में रखा जाय ताकि अधिकाधिक मरीजों को इससे लाभान्वित किया जा सके।

खखनू बाबा : लोग देखते रह गये हैरतअंगेज कारनामे !

बैरिया (बलिया)। साइकिल पर नहाना, खाना, सोना, सिर पर केतली रखकर चाय बनाना, यह सब मात्र कहने सुनने की बातें नहीं बल्कि खखनू बाबा के हैरतअंगेज कारनामे हैं जिन्हें क्षेत्र के गायघाट ग्राम में देखने हेतु नौ दिनों तक ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा रहा।

बाबा ने उक्त गांव स्थितहनुमान मंदिर के पास साइकिल के माध्यम से विभिन्न करतब दिखाकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया गया। इस दौरान तरह-तरह के कारनामे देख दर्शक आश्चर्यचकित हो कुछ देर तक अपनी निगाह लगाये ही रह जाते थे। खखनू बाबा द्वारा साइकिल पर नहाने, खाने, सोने, सिर पर केतली रखकर चाय बनाने के अलावा छाती पर पत्थर फोड़ना, सिर के बाल से ट्रक खींचना, खम्भे पर बिना सहारे खड़ा होना आदि करतब भी दिखाया गया। उनके हैरतअंगेज कारनामे शुरू होने से पूर्व ही ग्रामीणों की भीड़ लगनी शुरू हो जा रही थी जो अन्त तक करतब स्थल पर डटी रहती थी। सोमवार को भंडारा के साथ धूमधाम से सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम का सभी वर्ग के लोग खूब आनन्द लिये।

Friday, July 23, 2010

संत मिलन के समान कोई सुख नहीं : ईश्वरदास!

सिकन्दरपुर (बलिया), निप्र। क्षेत्र के परमधाम परिसर डूहां में चल रहे गुरुपूजा यज्ञ महोत्सव के चौथे दिन भी रुद्राभिषेक एवं सरस्वती चरितामृत पाठ की गूंज-अनुगूंज से आस-पास का वातावरण धर्ममय रहा। इस अवसर पर व्यासपीठ से परिब्रगाजकाचार्य ईश्वरदास ब्रह्माचारी ने ब्रह्माज्ञान विषयक चर्चा परिचर्चा में अनिवार्यत: सभी को सत्कर्म करने की प्रेरणा दिया। साथ ही जीवनोपयोगी वस्तुओं के त्यागपूर्ण उपभोग को अमृत स्वरूप बताया। उन्होंने सुख-दुख की विस्तृत वैज्ञानिक विवेचना करते हुए कहा कि यद्यपि अनुकूलता की स्थिति में सुख तथा प्रतिकूलता में दुख का होना माना जाता है। जबकि संत मिलन के समान कोई सुख नहीं और दारिद्रय के समान कोई दुख नहीं है। आगे कहा कि वस्तुत: मोह ही सभी दु:खों का कारण है। जब तक मोह अविद्या नष्ट नहीं होगी तब तक दु:ख दूर नहीं हो सकता। मोहजनित दु:ख सामयिक नहीं बल्कि कई जन्मों से जीव के साथ लगा हुआ है। इसलिए दु:ख निवृत्ति हेतु सन्तों के पास जाना चाहिए। सन्त भगवत एक ही है। राम इसका पर्याय हैं किन्तु कबीर ने उसी को वास्तविक राम माना जो सबको अपने में रमा लिया हो और सब में स्वयं समाया हुआ हो। ब्रह्मासत्ता सृष्टि के कण-कण में समायी हुई है जिससे सृष्टि नश्वर होते हुए भी उसका अस्तित्व दिखाई पड़ता है। स्वामी जी ने आत्मोत्थान के लिए ध्यान योग को आवश्यक बताया तथा कहा कि ध्यान की स्थिति में जीव निर्मलता प्राप्त कर शिव स्वरूप ब्रह्मा स्वरूप हो जाता है।

Thursday, July 22, 2010

जन्म जन्मान्तर के पुण्यों से मिलता है सद्गुरु का सानिध्य !

