Tuesday, March 23, 2010

राजकुमार बाघ जैसे शहीदों के जीवन से लें प्रेरणा!

बलिया। शहीदों की कुर्बानियों को देश की जनता कभी नहीं भूलेगी। उनके आदर्शो पर चलकर ही राष्ट्र का नव निर्माण सम्भव है।

उक्त उद्गार अमर शहीद राजकुमार बाघ के शहादत दिवस पर मंगलवार को उनके स्मारक स्थल जिला जेल परिसर पर नगर पालिका चेयरमैन संजय उपाध्याय ने व्यक्त किये। श्री उपाध्याय ने इनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन अमर शहीद बाघ को अंग्रेजों ने जेल से बाहर निकालकर इसी स्मारक स्थल पर पेड़ से बांधकर गोली मार दी थी। उनकी कुर्बानी को कतई नहीं भुलाया जा सकता है। शहीद बाघ ने देशभक्ति का जो जज्बा कायम किया उसकी मिसाल कहीं भी नहीं मिल सकती है। आज के युवा जो अपने क‌र्त्तव्य के विपरीत चल रहे हैं उनको बाघ जैसे शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर बसपा जिलाध्यक्ष मदन राम, शहीद के पुत्र वंशीधर, भुवनेश्वर पासवान, अच्छे लाल आचार्य, वीके प्रसाद, राम नरेश प्रधान, अमर पासवान, राजेश्वर राम, महफूज आलम, शिव कुमार, रश्मि, राजन आदि ने शहीद बाघ को श्रद्धांजलि अर्पित की।

.... गुम न हो जाय होठों की हंसी

बलिया। अपने स्थापना की सातवीं सालगिरह मना रहे जनपद के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान सेंट जेवियर्स स्कूल धरहरा के प्रांगण में सोमवार की शाम का नजारा कुछ और ही रहा। मौके के गवाह बने हजारों दर्शक हंसते-हंसते लोटपोट थे। वार्षिकोत्सव पर आयोजित नाटय महोत्सव के दूसरे दिन हास्य व्यंग्य पर आधारित सांस्कृतिक संगम की प्रस्तुति 'सइंया भए कोतवाल' के प्रदर्शन ने उपस्थित जन समूह का मन मोह लिया। नाटक में विद्यालय के छात्रों और बाहरी कलाकारों ने अपनी अभिनय कला का ऐसा प्रदर्शन किया कि परिसर में बैठे हजारों लोग उनकी कला के कायल हो गये। अपने नाटक के माध्यम से कलाकारों ने सन्देश देने का प्रयास किया कि व्यस्तता के इस दौर में इंसान यदि कोई चीज खो रहा है तो वह है उसकी हंसी। साथ ही कहा कि स्वस्थ रहने के लिए हंसना भी बहुत जरूरी है। अपने स्वस्थ व्यंग्यों से कलाकारों ने उपस्थित समुदाय को खूब गुदगुदाया। मंच पर हो रहे संवादों को सुन एक तरफ तो दर्शकों का हंसते-हंसते बुरा हाल था वहीं वे समाज की वर्तमान स्थिति से भी रूबरू हुए कि लोग किस तरह से अपना काम बनाने के लिए किसी भी हद तक उतरने को तैयार हैं। मानवेन्द्र त्रिपाठी द्वारा निर्देशित व वाई शंकर मूर्ति की प्रस्तुति 'सइंया भए कोतवाल' नाटक में हवलदार की भूमिका निभाने वाले मनीष श्रीवास्तव के अभिनय को दर्शकों ने सर्वाधिक सराहा। मैनावती का किरदार निभा रही खुशी सागर के अभिनय को भी खूब समर्थन मिला। राजा के अभिनय में रवि अवस्थी, कोतवाल नवनीत, प्रधान मो. सोनू खान, सिपाही संजीव सिंह सहित देवेश, चंदन, सनी, दीपक आदि ने भी अद्वितीय प्रदर्शन किया। इससे पूर्व पुलिस अधीक्षक वीके शेखर ने मां वीणापाणी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरूआत की। विद्यालय के चेयरमैन एसबीएन तिवारी ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण किया। प्रधानाचार्या रेनू त्रिपाठी ने कप्तान को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। प्रशासनिक अधिकारी अभिनव तिवारी ने आभार व्यक्त किया।