Monday, August 31, 2009

मरीजों के साथ सहिष्णुता का बर्ताव करे चिकित्सक: डीएम !

बलिया । चिकित्सकों को चाहिये कि वे मरीजों के साथ सहिष्णुता का बर्ताव करे ताकि उन्हे भगवान का दूसरा रूप मानने में किसी का संकोच न हो।

यह बातें जिलाधिकारी सेंथिल पाण्डियन सी ने कहीं। वे रविवार की देर शाम आफिसर्स क्लब में आयोजित आईएमए के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन करने के पश्चात अपने संबोधन में आईएमए के चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में भी जाकर गरीब व असहाय लोगों का नि:शुल्क उपचार करे। कहा कि संगठन को प्रभावी बनाने के लिए आईएमए के पदाधिकारियों को धरातल पर कार्य करने होंगे। सदर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.आरबी सिंह ने कहा कि संगठन के पदाधिकारियों को चाहिये कि वे सेमीनार के माध्यम से जिले के चिकित्सकों को नयी तकनीक की जानकारी दें।

इस मौके पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष डा.जीसी उपाध्याय व सचिव डा.पीके सिंह 'गहलौत' ने कहा कि जनपद में चलाये जा रहे जन हित के कार्यक्रमों में आईएमए भरपूर सहयोग देते हुए अपना एक अलग रुतबा पेश करेगी। समारोह में सिटी मजिस्ट्रेट देव कृष्ण तिवारी, जिला प्रबंधक दूर संचार जगदीश चन्द्रा, सीएमएस महिला अस्पताल डा.योगमाया त्रिवेदी, डा.डी राय, डा.विनोद सिंह, डा.जीसी मौर्या, डा. जितेंद्र सिंह, डा.सुजीत कुमार, डा.चन्दा सिन्हा, डा.अमिता सिंह, डा.मिथिलेश सिंह, डा. डब्लू जमाली, डा. वीके गुप्ता, डा. बीएन गुप्ता आदि मौजूद रहे। संचालन डा.पीके सिंह ने किया।

मैनेजर हत्याकाण्ड का पर्दाफाश, शरणदाता पूर्व प्रधान गिरफ्तार !

बलिया । जनपद पुलिस के स्पेशल आपरेशन गु्रप ने लगभग एक माह पूर्व मनियर में हुए मैनेजर हत्याकाण्ड का पर्दाफाश सोमवार को कर दिया। इस क्रम में बदमाशों को शरण देने वाले अजनेरा गांव के पूर्व प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पूरे घटनाचक्र में कई चौंकाने वाले नाम भी प्रकाश में आये हैं। पुलिस इन सबकी गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है। पुलिस अधीक्षक ने इस चर्चित प्रकरण का खुलासा करने वाली टीम को ढाई हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है। टीम ने इस घटना में बदमाशों द्वारा प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी बरामद कर लिया है।

बताते चलें कि एक अगस्त को मनियर कस्बे से कोल्ड स्टोरेज पर आते समय दो मोटर साइकिल पर सवार चार बदमाशों ने मैनेजर ब्रज किशोर सिंह को गोलियों से भून कर उन्हे मौत की नींद सुला दिया था। इस घटना में एक बदमाश भी मारा गया था। इसके पास से एक पिस्टल, प्रयुक्त मोटरसाइकिल व मोबाइल पुलिस ने बरामद किया था। इस बदमाश की शिनाख्त सुनील कुमार सिंह उर्फ पट्टूं यादव निवासी सुराई थाना मुबारक पुर जिला आजमगढ़ के रूप में की गयी थी। उसके बाद पुलिस ने बदमाश के मोबाइल फोन से सर्विलांस के सहारे इस घटना चक्र में शामिल लोगों तक पहुंचने का प्रयास शुरू कर दिया। पूरे घटनाचक्र का अपने कार्यालय पर खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश ने बताया कि बदमाश के मोबाइल फोन के सीडीआर का अध्ययन-विश्लेषण करने पर शशि भूषण पाण्डेय पुत्र बरमेश्वर निवासी आसचौरा का नम्बर वार्ता करते पाया गया। पुलिस ने इसको उठा कर पूछताछ शुरू कर दी। इसने बताया कि हमारे ही गांव के शातिर अवनेन्द्र सिंह उर्फ मजले बाबू देवता नंद एक अगस्त की सुबह उसकी मोटरसाइकिल नम्बर यूपी 605-2145 मांग कर ले गया और मांगने पर उसने बारह दिन बाद वाहन उसके पास पहुंचाया। इसी बीच अवरेन्द्र भाग गया। पुलिस ने उसके छोटे भाई उदय सिंह उर्फ छोटा बुआ से पूछताछ की। उसने पुलिस को बताया कि उसका भाई अवरेन्द्र ने ब्रज किशोर सिंह की हत्या के लिए बदमाशों की व्यवस्था में मुख्य भूमिका निभायी। इसके लिए वह बबलू सिंह उर्फ सतीश सिंह निवासी सराय लखन्सी, राम सिंह राणा उर्फ छोटू निवासी चकरा हलधरपुर, कमलेश राजभर उर्फ केके निवासी कारीसाथ घोसी जनपद मऊ व सुनील उर्फ पट्टूं से लगातार सम्पर्क में रहा। मैनेजर की हत्या के लिए बदमाशों को पांच लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी। पुलिस को बताया कि मेरे भाई ने ही इन बदमाशों को अजनेरा निवासी पूर्व प्रधान राणा सिंह के यहां ठहरने की व्यवस्था की थी। इस बात का खुलासा होते ही पुलिस ने पूर्व प्रधान राणा को घोघा चट्टी से उठा लिया। पूर्व प्रधान ने बताया कि अवरेन्द्र ने इन लोगों को मेरे पास लाकर मोबाइल फोन से मनियर निवासीगण पप्पू सिंह व बदमाश अजय सिंह से बात करायी थी। इन दोनों ने बदमाशों को शरण देने के लिए कहा था। बदमाशों ने घटना को अंजाम देने के बाद हथियार व मोटरसाइकिल मेरे घर पर ही छोड़ दिया और पैदल ही निकल गये। चार दिन बाद एक बदमाश यहां आकर दो तमंचा, दो पिस्टल, कारतूस व मोटरसाइकिल ले गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बृज किशोर सिंह की हत्या की योजना मनियर के पप्पू सिंह, अजय सिंह व आसचौरा के अवनिन्द्र सिंह तथा अजनेरा के पूर्व प्रधान राणा सिंह ने ही बनायी थी। इस घटना को अंजाम देने के लिए भाड़े के बदमाशों को बुलाया गया था। कहा कि जल्द ही इनके अन्य साथियों को भी गिरफ्त में ले लिया जायेगा। इस घटना के पीछे ब्लाक प्रमुख के चुनाव के दौरान की रंजिश बतायी जा रही है।

नेशनल खो-खो का बलिया में आयोजन गौरव की बात: डीएम !

बलिया। सीनियर नेशनल खो-खो चैम्पियनशिप का बलिया में आयोजन यहां के लोगों के लिए गौरव की बात है। ऐसे में इसे सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।

यह बातें जिलाधिकारी सेंथिल पाण्डियन सी ने कहीं। उन्होंने रविवार को विकास भवन के सभागार में आयोजन के परिप्रेक्ष्य में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली और उन्हे व्यवस्था संबंधी जिम्मेदारी भी सौंपी। उन्होंने पानी की व्यवस्था के लिए टैकर के अलावा पांच हैण्डपम्प मौके पर स्थापित करने हेतु जल निगम को निर्देश दिया। उन्होंने सफाई व्यवस्था की कमान अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को सौंपते हुए कहा कि डाक्टरों की टीम मौके पर उपलब्ध रहेगी। अन्य व्यवस्थाओं के लिए सिटी मजिस्ट्रेट देव कृष्ण तिवारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गयाआयोजन सचिव विनोद कुमार सिंह ने बताया कि खेल निदेशक कुंवर विक्रम सिंह चैम्पियनशिप का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि करेगे जबकि भारतीय खेल प्राधिकरण के परियोजना निदेशक एमएस त्यागी और भारतीय खो-खो संघ के अध्यक्ष राजीव मेहता की मौजूदगी विशिष्ट अतिथि के रूप में होगी

बैठक में आयोजन मण्डल के संरक्षक राकेश कुमार श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार उपाध्याय, आयोजन समिति के अध्यक्ष एसबीएन तिवारी, क्रीड़ा अधिकारी राजेश सोनकर आदि मौजूद रहे

स्टेडियम में किया गया भूमि पूजन

बलिया: नेशनल खो-खो चैम्पियनशिप के आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में है। वीर लोरिक स्टेडियम में ग्राउण्ड तैयार करने का सिलसिला युद्ध स्तर पर है। घास की कटाई के लिये दो दर्जन मजदूर लगाये गये है। आयोजन समिति के कोआर्डिनेटर अरविन्द सिंह ने स्टेडियम में भूमि पूजन भी किया। इस मौके पर आयोजन समिति के पदाधिकारी व सदस्यों के अलावा अन्य लोग भी मौजूद रहे।

समस्या निस्तारण के लिए जागरूकता जरूरी : अनिल कुमार !

फेफना (बलिया)। जब तक इंसान अपने क‌र्त्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं होगा तब तक समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सकता है। उक्त बातें अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने फेफना उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में बतौर अतिथि कहीं। श्री कुमार ने कहा कि आज गांवों में व्याप्त सभी समस्याओं का निस्तारण केवल जागरूकता से हो सकता है। नरेगा, मिड-डे-मील, पेंशन तथा आवास सम्बंधित परियोजनाओं की पूरी जानकारी जब इंसान को हो जायेगी तो प्रधान के लिए मनमाना कर पाना सम्भव न होगा

श्री कुमार ने उपस्थित जनसमूह को बताया कि राशन की दुकान में घटतौली सहित अन्य की शिकायत उपभोक्ता फोरम में की जा सकती है। इससे पूर्व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित शिविर में उपस्थित लोगों ने नरेगा, आवास, पेंशन, शौचालय तथा मिड-डे-मील से सम्बंधित विभिन्न समस्याओं को रखा। नरेगा की विभिन्न समस्याएं शिविर में छायी रहीं। श्री कुमार ने कहा कि छोटे-मोटे विवादों को आपसी सूझबूझ के द्वारा सुलझाया जा सकता है। यदि इससे सम्भव न हो तो लोक अदालत में इन वादों को प्रस्तुत किया जा कसता है।

कार्यक्रम का शुभारम्भ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय पवन कुमार राय तथा सिविल जज पूर्वी आजाद सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर फेफना के प्रधान हीरालाल, मुन्नी लाल, रामेश्वर, कुसुमी देवी, केशव गुप्ता, शम्भूनाथ गुप्ता, दिनेश गुप्ता आदि उपस्थित रहे। इस दौरान थानाध्यक्ष तेज बहादुर सिंह, सदल बल उपस्थित रहे

Friday, August 28, 2009

सूखा पीड़ितों के प्रति प्रदेश सरकार उदासीन : सनातन !

रसड़ा (बलिया) । चिलकहर विधान सभा क्षेत्र के सपा विधायक सनातन पाण्डेय ने गुरुवार को सूखा पीड़ित किसानों से व्यापक सम्पर्क करने के बाद बताया कि प्रदेश सरकार सूखा पीड़ितों के प्रति उदासीनता बरतते हुए उन्हे भुखमरी के कगार पर ले जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि पूरे पूर्वाचल में भीषण सूखा से जहां 90 प्रतिशत से अधिक किसान धान की खेती में फसल सूखने से अपनी पूंजी भी गवा चुके है वहीं उनके समक्ष आर्थिक तंगी, खाद्यान्न तथा पशु चारा की समस्या ने एक भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। शासन द्वारा राहत के नाम पर अब तक किसानों को फूटी कौड़ी भी उपलब्ध नहीं करायी गयी है।

उन्होंने शासन से तत्काल राहत कार्य चलाने की वकालत करते हुए किसानों के हित में बकाया ऋणों एवं अन्य सरकारी देयों को माफ करने तथा सूखा के मद्देनजर ग्रामीण अंचलों में समुचित विद्युत आपूर्ति करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की बात तो करती है किन्तु सूखा के सवाल पर सरकार द्वारा बरती जा रही उदासीनता ने इस बात को उजागर कर के रख दिया है कि सरकार गांवों में रहने वाली आबादी का हित नहीं करना चाहती

Thursday, August 27, 2009

विश्व भोजपुरी सम्मेलन: मारीशस जाएंगे डा. दिग्विजय !

बलिया । मारीशस में आयोजित विश्व भोजपुरी सम्मेलन में भाग लेने के लिए बलिया से डा. दिग्विजय सिंह को आमंत्रित किया गया हैकमला देवी बाजोरिया डिग्री कालेज दुबहर में हिन्दी के प्रवक्ता डा. सिंह 28 अगस्त से 5 सितम्बर तक मारीशस प्रवास पर रहेगे। इस दौरान वे विश्व भोजपुरी सम्मेलन में भोजपुरी लोककला और लोक संस्कृति पर अपने विचार रखेंगे। सम्मेलन में भोजपुरी भाषी लोगों की आर्थिक सामाजिक व राजनैतिक पक्ष पर भी चर्चा होगी।

डीएम ने आम का पौधा रोप दिया बागवानी का संदेश !