सिकन्दरपुर (बलिया), निप्र। परिब्राजकाचार्य ईश्वरदास ब्रह्माचारी ने कहा कि संत सद्गुरु के सानिध्य में बैठना आसान नहीं है। कई जन्मों के पुण्योदय से यह सौभाग्य मिलता है। वह क्षेत्र के अद्वैत शिव शक्ति परमधाम डूहां के प्रांगण में गुरु पूजा यज्ञ महोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं से रूबरू थे। कहा कि जब संत सद्गुरु के पास बैठ कर ज्ञानगुदरी तैयार करते हैं तो अज्ञान रूपी अंधकार से बचते हैं क्योंकि वह भिन्न-भिन्न महापुरूषों के आप्त अनुभव तथा सद्ग्रंथों के निचोड़ से बनी है। कहा कि अपने मन रूपी दर्पण पर जमी अविद्या रूपी मैल को सद्गुरु के कमलवत चरणों की रजरूपी मकरंद से स्वच्छ करने पर आत्म स्वरूप की दर्शनाभूति होगी। अन्य कोई विकल्प नहीं। जहां हमारी श्रद्धा भक्ति, विवेक शक्ति, चिंतन प्रणाली काम करेगी वहां मनोन्द्रियां पहुंच भी नहीं सकती। जब सम्यक रूपेण चित्त शुद्धि होगी तभी आत्मस्वरूप की अनुभूति होगी। गुरु चरणों के रज में ही ऐसी अलौकिक कार्यक्षमता निहित है। स्वामी जी ने आगे कहा कि चर्म चक्षुओं से दृश्य जो रूप है वह नाशवान है किंतु मन रूपी दर्पण के स्वच्छ होने पर जो स्वरूप दृश्य होता है वही सत्य व सनातन है। परमात्मा को परिभाषित करते हुए कहा कि जो सबको अपने में रमाये हुए है और जो सब में समाया हुआ है वही परमात्मा है। इसी प्रकार आत्मा जागृति बुद्धि का दूसरा नाम है किंतु जड़ता-अज्ञान-मोह-अविद्या से आवृत होने पर जीव की संज्ञा होती है। गुरुवचन रूपी रवि रश्मियों से महामोह रूपी घोर अंधकार विनष्ट होता है और तभी आत्मा- परमात्मा की दर्शनाभूति होती है।

Tuesday, July 6, 2010

बेटे-बेटियों के समान ही वृक्षों पर रखें स्नेह : रामेश्वर पाण्डेय !

चिलकहर (बलिया)। पेड़ हमें जीवन, ईधन, औषधि, फल, लकड़ी समेत तमाम जीवन उपयोगी वस्तुएं देते हैं वहीं पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। आवश्यकता इनके संरक्षण की है। हमें पेड़ पौधों को बेटे- बेटियों के समान ही मानना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो मानव जीवन का अस्तित्व भी नहीं बच पायेगा।

यह बातें ब्लाक प्रमुख रामेश्वर पाण्डेय ने कही। वह मंगलवार को सूरज किसान उच्च माध्यमिक विद्यालय नरांव के प्रांगण में आयोजित वन महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। फलदार पौध लगा कार्यक्रम का उद्घाटन करने के उपरान्त बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने विद्यालय परिवार एवं वन विभाग के संयुक्त प्रयास से चलाये जा रहे पौधरोपण कार्यक्रम को एक सही पहल बताते हुए कहा समाज के सभी वगरें को माता-पिता, बेटा-बेटियों के नाम से कम से कम दो फलदार पौधे जरूर लगाने चाहिए क्योंकि पेड़ों से हम मानव जीवन की रक्षा कर सकते हैं। इस अवसर पर वन क्षेत्राधिकारी एमएस सिद्दीकी एवं विद्यालय के प्रबंधक अभिमन्यु यादव ने कहा कि पेड़ों की उपादेयता तभी सार्थक होगी जब हम उसकी सुरक्षा के साथ-साथ अधिक से अधिक फलदार पौधे लगाने के प्रति लोगों को जागरूक करेगे। महोत्सव मे 140 फलदार पौधे रोपे गये। इस अवसर पर प्रभुनाथ यादव, प्रधान प्रतिनिधि राम जी चौरसिया, वीरेन्द्र सिंह आदि ने भी विचार रखे। संचालन प्रधानाचार्य लाल बाबू यादव ने किया।

Monday, July 5, 2010

सावधान : नौनिहालों की जिन्दगी जोखिम में !