नगरा (बलिया), निप्र । राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन योजनांतर्गत जिलाधिकारी सेंथिल पाण्डियन सी द्वारा विकास खण्ड नगरा अंतर्गत ग्राम सुल्तानपुर के किसान ओंकार सिंह के खेत पर आम का पौध लगाकर पौधरोपण कार्य का शुभारम्भ करते हुए किसानों को खेती के साथ बारी को भी विकसित कर लाभ उठाने को कहा। जिलाधिकारी ने अधिकाधिक किसानों को बागवानी के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन योजनांतर्गत एक . हे.आम/अमरुद पौधरोपण करने पर आगणित धनराशि खर्च रुपये तीस हजार का 75 प्रतिशत अनुदान के रूप में 50:20:30 के अनुपात में निवेश के रूप में दिया जायेगा। पौधरोपण के दूसरे वर्ष 70 प्रतिशत पौध जीवित रहने की दशा में खर्च धनराशि का 20 प्रतिशत तथा तीसरे वर्ष लगायी गयी बागवानी में 90 प्रतिशत पौध जीवित रहने पर 30 प्रतिशत अनुदान भुगतान निवेश के रूप में किसान को दिया जायेगा।

इस दौरान जिला उद्यान अधिकारी अशर्फी प्रसाद ने बताया कि औद्यानिक मिशन योजनांतर्गत किसानों को आम, अमरूद केला, मसाला, मिर्च व हल्दी की खेती पर भी अनुदान निवेश के रूप में दिया जाता है। सुल्तानपुर में ओंकार सिंह के 75 हे. खेत में 75 आम का पौध रोपित किया गया। किसानों को अपनी भावना से परिचित कराते हुए बागवानी की सुरक्षा के लिए अनुदान के रूप में कटीले तार पर सब्सिडी दिलाने का सुझाव दिया।

Tuesday, August 25, 2009

प्रवेश की अंतिम तिथि 10 सितम्बर !

सिकन्दरपुर (बलिया)। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से सम्बद्ध स्थानीय व्यंतानन्द संस्कृत महाविद्यालय में शास्त्री प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रारम्भ हो गया है। प्रवेश की अंतिम तिथि 10 सितम्बर निश्चित की गयी है। यह जानकारी महाविद्यालय के प्राचार्य ने दी है।

एकजुट होकर आगे बढ़ें युवा तभी होंगे कामयाब !

बलिया । मंगलवार को स्थानीय होटल में जिला युवा कल्याण समिति की सातवीं वर्षगांठ पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके मुख्य अतिथि पूर्वाचल संघर्ष समिति के संयोजक नागेन्द्र बहादुर सिंह झुन्नू थे। गोष्ठी में छात्र-नौजवानों की ऊर्जा को बढ़ाने, उसका सही उपयोग करने एवं युवा शक्ति के बारे में चर्चा की गयी। समिति की सातवीं वर्षगांठ के अवसर पर नये पदाधिकारियों को निर्वाचित किया गया। इसमें समिति के संयोजक के रूप में मिन्टू खान, अध्यक्ष सोनू शर्मा, महामंत्री फैज कमाल, मीडिया प्रभारी अविनाश राय गोल्डी, वरिष्ठ सलाहकार आनन्द प्रताप वर्मा, महासचिव रोहित गुप्ता, कोषाध्यक्ष जुबेर खान, सोनू, दो सचिव अशफाक एवं मोनू तथा चार उपाध्यक्ष बंगाली, राजेश, अमजद तथा प्रमोद राय को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी।

इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि ने कहा कि युवाओं के सामने बढ़ती नशाखोरी, बेरोजगारी मूल समस्या है। बेरोजगारी की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। इसे निजात पाने के लिए नौजवानों-छात्रों को एकजुट होना पड़ेगा। गोष्ठी की अध्यक्षता सोनू शर्मा एवं संचालन मंत्री अविनाश राय गोल्डी ने किया

Monday, August 24, 2009

श्रद्धा के साथ पूजे गये गणपति बप्पा !

बलिया । नगर के चौक स्टेशन रोड में रविवार की रात बड़े ही श्रद्धा व धूम-धाम से गणपति बप्पा के पूजनोत्सव की शुरूआत हुई। पूजन का कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा।

गणेश भक्त कमेटी के बैनर तले भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को भव्य पाण्डाल में भगवान गणेश की मूर्ति के मुखपट को खोला गया। महाराष्ट्र से यहां स्वर्णकारी के धन्धे में आये व्यापारियों द्वारा किये जाने वाले इस पूजनोत्सव में नगर क्षेत्र के स्वर्णकारों सहित अन्य व्यापारियों का भी सहयोग रहता है। रविवार की रात आकर्षण विद्युत सजावट के बीच गणपति बप्पा के जयकारे के बीच पूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ तथा प्रसाद वितरण किया गया। यह आयोजन तीन दिनों तक चलेगा जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था की गयी है। आयोजन में शिवजी, शंकर, संजय, सतीश, भगवान, धनजी व पण्डित का योगदान सराहनीय रहा

रूरल एरिया में कार्यरत चिकित्सकों को मिले मान्यता: डा. जेपी शुक्ला !

बलिया । राष्ट्रीय चिकित्सा रत्‍‌न अवार्ड से सम्मानित तिखमपुर स्थित शारदा हास्पिटल के चिकित्सक डा. जेपी शुक्ला ने कहा कि रूलर एरिया में जनता की सेवा कर रहे प्राइवेट चिकित्सकों को शासन व समाज मान्यता दे। यह अब समय की मांग है। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए। उन्होंने अवार्ड हिन्दुस्तान के ग्रामीण प्राइवेट चिकित्सकों को समर्पित किया।

श्री शुक्ल सोमवार को चिकित्सालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। कहा कि नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंच पर जब बलिया का नाम लिया गया तो मेरा सीना चौड़ा हो गया। कहा कि गांव में जनता की सेवा करने वाले प्राइवेट चिकित्सक को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। समाज उपेक्षित करता है और शासन कानून की धौंस जमाता है। इसको लेकर मैंने उस मंच से राष्ट्रीय बहस की बात उठायी ताकि इन चिकित्सकों को सम्मान मिल सके। कहा राष्ट्रीय चिकित्सा रत्‍‌न सबके सहयोग से प्रदान हुआ। गोल्ड मेडल के लिए पूरे भारत में आपके बीच के ही चिकित्सक को चुना गया। बताया कि भारत सरकार द्वारा गठित इडरा ने सर्वे करने के पश्चात उत्तर मध्य व दक्षिण भारत से एक-एक चिकित्सक को इस एवार्ड के लिए चुना गया। मध्य भारत से डा. जेपी शुक्ला को यह सम्मान मिला। कहा इस सम्मान के पीछे मेरी मां शारदा की प्रेरणादायक भूमिका रही

Sunday, August 23, 2009

साधनहीन क्षेत्र में विद्यालय की स्थापना कर कायम किया मिसाल !

बलिया । श्री पशुपति नाथ पूर्व माध्यमिक विद्यालय घोड़हरा नई बस्ती के प्रांगण में शनिवार को गांव के वयोवद्ध नागरिक महातम सिंह की अध्यक्षता में विद्यालय के संस्थापक ख्यातिलब्ध समाज सेवी स्व. पं. रघुवंश पाण्डेय की पुण्य तिथि विद्यालय परिवार द्वारा उत्साह पूर्वक मनायी गयी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक चन्द्रमा मिश्र की वाणी वन्दना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। पत्रकार प्रमोद कुमार उपाध्याय समारोह के मुख्य अतिथि तथा विनायक उपाध्याय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्य अतिथि ने संस्थापक प. रघुवंश पाण्डे के व्यक्तिगत कृतित्व की चर्चा करते हुए कहा कि स्व. पाण्डेय जी स्वभाव से संत पुरुष थे। दूसरों के लिए जीना उनके जीवन का ध्येय था। सभी को सुखी देखना चाहते थे। इसके लिए सभी को शिक्षित करने का लक्ष्य बनाया। इसलिए अत्यन्त पिछडे़ क्षेत्र के साधन विहीन बालक बालिकाओं के लिए उन्होंने इस विद्यालय की स्थापना की। समारोह के अध्यक्ष महातम सिंह ने पाण्डेय जी का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वे मानवता के वरदान थे। बलिया हिंदी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष डा. रघुवंश मणि पाठक ने समारोह में उपस्थित साहित्यकारों की ओर से स्व. पाण्डेय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत कम लोग मिलते है जो दूसरों की भलाई के लिए अपने को समर्पित कर देते हैं। संस्थापक जी मानवता के सच्चे पुजारी थे। इस अवसर पर डा. सदानन्द पाण्डेय, डा. बीएन सिंह, मो. कैश, सुरेश यादव, मनोज यादव, शोभनाथ, पं. कामता प्रसाद तिवारी, मगन बिहारी पाण्डेय, बृजमोहन उपाध्याय सहित अनेक ग्रामीण लोगों ने भी विचार व्यक्त किये। अन्त में विद्यालय के अध्यापक आनन्द मोहन पाण्डेय ने उपस्थित जनों के प्रति आभार व्यक्त किया

निर्जला रह महिलाओं ने की अखण्ड सौभाग्य की कामना !

बलिया । सौभाग्यवती महिलाओं ने रविवार को हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रहकर भगवान शंकर और माता गौरा पार्वती का पूजन-अर्चन कर अपने अखण्ड सौभाग्य की मंगल कामना किया।

बताते हैं कि बरऊं शम्भू नात रहब कुंवारी के कठिन संकल्प के साथ पर्वत पुत्री पार्वती ने जंगल में निराहार निर्जल व्रत किया। उसी से प्रेरित महिलाएं पति के दीर्घायु तथा अखण्ड सौभाग्य की कामना लिए उक्त व्रत रहती है

चूंकि जंगल में मां पार्वती ने जंगली अन्न संवा का अपने आंचल में रगड़कर कामना पूरी हो जाने पर पारण किया था। इसलिए संवा का सत्तू खाकर ही पारण करने का विधान है। महिलाओं ने निर्जल व्रत रहकर नदी, तालाब, पोखरे जहां जैसी स्थिति रही स्नान कर देव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ माता पार्वती का पूजन किया। सोहाग, श्रृंगार की सारी वस्तुएं धारण कर महिलाओं ने पूजा में भाग लिया और सोहाग सामग्री माता पार्वती को अर्पण करने के साथ ही दान भी किया। देर रात तक मंदिरों घरों में पूजन-अर्चन कथा श्रवण का कार्यक्रम चलता रहा।

वितरण व्यवस्था में सुधार को एसडीएम को पत्रक !

रसड़ा (बलिया) । नगर पालिका परिषद रसड़ा के सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभारी एवं वरिष्ठ सभासद वकील अहमद अन्सारी ने उप जिलाधिकारी रसड़ा के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्रक प्रेषित कर नगर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाने हेतु सार्थक पहल करने की मांग की है। पत्रक में अंसारी ने बताया है कि नगर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में व्याप्त अनियमितता से नगर वासियों में रोष व्याप्त है। इसको ध्यान में रखकर पालिका परिषद में बैठक की गयी जिसमें सम्बन्धित प्रकरण के निदान हेतु नगर में प्रत्येक अथवा दो वार्डो के बीच एक राजकीय सस्ते गल्ले की दुकान खोले जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

Friday, August 21, 2009

शिक्षा मानव का बेशकीमती जेवर !

नगरा (बलिया)। रसड़ा के बसपा विधायक घूराराम के प्रतिनिधि व जिला पंचायत सदस्य सुभाष राम ने कहा कि शिक्षा ही मानव का बेशकीमती आभूषण है, इसके बगैर व्यक्ति का जीवन अधूरा है इसलिए हम सबका फर्ज व कर्तव्य बनता है कि अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर विशेष ध्यान दें

वे जिला पंचायत सदस्य डा. वीआर अम्बेडकर शैक्षणिक सामाजिक सेवा संस्थान ढेकवारी के तत्वावधान में गुरुवार को आयोजित शिक्षा का गिरता स्तर दोषी कौन? विषयक गोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से शिक्षा का व्यवसायीकरण हो चुका है वह चिन्ता का विषय है। विद्यालय तालीम देने के लिए नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिए खोले जा रहे हैं। जहां गुरु अपने फर्ज व कर्तव्य से विमुख हो चुका है वहीं शिष्य भी संस्कारविहीन हो चुका है। गुरु-शिष्य परम्परा का तेजी से लोप होता जा रहा है। शिक्षा के गिरते स्तर के लिए बसपा नेता ने समाज के प्रत्येक जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराते हुए कहा कि जब तक छात्र, शिक्षक व अभिभावक मिलकर प्रयास नहीं करेगे तब तक व्यवस्था में सुधार नहीं होगा। बसपा नेता व शिक्षक ओमप्रकाश यादव ने कहा कि विद्यालयों में पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही संस्कारिक शिक्षा दिये जाने की आवश्यकता है। संस्कारिक छात्र ही आगे चलकर नये भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। गोष्ठी को डा. डीएन प्रसाद, ओमप्रकाश मिश्र, बेचू यादव, अजय पाण्डेय, अनिल, अश्रि्वनी, हरिनाथ इत्यादि ने भी सम्बोधित किया। अध्यक्षता दहारी राम व संचालन प्रधानाचार्य अमरनाथ पाण्डेय ने किया।

एनसीसी का प्रशिक्षण समाप्त करने के विरोध में सड़क पर उतरे छात्र !

दूबेछपरा (बलिया), निप्र । स्थानीय अमरनाथ मिश्र पीजी कालेज में लगभग तीन दशक से आरम्भ 93वीं बटालियन एनसीसी के 'बी' एवं 'सी' सर्टिफिकेट का प्रशिक्षण विभागीय अधिकारियों के चलते समाप्त कर दिये जाने के विरोध में प्रशिक्षुओं व छात्र नेताओं ने शुक्रवार को जमकर बवाल काटा। स्थानीय ढाले पर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 19 को जाम करते हुए चेतावनी दी कि प्रशिक्षण तत्काल शुरू नहीं कराया गया तो वे आंदोलन तेज करने को बाध्य होंगे। प्रशिक्षणार्थियों ने जिलाधिकारी को सम्बोधित पत्रक में निवेदन किया है कि वे महाविद्यालय में 93वीं बटालियन एनसीसी का पहले से 'बी' सर्टिफिकेट एवं 'सी' सर्टिफिकेट का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे लेकिन इसे बंद कर देने से समस्या यह सामने आ गयी है कि वे आगे का प्रशिक्षण कहां और कैसे प्राप्त करेगे। ऐसे में उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। ऐसी स्थिति में तत्काल एनसीसी बहाल किया जाय। प्रशिक्षणार्थियों के साथ ही महाविद्यालय के अन्य सामान्य छात्र भी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिये। पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्नं दो बजे तक सड़क जाम थी और दोनों तरफ वाहनों की लम्बी कतार लग गयी थी। तीन घटे के जाम के दौरान जनपद या द्वाबा का एक भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि जाम स्थल पर नहीं पहुंचा।

पीएन इंटर कालेज के अवकाश प्राप्त उपाचार्य सुरेन्द्र तिवारी ने छात्रों को समझा बुझा कर जाम समाप्त कराया और दूबेछपरा बैंक डयूटी पर तैनात सिपाहियों ने उनका पत्रक बैरिया थानाध्यक्ष के यहां भेजवाया। चक्काजाम में रवीन्द्र कुमार तिवारी, राम बाबू, दिलीप कुमार वर्मा, मिथिलेश उपाध्याय, नीलेश मिश्र, मंटू सिंह, जितेन्द्र यादव, हलचल यादव, अभिषेक द्विवेदी आदि शामिल थे। इधर महाविद्यालय प्रशासन का कहना है कि एनसीसी के संदर्भ में जो भी जानकारी अधिकारियों ने मांगी थी उसका कागजात भेज दिया गया है। फिर भी जानबूझ कर यहां से एनसीसी तोड़ दिया गया।

राजीव गांधी के सपनों के अनुरूप हो भारत का निर्माण !

बलिया । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सूचना व जन संचार के क्षेत्र में उन्होंने जो भी कार्य किये उस सिलसिले को आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्रयास हो कि उनके सपनों के अनुरूप भारत का निर्माण हो।

उक्त उद्गार नेहरू युवा केन्द्र के लेखाकार ओम प्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। जन शिक्षण संस्थान बलिया के तत्वावधान में चन्द्रशेखर नगर स्थित कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के जन्म दिन पर आयोजित सद्भावना दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता राजीव गांधी के आदर्शो को आत्मसात करने की है। इस अवसर पर प्रतिभागियों की ओर से स्वागत गीत, सरस्वती वन्दना के गीत प्रस्तुत किए गए। जन शिक्षण संस्थान के निदेशक ब्रह्मराम सिंह ने संस्थान के भावी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर व्यावसायिक प्रशिक्षिका हनुमानगंज ने व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों पर चर्चा की। डा. रविशंकर सिंह ने राजीव गांधी के जीवन एवं अक्षय ऊर्जा दिवस पर प्रकाश डाला। संचालन विवेक शर्मा ने किया।

रसड़ा प्रतिनिधि के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्‍‌न स्व. राजीव गांधी के 65 वे जन्म दिन के अवसर पर गुरुवार को सायं स्थानीय गांधी पार्क में कांग्रेस जनों ने मंजीत सिंह अधिवक्ता की अध्यक्षता में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। वक्ताओं ने कहा कि गांधी संचार क्रान्ति के अग्रदूत थे। कहा कि उन्होंने 21वीं सदी का जो सपना देखा था आज पूरा देश इन्टरनेट, मोबाइल, कम्प्यूटर व अन्य संचार क्षेत्रों में उसका लाभ उठा रहा है। इस अवसर पर मंजीत सिंह ने मिष्ठान व फल वितरित कर उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प दोहराया।

गोष्ठी को ब्लाक अध्यक्ष शिवजी तिवारी, वीरेन्द्र सिंह, इन्द्र देव यादव अधिवक्ता, दुर्योधन बागी, कमलाकान्त तिवारी, अंजनी सिंह, मु समीम, छेदी भाई, मोहन सिंह, शिवानन्द, बालेश्वर सईद, विद्यासागर तथा आलोक कुमार तिवारी आदि ने सम्बोधित किया। संचालन रमाशंकर तिवारी ने किया।

Thursday, August 20, 2009

स्वर्णिम भविष्य के लिए कम्प्यूटर का ज्ञान जरूरी !

बलिया । वर्तमान दौर में कम्प्यूटर की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता। युवाओं का पूरा भविष्य कम्प्यूटर शिक्षा पर ही आधारित हो गया है। किसी भी युवा को अपना भविष्य तलाशने में इसका ज्ञान अर्जन हर हाल में करना ही पड़ेगा।

उक्त उद्गार यूनियन बैंक आफ इण्डिया के मुख्य प्रबंधक एके सक्सेना ने नगर के चित्तू पाण्डेय चौराहे पर स्थित आरके इन्स्टीटयूट आफ इन्फारमेशन टेक्नालाजी की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया। श्री सक्सेना के अनुसार कम्प्यूटर शिक्षा के माध्यम से ही बुलंदियों को प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार उपाध्याय ने कम्प्यूटर का बटन दबाकर संस्था की वेबसाइट को लांच किया। संस्था के डायरेक्टर रजा कासिफ ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए संस्था के पिछले पांच वर्षो की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। संचालन मु. उमैर ने किया। आभार प्रकट डा. राजीव कुमार ने किया। इस मौके पर चित्तू पाण्डेय चौराहे के पास संस्था के नये कार्यालय का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा फीता काट कर किया गया।

बार व बेंच दोनों का नैतिक व विधिक दायित्व: जिला जज !

बलिया। वर्षो से इस समाज में अधिवक्ताओं की भूमिका अग्रणी रही है। चाहे वह राष्ट्र निर्माण का सवाल हो या राजनीति में, इस जजी में केवल बेंच का ही नहीं बल्कि बार की भी अपनी नैतिक व विधिक जिम्मेदारी होती है।

उक्त उद्गार जिला जज आरपी शुक्ला ने सेंट्रल हाल में आयोजित क्रिमिनल एण्ड रेवन्यू बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया। इसके पूर्व अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शिवकुमार राम ने नव निर्वाचित पदाधिकारियों को संविधान की मर्यादा के अनुरूप चलने की राह दिखायी। इसी क्रम में निर्वाचन अधिकारी हरेन्द्र सिंह ने सर्वप्रथम नव निर्वाचित अध्यक्ष अंशुमान पाण्डेय व महासचिव राजेन्द्र सिंह को पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी। नव निर्वाचित अध्यक्ष अंशुमान पाण्डेय ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजीत कुमार पाण्डेय, महासचिव राजेन्द्र सिंह व कोषाध्यक्ष निर्मल कुमार समेत छ: निर्विरोध पदाधिकारियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी। इसी क्रम में एसीजेएम प्रथम अनिल कुमार यादव ने कविता प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। इस कार्यक्रम में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय केपी सिंह, तृतीय जज राधेश्याम सिंह, सीजेएम पृथ्वीपाल सिंह यादव, जेएम प्रथम एके गौतम, जेएम द्वितीय, पवन कुमार राय के अलावा अधिवक्ताओं में हंसराज तिवारी, शिशुपाल सिंह, सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव, अरविन्द्र कुमार सिंह, मुरली मनोहर सिंह, अभिमन्यु सिंह, सुनील कुमार श्रीवास्तव, शैलेश कुमार सिंह, रामकृष्ण यादव, अशोक सिंह, मारकण्डेय सिंह, विवेक मोहन श्रीवास्तव, रतन प्रकाश मिश्रा, देवेन्द्र सिंह, जेपी सिंह, हरेन्द्र सिंह, अजय राय, विनय राय, जेपी पी यादव, सूर्यवंश सिंह आदि लोग मौजूद रहे। संचालन कौशल कुमार सिंह ने किया। चुनाव अधिकारी हरेन्द्र सिंह ने आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया।

नरेगा: बहती गंगा में हाथ धो रहे प्रधान व जॉब कार्डधारी !

बलिया । राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (नरेगा) केन्द्रीय सरकार की अति महात्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत गांव के अकुशल श्रमिकों को साल में सौ दिन रोजगार के अवसर सुलभ कराना है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास के साथ ही साथ गांव में ही खेती से खाली समय में मजदूरों को काम मुहैया कराना है ताकि गांवों से श्रम के पलायन को रोका जा सके और गांव देहात भी विकसित व खुशहाल बन सकें। नरेगा में धांधली न हो और श्रम व पूंजी का संतुलन बना रहे इसके लिए कानूनन व्यापक प्रबंध किए गये है। ग्राम पंचायत में सचिवों के अलावा ग्राम रोजगार सेवक का पद सृजित किया गया है जो जॉब कार्ड पर कार्य अंकन, मस्टर रोल भरने से लेकर अन्य सभी कागजात अद्यतन दुरूस्त रखेंगे। जिलाधिकारी को इसके लिए सीधे जिम्मेदार बनाया गया है ताकि जनपद स्तर पर कार्यो का सही और वास्तविक सम्पादन हो सके। नरेगा के तहत प्रति जॉब कार्ड धारक को प्रतिदिन 100 रुपये मजदूरी देनी है। एक परिवार को साल में सौ दिन काम यानि एक परिवार में 10 हजार रुपये सालाना का कार्य देना है। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर गांव की खुली बैठक में तैयार कार्ययोजना पर वरीयता के क्रम में काम कराए जाने हैं। इनमें 11 बिन्दुओं पर प्रमुखता से कार्य कराए जाने हैं। सड़क, पुलिया, खडं़जा के अलावा जल संरक्षण हेतु जलाशय निर्माण व पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधरोपण कार्यक्रम को भी वरीयता देनी है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति के लघु सीमान्त किसानों के खेतों की मेड़बंदी, पौधरोपण व सब्जी उद्पादन आदि से भी इसे आच्छादित किया जा सकता है। इससे बडे़ पैमाने पर कार्य कराए जा सकते है। कार्य योजना के अनुसार काम कराकर मस्टर रोल भरकर व अन्य कागजात दुरूस्त कर डिमाण्ड करने में नरेगा से बडे़ कार्य हेतु धन आवंटित हो सकता है। इतने स्पष्ट दिशा निर्देश व पैनी दृष्टि के बाद भी इस महत्वाकांक्षी योजना की शिकायतें मिल रही है। कई स्थानों पर प्रधानों द्वारा अपने लगुए-भगुए के जॉब कार्ड बनवाकर मनमाना काम करवाना, मनमाना जॉब कार्ड, मस्टर रोल भरने की शिकायतें आम हैं। इसके साथ ही तालाब खुदाई आदि का कार्य जेसीबी मशीनों से कराकर स्टीमेट के अनुसार श्रम दिवस दिखाकर धन का बंदरबांट करने की शिकायतें भी सामने आ रही है। नरेगा के तहत स्पष्ट नियम है कि आवंटित धन का 60 प्रतिशत श्रम पर और शेष 40 प्रतिशत निर्माण सामग्री पर खर्च होगा। बावजूद इसके तमाम जगहों पर यह संतुलन भी गड़बड़ाता नजर आता है। जॉब कार्ड न बनाना, जॉब कार्ड पर काम न देना, मनमानी मजदूरी देना, काम कराकर मजदूरी न देना आदि तमाम तरह की शिकायतें लगातार आ रही है।

चालू वित्तीय वर्ष में नरेगा के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2.79 करोड़ की घनराशि प्रदान की गयी थी। पिछले सत्र में नरेगा के करीब 38 करोड़ बच गये थे। कुल धनराशि के सापेक्ष 31 जुलाई तक 24.61करोड़ की धनराशि से संबंधित कार्य पूरे किये गये। चालू वर्ष में नरेगा के तहत अब धोखाधड़ी के करीब आधा दर्जन मामले दर्ज किये गये है। इस अवधि में नरेगा जाब कार्ड धारकों ने पारिश्रमिक न मिलने पर 54 बार धरना-प्रदर्शन किया। बलिया जनपद में नरेगा संबंधी सर्वाधिक शिकायतें नगरा, सोहांव व सीयर ब्लाक से सामने आयीं। वहीं बेलहरी ब्लाक के पुरास व हनुमान के गुरवां गांव में नरेगा के कारण सामाजिक व आर्थिक परिवेश में काफी बदलाव आया है।

बेलहरी ब्लाक के प्रधान संघ के अध्यक्ष विजय शंकर उपाध्याय कहते है कि नरेगा के तहत काम कराने में प्रधानों के समक्ष भी कई तरह की समस्याएं है। मजदूर नियमत: कार्य नहीं करते। इसकी स्टीमेट के अनुसार तय मानव दिवस से अधिक श्रम दिवस लगता है और इसमें प्रधान की किरकिरी होती है। इसी तरह निर्माण सामग्री का दाम भी अत्यधिक बढ़ जाने से संतुलन बिगड़ जाता है और व्यवहारिक कठिनाई पैदा होती है। बिगहीं के प्रधान छितीश्वर तिवारी उर्फ भूलू प्रधान ने बताया कि नरेगा के कार्यो में मिट्टी की समस्या आडे़ आती है। जिन आवश्यक जगहों पर मिट्टी की आवश्यकता है और पास में मिट्टी उपलब्ध नहीं है वहां चूंकि अन्य संसाधन अनुमन्य नहीं हैं अत: जॉब कार्डधारी मजदूरों से उतनी दूरी की मिट्टी ढुलाई महंगी और अव्यवहारिक है और इसमें प्रधान को जलालत उठानी पड़ती है। इन्हीं सब कठिनाइयों को देखते हुए प्रधान संघ सोहांव ने बीडीओ के माध्यम से संदेश भेजा है कि नरेगा का कार्य प्रधानों से हटाकर सचिव और अवर अभियंता से कराया जाए और प्रधानों को इससे बरी कर दिया जाये। इसी तरह क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के माध्यम से इस योजना में कराए जाने वाले कार्यो में जिच खड़ी होती रहती है। तय यह भी है कि गांव में काम न हो तो अन्य गांवों में भी जॉब कार्डधारी काम के लिए भेजे जा सकते हैं लेकिन यह भी व्यवहारिक रूप से संभव नहीं हो पा रहा है। एक तो मजदूर राजी नहीं होते दूसरे नए सिरे का विवाद खड़ा हो रहा है। यही कारण है कि इन व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए केन्द्रीय सरकार नरेगा-दो को मंजूरी दे चुकी है ताकि इन कठिनाइयों से निजात पाई जा सके।

Wednesday, August 19, 2009

प्रिंसिपल को मिली जान से मारने की धमकी !