बलिया । यह सच है कि प्रशासन हादसों के बाद ही सचेत होता है। इसके पूर्व केवल चेतावनी दी जाती है। नियमों का पालन करने की भी बात जोर-शोर से उठती है लेकिन बहुत कम ही ऐसे लोग हैं जो इस पर अमल करते हैं। कुछ इसी तरह का फरमान दो माह पूर्व विद्यालयों में चलने वाले वाहनों के संदर्भ में जारी किया गया था। इस क्रम में प्रशासन ने दस साल पुराने वाहनों को स्कूलों में चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया। इन वाहनों को बदलने के लिए विद्यालयों को चार माह का समय दिया गया था। इसमें से दो माह का समय देखते ही देखते निकल गया। शेष दो माह में क्या स्थिति बनती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन कुछ छोटे विद्यालयों में चल रहे आटो व मिनी बसों की दशा देखकर हर किसी को आश्चर्य होता है। वह छोटे वाहन जो सड़क पर सवारी लेकर नहीं चल सकते, वह मासूमों को क्षमता से अधिक बैठा कर बेधड़क चल रहे हैं। वह भी उस वक्त जब नगर की सड़कों का बुरा हाल है। प्रशासन अगर इस तरह के छोटे वाहनों पर नकेल नहीं कसा तो आने वाले समय में बड़े हादसों से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बताते चलें कि इस तरह के वाहन दर्जनों की संख्या में हैं जो स्कूल खुलने के समय ही बाहर निकलते हैं। पुराने खराब पड़े इन वाहनों को मालिक किसी विद्यालय से बातचीत कर कम दामों में लगा देता है। कई बार तो इस तरह के वाहन रास्ते में ही खराब हो जाते हैं। गैस से चलने वाली पुरानी मारुति कार या अन्य वाहनों का भी उपयोग छोटे स्तर पर चलने वाले स्कूलों में हो रहा है।

पकड़े जाने पर जरूर होगी कार्रवाई: एआरटीओ !

बलिया: एआरटीओ शिवशंकर त्रिपाठी ने कहा कि विद्यालयों में पुराने आटो चलाने या गैस से चलने वाले वाहनों को विद्यालय में चलने की अनुमति नहीं दी गयी है। इस तरह के वाहनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।

Saturday, July 3, 2010

नाव हादसे में मृतक परिवारों से मिले सांसद नीरज !

सागरपाली (बलिया), निप्र। विदेश से लम्बे समय बाद जनपद में शनिवार को लौटे युवा सांसद नीरज शेखर सबसे पहले नसीराबाद गये और ओझवलिया घाट पर नाव हादसे में मृत परिवार वालों से मिल घटना पर गहरा दु:ख प्रकट किया। साथ ही परिजनों को हर सम्भव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।

लखनऊ मार्ग से आते समय श्री शेखर का काफिला सीधे नसीराबाद गांव की तरफ चल पड़ा। वहां सबसे पहले वे नाव हादसे में मृत लोगों के परिजनों से मिले और इस दुखदायी घटना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी ली। घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए उन्होंने परिजनों को इस मुसीबत की घड़ी में हर कदम साथ देने का वादा किया। इस मौके पर ब्लाक प्रमुख संजय सिंह, बंशीधर यादव, अभय नारायण सिंह, भोला सिंह, रामजी यादव, अजय पाण्डेय, रघुपति आदि साथ रहे।