बिल्थरारोड (बलिया)। क्षेत्र के हल्दीरामपुर गांव स्थित श्री लालमणि ऋषि इण्टर कालेज के प्रिंसिपल को कालेज के ही एक कर्मचारी ने जान से मारने की धमकी दी, वह भी स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन।

इसे लेकर कालेज प्रिंसिपल मुखराम प्रसाद ने स्थानीय उभावं थाना पुलिस से लिखित शिकायत कर सुरक्षा की गुहार लगायी है। तुरंत हरकत में आयी पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।

प्रिंसिपल के अनुसार उन्हे जान से मारने की धमकी देने वाला कालेज का ही सहायक अध्यापक है। घटना के दिन वे अपराह्न करीब साढ़े बारह बजे झण्डोत्तोलन व बच्चों को मिष्ठान वितरण के बाद जब सभी बच्चे घर चले गये और वे अपने आफिस मे बैठे थे जहां एकाएक कालेज के सहायक अध्यापक सामने आये और वेतन निकालने को लेकर दबाव बनाने लगे। इसका प्रतिवाद करने पर एकाएक भड़क गये। साथ ही जान से मारने की धमकी देते हुये निकल गये।

वहीं पुलिस प्रशासन उक्त घटना को कालेज की विभागीय खींचतान एवं प्रिंसिपल व शिक्षकों के बीच जारी नूरा-कुश्ती का परिणाम के रूप में देख रहा है।

एटीएम से निकला 10 हजार, खाते से घटा इक्कीस हजार !

रसड़ा (बलिया)। यूनियन बैंक की बलिया शाखा द्वारा स्थापित एटीएम मशीन इन दिनों उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन कर रह गयी है। यहां उपभोक्ताओं के कई बार प्रयास के बाद भी पैसा नहीं निकलता या कई बार निकाले गये धन से अधिक की धनराशि खाते में घट जाता है।

ऐसा ही वाक्या रसड़ा नगर के सैयद अली वशीर जैसी के साथ घटी है। इसकी शिकायत उन्होंने शाखा प्रबन्धक सहित सम्बन्धित अधिकारियों से करते हुए बताया है कि 12 अगस्त को उनके द्वारा एटीएम मशीन से पहली बार 10 हजार रुपये निकालने के लिए मशीन में अंकन किया गया किन्तु पैसा नहीं निकल पाया और उन्होंने तत्काल कैंसिल कर दिया। दूसरे प्रयास में उसी दिन पुन: 10 हजार रुपये निकालने का प्रयास किया गया तो उन्हें 10 हजार रुपये तो अवश्य प्राप्त हुए परन्तु रशीद में 11500 रुपये का आहरण दर्शाया गया। बताया कि 17 अगस्त को जब उनके द्वारा खाता चेक किया गया तो खाता से 21500 रुपये का आहरण दर्शाया गया है। उन्होंने पत्र के माध्यम से अपने खाता संख्या 533 में गलत आहरण के रुपये 11500 को पुन: जमा कराने की मांग की है।

Tuesday, August 18, 2009

शहीदों के आदर्शो पर चल कर ही कायम रहेगी राष्ट्र की अखण्डता !

बैरिया (बलिया), निप्र । राष्ट्र की एकता व अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए जरूरी है कि शहीदों व सेनानियों के आदर्शो को आत्मसात किया जाय। विघटनकारी ताकतें आज सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का कुचक्र रच रही है। ऐसे में सरहदें भी सुरक्षित नहीं रह गयी है। इन परिस्थितियों में जरूरी है कि शहीदों के आदर्शो पर चलकर देशद्रोहियों के गलत मंसूबों को नेस्तनाबूद करते हुए सशक्त भारत का निर्माण किया जाय और यही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

यह बातें मंगलवार को बैरिया बलिदान दिवस मनाये जाने के क्रम में यहां थाने के सामने बने शहीद स्मारक पर आयोजित सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में कही गयीं। इस मौके पर जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आये जनप्रतिनिधियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों द्वारा फूल माला चढ़ाकर 18 अगस्त सन् 1942 के क्रांति वीरों को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।

सर्वप्रथम थानाध्यक्ष बैरिया उमेश कुमार पांडेय द्वारा परम्परागत तरीके से पूजा पाठ करके शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई तत्पश्चात नेताओं, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करने का क्रम शुरू हुआ। श्रद्धा सुमन अर्पित करने वाले प्रमुख लोगों में सांसद नीरज शेखर, विधायक सुभाष यादव, पूर्व सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त, पूर्व विधायक विक्रम सिंह, लोजपा के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह, नागेन्द्र सिंह, द्वाबा विकास मंच के संयोजक सुरेन्द्र सिंह, आनंद बिहारी यादव, अरविंद सेंगर, शैलेश सिंह, राजेन्द्र यादव, ददन राम, अमर पासवान, राजन राम, तारकेश्वर पाण्डेय, कृष्ण कुमार पाण्डेय, विजय बहादुर सिंह आदि शामिल रहे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उत्तराधिकारी संगठन द्वारा सेनानी राधिका मिश्र की अगुवाई में श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोकर्ण गिरि तथा संचालन उत्तम पांडेय ने किया।

आखिर हमारा कसूर क्या है डीएम साहब!

बलिया । डा.गणेशी प्रसाद प्रौद्योगिकी संस्थान के सैकड़ों छात्रों ने अपने प्राचार्य प्रदीप राय की अगुवाई में मंगलवार को जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट पहुंच कर सिटी मजिस्ट्रेट को अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन दिया।

इस दौरान हर छात्र का चेहरा मुरझाया हुआ था और सभी पर यही भाव उभरे थे कि आखिर उनका कसूर क्या है? बता दें कि सोमवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर डा. गणेशी प्रसाद प्रौद्योगिकी संस्थान को सील कर दिया गया था। अपना भविष्य अधर में लटकता देख संस्थान के छात्र सड़क पर उतर कर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास करते रहे।

बता दें कि इस संस्थान में बीसीए की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने अब तक हजारों रुपये खर्च किये हैं। साथ ही डोयेक संस्थान के तहत यहां ए व ओ लेवल, बीसीए, पीजीडीसीए, एमसीए सहित अन्य कोर्स संचालित हो रहे हैं जिसमें सैकड़ों छात्रों ने दाखिला करा रखा है।

सनद रहे कि संस्थान जिस कमरे में चल रहा है वह वर्ष 2002 से ही शहीद स्मारक न्यास से आवंटित था। प्रशासन ने करार के मुताबिक वहां कार्य न होने के कारण आवंटन रद कर इसे सोमवार की शाम सील कर दिया था।

अपराधियों की शरणस्थली बना सीयर !

बिल्थरारोड (बलिया), निप्र । जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित बिल्थरारोड तहसील इन दिनों बाहरी अपराधियों की शरणस्थली के रूप में विकसित होती जा रही है। मऊ व देवरिया बार्डर से सटे होने के कारण अधिकांश अपराधी इसे सेफ जोन के रूप में प्रयोग करने लगे हैं। अपने क्षेत्रों में छोटे-बड़े क्राइम करने के बाद अंतरजनपदीय अपराधियों द्वारा यहां अस्थायी तौर पर अपना सुरक्षित ठिकाना बनाने के बाद इनकी सक्रियता यहां भी बढ़ती नजर आ रही है।

क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे क्राइम ग्राफ तो इसी की ओर इशारा कर रहे हैं। यही कारण है कि इन दिनों क्षेत्र के व्यवसायी भी काफी सहम से गये हैं। शाम होते ही वे अपने प्रतिष्ठान बंद करने के साथ ही आसपास के सुनसान रास्तों से होकर गुजरना मुनासिब नहीं समझ रहे। बड़े अपराधियों के क्षेत्र में आने से छुटभैया अपराधियों के भी पौ बारह हो गये हैं।

समस्याओं के निराकरण में करें सहयोग: एडीएम !

बलिया । रोटरी क्लब के पदाधिकारी और सदस्य जनपद की समस्याओं से रूबरू हों और उसके निराकरण में सहयोग और सहभागिता करें। उक्त बातें अपर जिलाधिकारी एके द्विवेदी ने मुरली मनोहर टाउन इण्टर कालेज के सभागार में आयोजित रोटरी क्लब के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपनी शुभ कामना संदेश में कही। श्री द्विवेदी ने कहा कि रोटरी क्लब एक ऐसी संस्था है जो देश और विदेश में अनवरत सेवा कार्यो में लगी हुई है तथा अपनी विशिष्ट शैली से एक अलग पहचान बनाए हुए है। इससे पूर्व एडीएम ने रोटेरियन राजेश गुप्ता को अध्यक्ष तथा रोटेरियन राजीव कुमार को सचिव पद की शपथ दिलाई। शपथ कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि असिस्टेंट गर्वनर मण्डल 3120 रोटेरियन रमेश कुमार ने अपने सम्बोधन में रोटरी मण्डल की रूप रेखा बताई तथा कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि रोटरी के 104 वर्षो के इतिहास में किसी तीसरे भारतीय को रोटरी इन्टरनेशनल का अध्यक्ष बनने का मौका मिला है। सत्र 11-12 के लिए वापी गुजरात के रोटेरियन कल्याण बनर्जी को रोटरी इन्टरनेशनल का अध्यक्ष चुना गया है। जबकि कलकत्ता के रोटेरियन सीपी लहरी व चण्डीगढ़ के रोटेरियन राजा के साबू इस पद को सुशोभित कर चुके हैं। निर्वतमान अध्यक्ष रो. अशोक सेठ ने अपने कार्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों की चर्चा की वहीं निर्वतमान सचिव रो. आलोक सिंह ने सचिव रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर बिहार के न्यायाधीश उमाकांत श्रीवास्तव, यूनियन बैंक के मुख्य प्रबंधक एके सक्सेना सहित प्रमुख लोगों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन रोटेरियन अशोक कुमार ने किया।

क्रांति माह की चिंगारी नेस्तनाबूत कर देगी सरकार को !

बलिया । पूर्वाचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक नगेन्द्र बहादुर सिंह झुन्नू ने कहा कि छात्र संघ बहाली के लिए क्रांति माह अगस्त में शहीदों की भूमि से उठने वाली चिंगारी प्रदेश सरकार को नेस्तनाबूत कर देगी। इसके तहत 26 अगस्त को कलेक्ट्रेट में विशाल प्रदर्शन कर शासन को चेतावनी दी जायेगी। श्री झुन्नू कुंवर सिंह पीजी कालेज में छात्र समस्याओं को लेकर हुई संघर्ष समिति की बैठक में बोल रहे थे। कहा कि इस क्रूर सरकार ने छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया है। तीन वर्षो से लगातार छात्र संघ चुनाव की मांग की जा रही है। इस सरकार के कान में जूं तक नहीं रेग रही है। संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष संयोजक मानवेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार तत्काल छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित करे स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं की बढ़ी हुई फीस वापस ली जाय, छात्र संख्या देखते हुए 30 प्रतिशत सीट बढ़ायी जाय तथा विद्युत अनियमित आपूर्ति समाप्त की जाये। कहा कि छात्रों के सामने संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं रह गया है। छात्र संघ के अध्यक्ष राकेश सिंह टिकूं ने कहा कि अपनी बुनियादी मांगों को हम संघर्ष के बल पर हासिल करना बखूबी जानते हैं। छात्रों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने कलेक्ट्रेट में एसडीएम को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर छात्र नेता अरूण कुमार सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, बृजेश कुमार सिंह, श्रीकांत यादव, रवि शंकर ओझा, रणवीर सिंह सेंगर, संतोष पाण्डेय, वीरेन्द्र धुसिया, राणा प्रताप यादव दाढ़ी, अरूण मणि, विनय शर्मा, संतोष सिंह, रजनीश पाण्डेय, गोविन्द पाठक, गोलू सिंह, सुधीर सिंह, भईया आनन्द सिंह, शक्ति प्रताप सिंह, धनन्जय सिंह विसेन, जावेद कमर खां, ब्रह्मानंद सिंह बंटी, रामा कांत विधायक आदि उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता राकेश सिंह टिंकू व संचालन मानवेन्द्र विक्रम सिंह ने किया।

जब सदाफल देव जी ने अंग्रेेजों से लिया था मोर्चा !

बलिया । कहते है राज सत्ता जब-जब संतों से टकरायी उसका क्षय हुआ। गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी भारत माता को आजाद कराने के लिए सद्गुरू सदाफल देव जी महाराज ने जब युवावस्था में अंग्रेजों से मोर्चा लिया तो उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। हाथों में हथकड़ी और पांव में बेड़ी डालकर उन्हे जेल भेज दिया गया जहां उन्हे तरह-तरह की यातनाएं दी गयीं। उस दौरान भी आध्यात्मिक राज्य की स्थापना के लिए उन्होंने अनादि गुरू से प्रार्थनाएं कीं। उस दौरान वे विज्ञानानंद के नाम से जाने जाते थे।

महाराज विज्ञान देव ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए अपनी राजनीतिक गिरफ्तारी के दौरान सदाफल देव जी महाराज ने आध्यात्मिक प्रयोगों को नहीं छोड़ा। उनका मानना था कि इसी विधा के फलस्वरूप विश्व में सच्चे सुख-शांति की स्थापना हो सकती है इसीलिये उन्होंने राजनीति को आध्यात्म के वृहद दायरे से अलग नहीं देखा। उन्होंने 'विश्व राज्य विधान' नामक स्वरचित पुस्तक में आध्यात्मिक राज्य की रूपरेखा प्रदान की है।

परम संत विज्ञान देव जी महाराज बताते है कि 1920 में सदाफल देव जी पर दानापुर में फौज विद्रोह का अभियोग चला जिसमें उन्हे दो वर्ष का सश्रम कारावास भी भुगतना पड़ा था। राजसत्ता के संत से टकराते ही विदेशी शासन के निष्कासन की नींव पड़ गयी। 1921 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की गिरफ्तारी हुई और स्वाभिमान की लहर ने एक दिन अंग्रेजों को भारत छोड़ने को मजबूर कर दिया।

Sunday, August 16, 2009

राष्ट्र नहीं विश्व स्तर पर करे बलिया का नाम रोशन !

बलिया । स्थानीय विकास भवन के सभा कक्ष में जिलाधिकारी सेंथिल पाण्डियन सी ने स्थानीय वन विभाग के सौजन्य से वर्ष 2008-09 में स्कूली बच्चों के बीच आयोजित जनपद स्तरीय पर्यावरण जन जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत जैव विविधता एवं पर्यावरण विषय पर आधारित भाषण व पोस्टर प्रतियोगिता में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त 35 बालक, बालिकाओं को प्रमाण पत्र, आक्सफोर्ड की हिन्दी, अंग्रेजी डिक्सनरी व पुस्तकें देकर पुरस्कृत किया। उक्त अवसर पर जिलाधिकारी ने बच्चों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए देश ही नहीं अपितु विश्व स्तर पर जनपद का नाम रोशन करने की कामना की। समारोह में डीएफओ एस गणेश भट्ट ने बच्चों से देश के विकास में अच्छा नागरिक बनकर योगदान देने की बात कहते हुए प्रतिभा को रचनात्मक दिशा में ले जाने के लिए ऐसी प्रतियोगिता की आवश्यकता जतायी और आशा व्यक्त किया कि बच्चे देश के अच्छा नागरिक बनकर देश व समाज को नयी दिशा देंगे। समारोह में राजकीय इण्टर कालेज के कला अध्यापक डा. इफ्तेखार अहमद ने बताया कि प्रांतीय स्तर पर पर्यावरण निदेशालय द्वारा आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में वर्ष 2003 से 2009 तक इरफान, राधास्वामी, विजय कुमार, कमलेश कुमार वर्मा व कु. अवजंला सिंह कई बार स्टेट चैम्पियन रहे हैं।

पुरुषों में मुकेश व बालिकाओं में रेखा ने मारी बाजी !

बलिया । पुरुषों में मुकेश पाण्डेय व बालिकाओं में रेखा पाल ने यहां स्वतंत्रता दिवस पर खेल विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त समन्वय से आयोजित क्रास कंट्री रेस में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए बाजी अपने नाम कर ली। इस रेस में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों का सुबह से ही वीर लोरिक स्टेडियम में जमघट लग गया था। पुरुषों की 15 किमी रेस में 85 प्रतिभागी शामिल हुए जिनमें मुकेश पाण्डेय से पार पाना अन्य धावकों के लिए बेहद मुश्किल रहा। सहायक प्रशिक्षक देवी प्रसाद व क्षेत्राधिकारी नगर देशराज सिंह की देखरेख में सम्पन्न हुई इस रेस में सुग्रीव गुप्ता दूसरे, सुनील कुमार तीसरे, धनेश यादव चौथे, सुनील कुमार पांचवें और भरत यादव छठवें स्थान पर रहे। बालिकाओं की पांच किमी रेस में 15 धाविकाओं ने भाग लिया जिसमें रेखा पाल ने पहला, आशा ने दूसरा, आकांक्षा ने तीसरा, अंकिता चौधरी ने चौथा, रिया श्रीवास्तव ने पांचवां तथा आरती ने छठवां स्थान हासिल किया। पुरस्कार वितरण मुख्य विकास अधिकारी राम अरज मौर्य व परियोजना निदेशक जेपी पाण्डेय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। विकलांग धावक अमरनाथ को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पूर्व जिलाधिकारी सेंथिल पाण्डियन सी ने स्टेडियम तिराहे से इस रेस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद जावेद अख्तर ने किया। आभार क्रीड़ा अधिकारी राजेश कुमार सोनकर ने व्यक्त किये। आयोजन को सफल बनाने में सिटी मजिस्ट्रेट देव कृष्ण तिवारी, जिला समन्वयक नेहरू युवा केंद्र, आरडी सिंह, अमल कुंवर, पंकज सिंह, मनोज पाण्डेय, नीरज राय, प्रशिक्षक द्वय अजय प्रताप व सोनाली गोस्वामी का सहयोग सराहनीय रहा।

Saturday, August 15, 2009

ट्रक से कुचलकर बाइक सवार पूर्व सैनिक की मौत !

इन्दरपुर (बलिया)। गड़वार-नगरा मार्ग के बलेसरा चट्टी पर शुक्रवार को दोपहर मे ट्रक से कुचलकर पूर्व सैनिक की दर्दनाक मौत हो गयी।

जानकारी के अनुसार मध्याह्न 12 बजे छिब्बी ग्राम थाना रसड़ा निवासी अवकाश प्राप्त हवलदार पारस यादव अपने पौत्र सोनू के साथ अपनी मोटरसाइकिल यूपी 60 एफ 4011 से हनुमानगंज बहू को तीज पहुंचाने जा रहे थे कि बलेसरा चट्टी पर बारिश के कारण फिसल कर उनकी मोटर साइकिल सड़क पर पलट गयी। इतने में सामने से आ रही एक ट्रक के पहिए के नीचे उनका सिर आ गया जिससे घटनास्थल पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गयी। घटना में जहां पौत्र सोनू बच गया वहीं पारस यादव की मौत से सड़क पर भारी भीड़ जमा हो गयी। घटना के तत्काल बाद चौकी प्रभारी ताखा देवेन्द्र सिंह ने मौके पर पहुंच कर ट्रक व मोटर साइकिल को कब्जे में ले लिया तथा शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम हेतु बलिया भेज दिया। ट्रक चालक मौके से फरार हो गया।

Friday, August 14, 2009

स्वाइन फ्लू को लेकर गम्भीर हुआ स्वास्थ्य विभाग !

बलिया। स्वाइन फ्लू को लेकर अब संबंधित महकमा सतर्क हो गया है। जिला चिकित्सालय में शुक्रवार को आयोजित सेमीनार में इस संबंध में मंथन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि चिकित्सकों का यह दायित्व है कि वे इस रोग के प्रति गम्भीर हो जाएं और संदिग्ध मरीजों को आइसोलेटेड वार्ड में रखकर जांच हेतु उनके नमूने प्रेषित करे तथा पुष्टि होने पर माकूल इलाज करें। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आरवी सिंह ने आपात कालीन कक्ष में आयोजित इस सेमीनार में कहा कि स्वाइन फ्लू के लक्षण से मिलते जुलते मरीजों से उसका वातावरणीय इतिहास जरूर जानें और यदि आवश्यक हुआ तो उसका नमूना भी लें। सेमीनार में डा. डीके श्रीवास्तव ने कहा कि स्वाइन फ्लू के रोगी यदि चिह्नित हों तो आम आदमी कम से कम उससे एक मीटर की दूरी बना कर रखे तथा उसके आस-पास किसी को जाने से रोकें। मरीज को चिकित्सालय में तत्काल भर्ती कराना होगा। सिफ्ला कम्पनी द्वारा आयोजित इस सेमीनार में स्वाइन फ्लू से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। सेमीनार में डा. पीके सिंह गहलौत, डा. मिथिलेश सिंह, डा. डब्लू जमाली, डा. जेपी सिंह, डा. जीसी मौर्या, डा. एके सिंह, डा. एस प्रसाद आदि चिकित्सकों की सहभागिता रही। संचालन डा. बीके गुप्ता ने किया।

हर्षोल्लास से मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सव !

बलिया। महाभारत की लड़ाई में पाण्डव पक्ष को गीता का उपदेश देकर अधर्म के विरुद्ध लड़ने के लिए तैयार करने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे जनपद में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया गया। शुक्रवार की आधी रात हर जगह सजाये गये पण्डालों के बीच भगवान का जन्म हुआ। कहीं कीर्तन कहीं भजन का कार्यक्रम भी आयोजित था। हालांकि कुछ स्थानों पर यह उत्सव गुरुवार की रात में ही मनाया गया था।

गड़वार प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय थाना परिसर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। गुरुवार की आधी रात परिसर स्थित मंदिर को आकर्षक झांकियों से सजाया गया था। लोक गीत गायक कन्हैया हरिपुरी और श्रीपाल प्रभाकर के भजनों के बीच भगवान के अवतरण का जश्न मना। थानाध्यक्ष ओमप्रकाश दूबे, पीआर कन्नौजिया, देवेन्द्र सिंह, ब्रह्मदेव आदि उपस्थित रहे।

रेवती प्रतिनिधि के अनुसार नगर क्षेत्र तथा दियरांचल में यह पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया। थाना परिसर में भी थानाध्यक्ष शरत चन्द त्रिपाठी की देखरेख में यह त्योहार मनाया गया। काली स्थान, गुदरी बाजार, बड़ी बाजार, शिवाला दक्षिण टोला आदि स्थानों पर भी यह पर्व मनाया गया।

बांसडीहरोड प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय थाना प्रांगण में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। गुरुवार की रात में ही क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में इस उत्सव को मनाया गया।

Thursday, August 13, 2009

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव : कहीं जश्न तो कहीं चलती रही तैयारी !

बलिया । द्वापर युग में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाने को लेकर पूरे जनपद में उहापोह की स्थिति बनी रही। कहीं-कहीं भगवान का जन्मोत्सव गुरुवार की रात में ही मनाया गया लेकिन अधिकांश स्थानों पर यह उत्सव शुक्रवार की रात में मनाया जायेगा। जहां-जहां त्यौहार शुक्रवार को मनाया जाना है वहां तैयारी जोरशोर पर चल रही है। अतातायी राजा कंश का वध करने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने में अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में बुधवार के दिन हुआ था। ऐसा धर्म शास्त्रों में वर्णित है। राजा वसुदेव और देवकी की आठवीं संतान का अभ्युदय चूंकि कारागार में हुआ था इसी लिए यह उत्सव थानों और कारागारों में मनाया जाता है। हालांकि उत्सव मनाने को लेकर संशय की स्थिति बहुधा रहती है। क्योंकि श्रद्धालु भादों महीना और अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र को भी देखते हैं और यदि तीनों के साथ बुधवार दिन मिल जाये तो यह उत्सव और ही मंगलकारी हो जाता है। लेकिन इन्हीं तिथियों के मिलान में यह त्यौहार कभी-कभी दो दिन मनाया जाता है। कमोबेश इस वर्ष भी यही हालात है। कुछ जगह यह उत्सव गुरुवार की रात मनाया गया तो कुछ जगह तैयारी अंतिम दौर में रही।

आरपीएफ बैरक में प्रकट हुए कृपाला

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव स्थानीय रेलवे सुरक्षा बल के बैरेक स्थित मंदिर में धूमधाम से मनाया गया। मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया। शाम से ही मंदिर परिसर में भजन कीर्तन का कार्यक्रम चलता रहा। यहां आधी रात को भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर प्रभारी निरीक्षक केएन झा के अलावा एसआई देवेन्द्र सिंह एएसआई वीएन पाण्डेय, लवकुश प्रसाद, उमेश सिंह, राजेश सिंह, अखिलेश सिंह, एके यादव सहित सभी कर्मचारी लगे रहे।

ाीकृष्ण बाल रूप सज्जा प्रतियोगिता में शौर्य ने मारी बाजी !

बलिया। सरस्वती शिशु मंदिर जगदीशपुर में बुधवार को आयोजित श्रीकृष्ण बाल रूप सज्जा प्रतियोगिता में मेजबान स्कूल के ही एलकेजी के छात्र शौर्य कुमार गुप्ता ने विजेता बनने का गौरव हासिल किया। यहीं की अनन्या को दूसरा और सलोनी को तीसरा स्थान मिला। इस प्रतियोगिता में पहला तीन स्थान हासिल करने वालों को प्रतिमा देकर पुरस्कृत किया गया जबकि दस प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार मिला। इस प्रतियोगिता में नगर के सरस्वती मंदिरों के अलावा महर्षि वाल्मीकि, शक्ति स्थल शिशु मंदिर तथा शहर के अन्य विद्यालयों ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ निर्णायक मण्डल में शामिल राजकीय इण्टर कालेज बलिया के कला अध्यापक इफ्तेखार खां, प्राथमिक विद्यालय परिखरा की सहायक अध्यापिका श्रीमती कविता सिंहसावित्री उपाध्याय द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सरस्वती वंदना के पश्चात अतिथि परिचय के साथ श्रीकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य बाल गोविन्द भारती ने कहा कि महापुरुषों का अनुसरण करने मात्र से ही उनके गुण व्यक्ति में प्रतिरोपित हो जाते है। उसी भावना को लेकर सरस्वती शिशु मंदिरों में महापुरुषों की रूप सज्जा प्रतियोगिता व कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। कार्यक्रम का संचालन शिशु भारती के प्रमुख राज नारायण दूबे ने किया।

स्वाइनफ्लू : हौवा मत बनाइए सावधानी बरतिए !

बलिया । आईएमए शाखा की बैठक वरिष्ठ चिकित्सक डा. पीके सिंह गहलौत के सदर अस्पताल स्थित आवास पर हुई। इसमें संगठन को मजबूत बनाने एवं अतिशीघ्र चुनाव कराने पर विचार करते हुए इस सम्बंध में सार्थक पहल करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। बैठक में तय किया गया कि आईएमए (इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन) के सदस्यों की संख्या बढ़ायी जाय।

बैठक में मुख्य वक्ता डा. जीसी उपाध्याय ने कहा कि स्वाइनफ्लू से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी के साथ रहना चाहिए। भीड़भाड़ वाले इलाकों पर, सार्वजनिक परिवहन के साधनों का इस्तेमाल करते समय नाक पर कपड़ा या मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। सर्दी जुकाम के मरीजों से पर्याप्त दूरी बनाये रखें। डा. पीके सिंह गहलौत ने कहा कि स्वाइन फ्लू का एक भी मामला सामने नहीं आया है। सदर अस्पताल में इससे निपटने हेतु पूरी व्यवस्था कर ली गयी है। डा. अजीत सिंह ने कहा कि आईएमए की तरफ से प्रशासन से मांग किया जाये कि सभी चिकित्सकों को माक्स उपलब्ध कराया जाये।

बैठक में डा. एसपी राय, डा. पीके सिंह, डा. आरबी गुप्ता, डा. बीएन गुप्ता, डा. मिथिलेश सिंह, डा. अतुल कुमार, डा. आशुतोष, डा. जेपी सिंह, डा. चन्दा सिंह, डा. रचना सिंह, डा. अनिल सिंह, डा. संतोष मौर्या, डा. अशोक गुप्ता, डा. बीके सिंह, डा. आरके केजरीवाल आदि लोग उपस्थित रहे। आईएमए के सचिव डा. सुजीत कुमार ने आभार व्यक्त किया।

Tuesday, August 11, 2009

समय की मांग है दूरस्थ शिक्षा: सुदेश !

बलिया। आज के प्रतिस्पर्धा दौर में उच्च शिक्षा का महत्व बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है। बढ़ती नौकरियों के साथ-साथ ट्रेण्ड लोगों की आवश्यकता है जो किसी प्रोफेशनल या टेक्निकल कालेजों से ही मिल सकती है। वर्तमान संदर्भ में शिक्षा के व्यवसायीकरण तथा सरकारी कालेजों के पर्याप्त संख्या में न होने से एक आम आदमी के लिए इन डिग्रियों को पाना सपने के समान हो गया है। फीस की बड़ी रकम की वजह से वह उन डिग्रियों को नहीं हासिल कर पाता है। एक अन्य वर्ग भी है जो नौकरी तो कर रहा है लेकिन किसी प्रोफेशनल या टेक्निकल डिग्री न होने की वजह से उसका प्रमोशन नहीं हो पा रहा है। चूंकि ये यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम होते हैं अत: इनकी फीस भी कम होती है।

उक्त बातें मल्टी मैनेजमेंट इंफोटेक के निदेशक सुदेश उपाध्याय ने कही। शहर की संस्था लाजिक सिस्टम को सिक्किम मनिपाल यूनिवर्सिटी ने अपना अध्ययन केंद्र बनाया है जहां पर फ्रेशर स्टूडेट के लिए फुल टाइम क्लासेज तथा प्रोफेशनल्स के लिए उनके समय के अनुसार पार्ट टाइम क्लासेज की व्यवस्था की जाती है। इस केंद्र पर क्लासेज के अलावा स्टूडेट की पर्सनालिटी डेवलपमेंट, इंग्लिश स्पोकेन इत्यादि की नियमित कक्षायें होती है। इस साल से यूनिवर्सिटी ने टेक्नोलाजिकल इनबेल्ड लर्निग, इडूनेक्सट की भी शुरूआत की है जो डिस्टेस एजुकेशन में अपने तरह की पहली यूनिवर्सिटी है।

सूखे से निबटना सरकार की प्राथमिकता : मुक्तेश्वर !

बलिया । सूखे से निपटना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा वर्तमान परिवेश पर बड़ी बारीक नजर रखी जा रही है। उक्त बातें सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड उत्तर प्रदेश के डायरेक्टर मुक्तेश्वर सिंह ने पत्र प्रतिनिधियों को बताई।

श्री सिंह ने ग्राम विकास बैंक की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि बैंक अपनी सफलता के सोपान पर चढ़ता जा रहा है। श्री सिंह के अनुसार बैंक ने इस वर्ष अधिक कर्ज दिया था और उसके सापेक्ष किसानों ने भी वापसी ईमानदारी से की। युवा जिलाधिकारी के साथ जिला की विकास गति को जोड़ते हुए कहा कि यह भी शासन की सोची समझी रणनीति है। प्रेसवार्ता के दौरान श्रीनिवास मिश्र, दिनेश्वर गिरि, त्रिलोकी पाण्डेय, चन्द्रकेश सिंह, सतन यादव, लालबाबू पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

शहीद प्रेमचन्द्र की प्रतिमा स्थापना के लिए मुखर हुई आवाज !

बलिया । जिला जेल परिसर में पासवान समाज के लोगों द्वारा सोमवार को आयोजित सभा में शहीद प्रेमचन्द्र को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। वक्ताओं ने इस अवसर पर उनकी प्रतिमा स्थापित किये जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पासवान समाज इसके लिए संघर्ष करेगा। वक्ताओं ने इस दौरान तय किया कि प्रत्येक वर्ष उनकी याद में शहीद दिवस मनाया जाएगा।

श्रद्धांजलि सभा में भूतपूर्व सैनिक श्रीराम उच्छाह राम, शिव कुमार रश्मि बसपा अध्यक्ष सदर, अजीत कुमार वर्मा, सुनील पासवान पूर्व सैनिक, अशोक कुमार पासवान प्रधान नवानगर, शिवशंकर पासवान, शंकर राम, रवि राणा, अवनीश पासवान, राजेश पासवान, दयानन्द शाहनी, अनुरंजन चौबे आदि मौजूद रहे। सभा की अध्यक्षता अक्षय लाल पासवान अध्यक्ष पासवान समाज व संचालन कमलेश प्रजापति ने किया।

Sunday, August 9, 2009

आर्थिक उदारीकरण के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन की जरूरत !

बैरिया (बलिया)। पूर्व सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेद्र सिंह मस्त ने कहा है कि केंद्र सरकार की आर्थिक उदारीकरण नीति के दुखदायी परिणाम सामने आएंगे। स्वदेशी आंदोलन से जुड़े लोगों ने बार-बार आने वाली परिस्थितियों से सरकार को आगाह किया है। बावजूद इसके इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके दुष्परिणाम अवाम को भुगतने पड़ेगे।

श्री मस्त क्रांति दिवस के अवसर पर रविवार को सोनबरसा शीत गृह पर पत्रकारों से रूबरू थे। कहा चुनावों में धन के प्रभाव को निर्वाचन आयोग नहीं रोक पा रहा है। फलस्वरूप धन के प्रभाव से बनी विधायिका का कार्यपालिका पर नैतिक नियंत्रण समाप्त हो गया है। इस चिंता से कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली में बैठक की जिसमे तय किया गया कि इस देश में पुन: स्वदेशी आंदोलन खड़ा करने की आवश्यकता इस मुद्दे पर दिख रही है। इसके लिए एक पांच सदस्यीय सर्वे टीम (इलेक्शन वाच) बनी। जो उत्तर प्रदेश के 10 लोक सभा क्षेत्रों का सर्वे करेगी और 25 सितम्बर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके बाद दो अक्टूबर को एक सम्मेलन होगा जिसमें इस रिपोर्ट पर व्यापक चर्चा होगी। श्री मस्त ने देश के अरबपति सांसदों के खिलाफ भी जमकर भड़ास निकाली और कहा कि देश की गरीबी को दूर करने के लिए ठोस नीतियां बननी चाहिये।

पूर्व सांसद ने बताया कि भारत सरकार ने अर्जुन सेन गुप्त आयोग बनाया था जिसने यह बताया था कि इस देश के नब्बे करोड़ लोग रोज मात्र 20 रुपये कमा पाते है और 10 हजार लोग ऐसे है जो प्रतिदिन 20 लाख रुपये खर्च करते है। नब्बे के दशक में सात खरबपति थे और अब 62 खबरपति हो गए है। रिपोर्ट यह बताती है कि धनवान लोग और अधिक धनी तथा गरीब लोग और अधिक गरीब होते जा रहे है। इस सिलसिले पर रोक लगनी चाहिये जो स्वदेशी आंदोलन से ही सम्भव है।

Friday, August 7, 2009

10 हजार देगी सरकार डीजल पम्पसेट खरीदें !

बलिया वर्तमान सूखा की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत धान, गेहूं एवं दलहनी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था सुलभ कराने हेतु 10 हार्स पावर तक आईएसआई मार्का के डीजल, विद्युत चालित पम्पसेट क्रय करने पर मूल्य 50 फीसदी या दस हजार रुपये जो भी कम हो अनुदान की सुविधा अनुमन्य होगी। यह जानकारी देते हुए जिला कृषि अधिकारी टीपी शाही ने बताया कि जनपद में 283 पम्पसेट वितरण हेतु 31 अगस्त 2009 तक निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र उनके कार्यालय में 61 ख खसरा खतौनी की प्रमाणित प्रति तथा ग्राम प्रधान से अपना प्रमाणित फोटो करा के संलगन् कर भेजें।

श्री शाही ने बताया है कि जनपद में बैरिया का जल स्तर नीचे चले जाने के कारण ग्रे/डार्क घोषित है इसलिए वहां के कृषकों को यह सुविधा अनुमन्य नहीं है। पम्पसेट वितरण में लघु सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला कृषकों को वरीयता दी जायेगी। इसके अतिरिक्त उक्त योजनान्तर्गत कृषि में उपयोगी अन्य कृषि यंत्र यथा कोनोबीडर एवं अन्य कृषि यंत्र पर 50 फीसदी या अधिकतम तीन हजार अनुदान पर जीरो टील, सीड ड्रील, मल्टीक्राप प्लान्टर, पावर वीडर क्रय करने पर मूल्य का 50 फीसदी अधिकतम 15 हजार रुपये अनुदान देय है। रोटा वेटर क्रय पर मूल्य का 50 फीसदी अधिकतम तीस हजार रुपये अनुदान अनुमन्य है। बौछारी सिंचाई उपकरण, स्पिंकलर सेट वितरण पर प्रति सेट 7500 रुपये अनुदान प्रदान करने की व्यवस्था है। श्री शाही ने बताया है कि समस्त वितरित किए जाने वाले पम्पसेट एवं कृषि यंत्र के लाभान्वित कृषकों में 25 फीसदी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषकों का स्थान रहेगा।

घाघरा में बहे रस्सों में बंधे पुल के 40 पीपे !

सिकन्दरपुर (बलिया), निप। क्षेत्र के खरीद-दरौली घाट पीपा पुल का दुर्भाग्य खत्म नहीं हो पा रहा है। पिछले दिनों बांध कर रखे गये पुल के 40 पीपे अचानक रस्सों से टूट कर घाघरा नदी की धारा में बहकर पूरब चले गये। चर्चा है कि सभी पीपे मनियर क्षेत्र के नरहन घाट पहुंच गये हैं। पीपे के बहने के मूल में घाट के नाविकों और ठेकेदारों की साजिश बतायी जा रही है। इस पीपा पुल का यह दुर्भाग्य ही है कि पिछले तीन वर्षाें से लगातार बन और बिगड़ रहा है किन्तु अब तक एक माह भी इस पर आवागमन का लाभ जनता नहीं उठा पायी। पहले वर्ष पुल तैयार तो कर दिया गया किन्तु निर्माण की कमियों के कारण चंद दिनों बाद आयी एक हल्की आंधी में पुल टूट गया और उसके पीपे बिखर पूरब की तरफ काफी दूर चले गये। दूसरे वर्ष लोक निर्माण विभाग की उपेक्षा और लापरवाही के कारण पुल तैयार ही नहीं हो सका। इस वर्ष तैयार तो हुआ किन्तु चंद दिनों बाद ही पुल के उत्तरी नाका के ध्वस्त हो जाने से नागरिक उसका लाभ नहीं उठा पाये। पुल निर्माण और वहां हो रही सरकारी राजस्व की क्षति के मद्देनजर सम्बंधित जेई और ठेकेदार को हटाया जाना इलाकाई लोगों की मांग बनती जा रही है। उनका कहना है कि इनके रहते पुल कभी भी चालू नहीं हो पायेगा। वैसे तीन वर्ष बाद भी पुल का प्रान्तीकरण नहीं किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। यदि प्रान्तीकरण हो जाता तो पुल निर्माण और उसके चालू होने की अनेक समस्याओं का स्वत: समाधान हो जाता।

गंगा व घाघरा : तेज कटान से इलाकाई दहशत में !

बैरिया (बलिया), निप्र । बरसात का मौसम आते ही गंगा व घाघरा नदी के तटवर्ती लोग कटान की भय से दहशत में हैं।
बता दें कि मझौवां व दतहां में जिलाधिकारी के हस्पक्षेप पर कटानरोधी कार्य में तेजी आ गई है किन्तु गंगा तट पर बसे भुसौला, नरदरा, दुर्जनपुर सहित आधा दर्जन गांवों के सामने तेजी से कटान जारी है। घाघरा नदी के तट पर बसे गोपालपुर, शिवाल मठिया, वशिष्ठ नगर के सामने भी काफी तीव्र गति से कटान हो रहा है। इन कटानों को रोकने के लिए सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से ग्रामीण दहशत में हैं। बाढ़ खंड बलिया के अधिकारी बताते है कि गांवों को नदियों की कटान से बचाने के लिए हम लोगों के पास कोई कार्य योजना नहीं है। गाजीपुर-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 श्रीनगर- तुर्तीपार तटबंधों को बचाने के लिए मझौवां व दतहां में कटानरोधी कार्य जारी है। दूसरी तरफ क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अब तक हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि गंगा व घाघरा नदियों में समा जाने से हजारों किसान परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है किन्तु शासन व प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

भुसौला में पल भर में समाहित हो गयी पांच मीटर भूमि

दोकटी : गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि व पछुआ हवा के दबाव के कारण भुसौला में दो स्थानों पर कटान आरम्भ हो गया है। विगत एक सप्ताह से गंगा के जल स्तर में बढ़ाव व पछुआ हवा के दबाव के कारण बुधवार की रात्रि में रामराज दुसाध के घर के पीछे करीब पांच मीटर की परिधि कटान के चलते पल भर में गंगा में समाहित हो गया जिससे आसपास के बस्ती वासियों में अफरा- तफरी मच गयी। अक रामराज का घर गंगा की धारा से महज पांच से दस मीटर ही रह गया है। गंगा तट सती घाट दक्षिण भुसौला बस्ती के पीछे सरपत आदि की झाड़ियां भी कटान के आगोश में आ चुकी है। सरपत की कई विशाल झाड़ियां कटकर गंगा में तीन दिन के अंदर विलीन हो गई। इस कटान से भुसौला, नरदरा, जगदीशपुर आदि बस्ती वासी काफी दहशत में है। यदि समय रहते सुरक्षा प्रदान नहीं किया गया तो इस वर्ष भी दर्जनों परिवार कटान की चपेट में आकर बेघर हो जाएंगे।

किसानों को 60 लाख का ऋण स्वीकृत !

रतसड़ (बलिया) । जन कल्याण रतसड़ के तत्वावधान में भारतीय स्टेट बैंक शाखा खड़सरा के सौजन्य से बाबा बीका भगत के पोखरा पर कृषि ऋण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र भर से आये साढे़ तीन सौ से अधिक किसान उपस्थित रहे। उक्त शिविर में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लगभग साठ लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। भारतीय स्टेट बैंक खड़सरा एवं सिकन्दरपुर शाखा के विपणन एवं वसूली अधिकारी विजय कुमार गुप्ता की मौजूदगी में शाखा बांसडीह व चोगड़ा तथा चितबड़ागांव के विपणन अधिकारी रानी कुमारी, सीतेश सिंह का स्वागत फैय्याज अहमद, प्रवीण कुमार सिंह, अवधेश पाण्डेय द्वारा माल्यार्पण कर के किया गया। कृषि ऋण शिविर के आयोजन में नरेगा प्रकोष्ठ के जोनल चीफ अबुल कुरैश दिलवर सहित फैयाज अहमद, प्रवीण कुमार सिंह, सुनील कुमार शर्मा, बरमेश्वर गिरि, नरेन्द्र सिंह, महावीर शर्मा का विशेष सहयोग रहा।

Thursday, August 6, 2009

ठग रही कम्पनियां सोलर लाइट के नाम पर !

बलिया । गंगापार दियरांचल स्थित शिवपुर दीयर, जवही दीयर, सोमाली, परानपुर, नौरंगा, भुवाल छपरा के ग्रामों में कतिपय फर्जी कम्पनियों द्वारा कम कीमत पर सोलर लाइट व सोलर लालटेन उपलब्ध कराने का सब्जबाग दिखाकर पैसा वसूल किया जा रहा है। ऐसी कम्पनियों के संयंत्रों की क्रियाशीलता विश्वसनीय नहीं है।

यह जानकारी देते हुए प्रभारी अधिकारी नेडा प्रेमशंकर सिंह ने सभी को इस तरह की बाहरी कम्पनियों के क्रिया कलापों से सचेत रहने को कहा है। कहा कि यदि कोई व्यक्ति इन कम्पनियों के भरोसे पैसा जमा कर संयंत्र प्राप्ति के उपरान्त ठगा जाता है तो उसके लिए परियोजना कार्यालय जिम्मेदार नहीं होगा। श्री सिंह ने बताया कि शिवपुर दीयर का पुरवा एवं सोमाली, परानपुर, दीयर भांगर, बांसडीह का विद्युतीकरण सौर ऊर्जा विभाग द्वारा किए जाने का प्रस्ताव परियोजना स्तर पर तैयार कर भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा गया हैपरियोजना स्वीकृति प्राप्त होते ही सम्बन्धित ग्रामवासियों को अवगत करा दिया जायेगा

Wednesday, August 5, 2009

निकला ऐतिहासिक महावीरी झण्डा जुलूस !

बलिया। सावन के पूर्णिमा के दिन बुधवार को ऐतिहासिक महावीरी झण्डा जुलूस परम्परा के अनुरूप बडे़ ही धूमधाम से निकाला गया। शहर के विभिन्न स्थानों से अखाड़ों द्वारा निकाले गये जुलूस में शामिल सदस्यों ने इस दौरान अपनी शौर्य कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। उनके हैरतअंगेज कारनामे को देख लोग दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हुए। देर शाम बिशुनीपुर चौराहे पर पहुंचे इन अखाड़ों का स्वागत प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही नेताओं व अन्य गणमान्य लोगों द्वारा किया गया। जुलूस मार्गो पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। जिले के आला अधिकारी भी दल-बल के साथ अंत समय तक मुस्तैदी से डटे रहे।

महावीरी झण्डा जुलूस को देखने के लिए दूर-दराज से भी काफी संख्या में लोग आये थे। जुलूस में शामिल वीर हनुमान की प्रतिमा पर फूलों की वर्षा की जा रही थी जबकि युवा वर्ग भक्ति गीतों पर थिरकता रहा। इन अखाड़ों के लाग में देवी-देवताओं के अलावा राष्ट्र की अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने को प्रेरित करती झांकियां भी लोगों का ध्यान बरबस अपनी ओर आकृष्ट कर ले रही थीं। हाथी-घोड़ों की मौजूदगी में निकले इस जुलूस में शामिल लोगों के जलपान की व्यवस्था भी स्वयं सेवी संगठनों द्वारा की गयी थी।

बता दें कि नगर के अंदर निकलने वाले इस महावीरी झण्डा जुलूस में हर वर्ष 9 अखाडे़ शामिल होते हैं। इसमें नगर कमेटी का जुलूस सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष बाल कृष्ण मूर्ति की देखरेख में धूमधाम से निकला। वहीं मालगोदाम रोड स्थित काली जी मंदिर के पास आकर मिड्ढी शिव मंदिर का जुलूस अनिल सिंह के नेतृत्व में नगर कमेटी में समाहित हो गया। इसके बाद जगदीशपुर से विजयीपुर अखाडे़ का जुलूस राम स्नेही दास के निर्देशन में निकला। धीरे-धीरे टाउन हाल का दिनेश सिंह, लोहा पट्टी का वीरेन्द्र कुमार, चमन सिंह बाग रोड का मनोज कुमार, बालेश्वर घाट का शिव कुमार कौशिकेय, सिनेमा रोड का अमरनाथ वर्मा, गुदरी बाजार का बाबूधन के नेतृत्व में अखाड़े आगे बढ़ते रहे। शहर के कोने-कोने से निकले ये अखाड़े विभिन्न मार्गो से होते हुए सीधे स्टेशन रोड पहुंचे। वहां से कतारबद्ध होकर शहीद पार्क चौक होते हुए लोहापट्टी, चमन सिंह बाग रोड, कासिम बाजार के रास्ते बिशुनीपुर चौराहा पर मस्जिद के पास पहुंचे। वहां पर अखाड़ेदारों ने परम्परा के अनुरूप बजरंग बली का जयकारा लगाते हुए शौर्य कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। अखाड़ों के सदस्य लाठी,भाला, तलवार, कटार, फरसा समेत अन्य हथियारों के जरिये अपना कौशल दिखा रहे थे। इधर प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग करवा रखी थी। निगरानी के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स यहां तैनात की गयी थी। अखाड़ों के साथ पुलिस का कैमरा भी माहौल बिगाड़ने वालों पर पैनी नजर रखे हुए था। नगर कमेटी का जुलूस सायं करीब सवा सात बिशुनीपुर चौराहे पर पहुंचा। इसके बाद देर रात तक एक-एक कर अखाड़े यहां से गुजरते रहे। यहां अखाड़ों के स्वागत में जिलाधिकारी सैंथिल पाण्डियन सी, पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश, अपर पुलिस अधीक्षक महात्मा प्रसाद, नगर पालिका अध्यक्ष संजय उपाध्याय, पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता,हरेराम चौधरी, बसपा नेता महफूज आलम, बलराम गुप्ता, संजीव कुमार डम्पू, कन्हैया सोनी, सुनील जायसवाल, अमर नाथ पासवान, विजय कुमार, गप्पू मिश्र, रवि मिश्र , अजय कुमार उपाध्याय,शंकर सिंह, लक्ष्मण सिंह, ठाकुर प्रसाद, गणेश प्रसाद आदि जुटे रहे।

आगे बढ़ने को लेकर नगर कमेटी व मिढ्डी के बीच घंटों हुई जिच

बलिया: महावीरी झण्डा जुलूस के दौरान आगे चलने को लेकर नगर कमेटी व मिढ्डी के बीच घंटों जिच होती रही। इसके चलते सभी अखाड़े बीच रास्ते में ही रुके रहे। इस दौरान प्रशासन ने सूझबूझ का परिचय देते हुए नगर कमेटी के अखाड़े को परम्परा के अनुसार आगे किया। बता दें कि परम्परा व नियमानुसार मिढ्डी का अखाड़ा नगर कमेटी में आकर समाहित हो जाता था। इधर कुछ वर्षो से मिढ्डी कमेटी का अखाड़ा किसी तरह आगे निकल जाया करता था। इसको लेकर हर वर्ष विवाद होता था। इस साल भी ऐसा ही हुआ। मिढ्डी के इस अखाडे़ का नगर कमेटी के सदस्यों ने मालगोदाम रोड स्थित काली मंदिर के पास स्वागत किया। झण्डा आगे करने के साथ ही यह अखाड़ा वीर हनुमान का जयकारा करते हुए आगे निकल गया और स्टेशन के सामने आकर सदस्य शौर्य का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ने लगे। इस पर नगर कमेटी का अखाड़ा वही रुक गया जिसे देख प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे। दोनों पक्ष से घंटों वार्ता करने के बाद नियमानुसार किसी तरह नगर कमेटी को आगे किया गया। इसके बाद मिढ्डी कमेटी का जुलूस इसमें समाहित हो गया।

यूनियन बैंक ने स्टाल लगा श्रद्धालुओं को पिलाया शर्बत

बलिया: यूनियन बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक एके सक्सेना के नेतृत्व में इस बैंक के कर्मचारियों ने अपने बैंक के सामने स्टाल लगा कर श्रद्धालुओं को शर्बत पिलाया। इस स्टाल पर दोपहर बाद से लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। बैंक कर्मी इस दौरान वहां पहुंचे लोगों को महावीरी झण्डा जुलूस के बारे में विधिवत जानकारी भी देते रहे।

गंगा भक्त राम दल ने सम्भाली जलपान व्यवस्था की कमान

बलिया: गंगा भक्त राम दल द्वारा महावीरी झण्डा के पावन पर्व पर इस वर्ष भी नगर में प्रसाद वितरण व जलपान की व्यवस्था की गयी। गंगा भक्त दल के सदस्यों ने रक्षा बन्धन के दिन शहर में जगह जगह प्रसाद वितरण के लिए काउंटर लगाया था। वितरण व्यवस्था में परशुराम, रामचन्द्र, सूरज, अम्बिका प्रसाद यादव, गुलाब, भरत सहित सैकड़ों कार्यकर्ता लगे रहे।



झलकियां----

-मस्जिद के ऊपर सिविल ड्रेस में तैनात रही पुलिस।

-मिढ्डी के अखाड़े की गतिविधियों लेकर अंत समय तक हलकान रहा पुलिस महकमा।

-डीजे पर नाचने वालों की लगी रही होड़।

-महावीरी झण्डा जुलूस के दौरान बहुरूपियों की रही बहार।

-अखाड़ों के करतब को देखने के लिए हर चौराहों पर डटी रही भीड़।

-गोड़ऊ नाच बना रहा आकर्षक का केन्द्र।

-जुलूस मार्गों पर स्वयं सेवी संस्थानों द्वारा की गयी थी जलपान की व्यवस्था।

सहतवार में भी निकला महावीरी झण्डा जुलूस

सहतवार (बलिया): नगर पंचायत समेत क्षेत्र के डुमरिया गांव में भी क्रमश: जय बजरंग बली समिति व जय बजरंग दल समिति द्वारा महावीरी झण्डा जुलूस निकाला गया। नगर पंचायत का जुलूस पुलिस चौकी के पास स्थित हनुमान मंदिर से निकला। विभिन्न मार्गो से होकर यह जुलूस पुन: हनुमान मंदिर के पास पहुंचा। जुलूस में शामिल झांकियों व प्रतिमाओं को पास में ही स्थित पोखरे में विसर्जित कर दिया गया। यह जुलूस अपराह्न करीब दो बजे मंत्रोच्चार के बीच निकला। डुमरिया में निकले जुलूस के दौरान सदस्यों ने शौर्य कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। जुलूस में पवन गुप्त, मोहन जी, नीरज सिंह गुड्डूं, राजेश्वर सिंह, महेश सिंह, सेराज, शम्भू सिंह, सुदामा सिंह, मुन्नी पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, पुन्नू सिंह आदि ने सहभागिता की।

Monday, August 3, 2009

मैनेजर हत्या काण्ड: शूटरों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने बिछाये जाल !

बलिया। मनियर में हुए तिहरे हत्या काण्ड में शामिल बदमाशों के बारे में पुलिस रिकार्ड जुटाने में जुट गयी है। इन बदमाशों के करीब पहुंचने के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया है। यह तथ्य सामने आये है कि घटना में शामिल सभी बदमाश गैर जनपद के थे। पुलिस की मानें तो घटना को अंजाम देने वाले सभी बदमाशों के तार आजमगढ़ से जुडे़ हुए हैं। ये सभी शातिर शूटर थे। इनके शातिर दिमाग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस घटना चक्र में मारे गये बदमाश के पास से मिले मोबाइल फोन से केवल चार काल किये गये थे। घटना से पूर्व उसने अपने घर के लोगों से भी बातचीत की थी। सूत्रों के अनुसार मैनेजर हत्या काण्ड में मारे गये बदमाश के पास से बरामद मोबाइल फोन में लगा सिम कार्ड किसी के नाम से दर्ज नहीं है। यह सिम कैसे उसके हाथ लगा यह भी जांच का विषय है।

इधर घटना के दो दिन के अंदर ही पुलिस ने कई अनसुलझे पहलुओं को सुलझा लिया है। अब बदमाशों तक पहुंचने के लिए चक्रव्यूह रचने में महकमा जुट गया है। पुलिस का यह मानना है कि घटना की रणनीति तय करने में स्थानीय व्यक्ति का भी हाथ है। उस तक पहुंचना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश ने इस काण्ड के खुलासे के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। इसमें एसओजी टीम व बांसडीह क्षेत्राधिकारी को शामिल किया गया है। पुलिस घटना चक्र के खुलासे में सर्विलांस का सहारा ले रही है। इसमें कई बड़े लोगों के भी मोबाइल नम्बर हैं। अब तस्वीर साफ हो गयी है कि इस घटना में शामिल बदमाश हार्ड क्रिमिनल हैं जिनका आजमगढ़ से सीधा सम्बन्ध है। पुलिस बदमाशों के रहने व ठहरने के स्थानों का भी पता लगाने में जुट गयी है।

मारे गये बदमाश की बाइक निकली लूट की

बलिया: मनियर में कोल्ड स्टोरेज के मैनेजर की हत्या के दौरान मारे गये बदमाश के पास से बरामद मोटर साइकिल लूट की निकली। पुलिस जांच में बदमाशों ने इस गाड़ी को आजमगढ़ के सिधारी से लूटा था। इसका मुकदमा भी अज्ञात बदमाशों के खिलाफ कायम है। बदमाशों ने इस गाड़ी का नम्बर भी बदल दिया था। बदमाशों ने इस गाड़ी को मठिया समेदा निवासी अजीत मौर्या से 28 जुलाई को हथियार की नोंक पर लूटा था। इस मोटर साइकिल का नम्बर यूपी 50एफ-2953 था जिसे बदमाशों ने बदल कर यूपी 60-6787 कर दिया था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बदमाश कितने शातिर व योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम देने के लिए तैयारी कर आये हुए थे।

ईमानदारी की मिसाल : हजारों के सामान से भरा बैग लौटाया !

बलिया। आज के परिवेश में मानवता जहां तार-तार होती नजर आ रही है, लोगों का एक दूसरे पर से विश्वास टूटता जा रहा है वहीं कुछ लोग इस दौर में भी ईमानदारी को जिंदा रख समाज के लिए मिसाल बने है। इसका एक उदाहरण टेम्पो चालक विजय कुमार वर्मा है। विजय ने एक महिला के हजारों रुपये मूल्य का सामान से भरा बैग व मोबाइल सेट जो रास्ते में लावारिस पड़ा मिला था, उसे लौटाकर यह पेश कर दिया कि ईमानदारी अभी जिंदा है

बता दें कि टेम्पो चालक विजय कुमार वर्मा सुरेमनपुर से टेम्पो लेकर बैरिया आ रहा था। रानीगंज-बैरिया के बीच सड़क किनारे सामानों से भरा एक बैग मिला, जिसे उठाकर ले आया और बैरिया टेम्पो पड़ाव पर व्यवस्थापक शैलेश सिंह के साथ बैग के वारिस का पता लगाने का प्रयास किया किन्तु पता नहीं लग सका। बाद में वह बैग बैरिया पुलिस चौकी के सिपाही उमाशंकर राय के हवाले कर दिया। बैग को जब उमाशंकर राय ने खोला तो उसमें एक नोकिया का मोबाइल सेट 1680, पांच सौ रुपये नकद, एक अंगूठी व चार लेडीज सूट सहित अन्य सामान थे जिसे उन्होंने शैलेश सिंह की ही सुपुर्दगी में दे दिया। लगभग एक माह की तलाश के बाद बैग की मालिक मधु वर्मा पुत्री श्रीनाथ वर्मा बैरिया पच्छिम टोला को सिपाही उमाशंकर राय ने ढूंढ निकाला और उन्हें सोमवार को पूरा सामान लिखा-पढ़ी के बाद सौंप दिया। मधु वर्मा ने बताया कि वह वाराणसी एक शादी समारोह में भाग लेने के बाद 30 जून को वापस लौट रही थी कि उनका बैग कहीं गिर गया था और वह इसकी आस छोड़ चुकी थीं।

Sunday, August 2, 2009

रीता बहुगुणा के साथ हुई घटना की सीबीआई जांच कराओ !

बलिया। अलोकतांत्रिक तानाशाह सरकार के जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर बलिया तहसील के कोने-कोने से आये कांग्रेसजन जुलूस के रूप में सरकार विरोधी नारे लगाते हुए तहसील पर पहुंचे। धरना स्थल पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यतेन्द्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता और पार्टी के महामंत्री शिवप्रताप ओझा के संचालन में सभा हुई। सभा में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए जिला काग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यतेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार अलोकतांत्रिक एवं अमर्यादित तरीके से काम कर रही है। मुख्यमंत्री संविधान के अनुसार शपथ लेने के विपरीत काम कर रही हैं। राज्यपाल को ज्ञापन देकर उनसे आग्रह किया गया कि कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी को जिस तरह से गलत मुकदमे में फंसाकर जो व्यवहार उनके साथ किया गया वह आजादी के बाद अभूतपूर्व घटना है। इस घटना में शामिल लोगों की जांच सीबीआई से कराकर दोषीजनों को दण्डित किया जाय। इस दौरान राधाकृष्ण ओझा, अशोक सिंह, प्रभाकर पाण्डेय, शैलेश कुमार मिश्र, मकसूदन श्रीवास्तव, लल्लू भैया, रामप्रसाद जायसवाल, शाहिद अली, शम्भूशरण पथिक, बच्चा राय, भरत तिवारी, शिवानन्द पाण्डेय ने विचार व्यक्त किया। ज्ञापन भी सौंपा गया।

बिल्थरारोड प्रतिनिधि के अनुसार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा मामले में सीबीआई जांच कराने से भय खा रही है प्रदेश सरकार। तभी तो वह सीबी सीआईडी जांच पर अड़ी है क्योंकि सीबीसीआईडी तो प्रांतीय सरकार की ही शाखा है जिससे सरकार मनचाहा रिपोर्ट पेश करा सकती है।

उक्त बातें स्थानीय तहसील कार्यालय में शनिवार को आयोजित धरना प्रदर्शन के दौरान संयोजक शशिकांत त्रिपाठी ने कही।

पूर्व विधायक रामबचन धूसिया, चन्द्र प्रताप विसेन, राम दयाल जोशी, सरतेज बहादुर, सरफराज अहमद, अहमद कमाल आदि ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी के आवास पर लूटपाट व वाहन जलाये जाने की घटना के लिए निश्चय ही सूबे की भ्रष्ट व्यवस्था जिम्मेवार है।

सरकार जनपद को सूखाग्रस्त घोषित करने की डफली बजाकर सिर्फ वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है। जबकि इन क्षेत्रों में अब तक किसानों को किसी तरह की सहायता नहीं मिल सकी है। जनता जर्जर सड़क व बिजली की समस्या झेल रही है। कार्यक्रम के अंत में अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन एसडीएम कैलाशनाथ वर्मा के माध्यम से राज्यपाल को भेजा।

उक्त अवसर पर महमूदुल हक, नेयाज अहमद, रमेश कुमार पाण्डेय, अजीत प्रताप सिंह उर्फ बिल्लू, बिपिन बिहारी, काशीनाथ जायसवाल, संजय कुमार, संतोष कुमार, गुलाब चन्द्र पाण्डेय आदि शामिल थे।

सिकंदरपुर प्रतिनिधि के अनुसार प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर राज्य सरकार के खिलाफ विधानसभा क्षेत्र सिकंदरपुर के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को तहसील परिसर सिकंदरपुर में प्रदर्शन एवं धरना दिया। कार्यक्रम का नेतृत्व विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी रहे हरिशंकर सिंह ने किया। धरना को जवाहर चौहान, शिव कुमार तिवारी, बृजेश सिंह, डा.शोएबुल इस्लाम, विनोद तिवारी, अजय राय, इं.ओम प्रकाश दूबे, राजेश पाण्डेय आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता नजीबुलर्रहमान राजू तथा संचालन देवेंद्र पाण्डेय ने किया।

देर से शादी !

क्या कह रहे हो, अब इस उम्र में तुम शादी करोगे? दिमाग तो तुम्हारा ठीक है न! विनीत के मुंह से शादी का जिक्र सुनते ही मनु ऐसे उछला जैसे किसी अनहोनी की खबर सुन ली हो। पार्टी में शामिल बाकी दोस्तों की प्रतिक्रिया भी लगभग यही थी। पहले तो किसी को सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा था और हुआ भी तो कोई इस बात को सहज ढंग से स्वीकार नहीं कर पा रहा था। लगे हाथ शुरू हो गए किस्से भी कि किसने किस उम्र में शादी की तो उसे आगे चलकर क्या-क्या झेलना पडा।

ऐन वक्त पर अगर विशाल ने दखल न दिया होता तो विनीत की तो हिम्मत टूट ही जाती। कम से कम एक बार अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए तो मजबूर हो ही गया था वह। तभी विशाल ने अपने अंदाज में फटकारा था सबको, क्या होता है भई देर से शादी करने से? ऐं.. क्या होता है? कोई विनीत पहला शख्स है जो इस उम्र में शादी करने जा रहा है? इसके पहले भी बहुत लोगों ने 40 के बाद शादी की है। 40 ही क्यों, इस दुनिया में 50 और 60 के बाद भी लोगों ने शादियां की हैं। वे भी इसी धरती पर हैं और सुखी रहे हैं। और ऐसे भी लोग हुए हैं जिन्होंने 20 से पहले शादियां की हैं और उनमें भी कई लोगों की शादियां सफल नहीं हुई हैं। ये गुजरे जमाने की बातें सोचनी छोड दो। मान लो . जब तू जागे तभी सवेरा..

ये उम्र की सीमा

भारत में विवाह की उम्र आमतौर पर 20 के 30 के बीच ही मानी जाती है। हालांकि बमुश्किल बीस साल पहले यह उम्र और भी कम थी। उन दिनों आम तौर पर 25 की उम्र पूरी करने से पहले ही शादियां हो जाती थीं। इससे भी पहले अगर आजादी से पहले की बात करें तो बाल विवाह आम बात थी। तमाम प्रयासों के बावजूद अभी भी भारत इस समस्या से पूरी तरह उबरा नहीं है। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह हो ही रहे हैं। एक ऐसे समाज में जहां आबादी का एकबडा हिस्सा अबोध बचों के विवाह को सामान्य रूप से स्वीकार करता हो, जब कोई 40 या 50 की उम्र में शादी की बात करता है तो उस पर सवाल उठना स्वाभाविक ही है।

पर यह बात भी अब कोई असामान्य नहीं रह गई है। अपने करियर पर ही पूरा ध्यान देने वाले ऐसे युवाओं की संख्या बडी तेजी से बढ रही है जो 35-40 की उम्र बीत जाने पर भी अविवाहित हैं। ये ऐसे लोग हैं जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं और उनके सामाजिक संपर्क का दायरा भी बहुत बडा है। अपने व्यावसायिक सामाजिक संपर्को और जिम्मेदारियों को निभाने में ही इतने व्यस्त हैं कि निजी जिंदगी के लिए सोचने का या तो इन्हें वक्त ही नहीं मिलता, या फिर अपनी अकेले की निजता में किसी दूसरे के स्थायी दखल के लिए वे स्पेस भी नहीं निकालना चाहते। ऐसे लोगों में स्त्री और पुरुष दोनों शामिल हैं।

जिंदगी में क्वालिटी

इसके पीछे कई तत्व कारण रूप में मौजूद हैं। सबसे बडी वजह तो जीवनस्तर के प्रति लोगों की बदली धारणा है। जैसे-तैसे जिंदगी गुजार लेने में अब किसी का विश्वास नहीं रह गया है। अब हर शख्स जिंदगी को पूरी शिद्दत से जीना चाहता है। उसे सिर्फ जिंदगी नहीं, जिंदगी में क्वालिटी भी चाहिए। इसकी एक जरूरी शर्त है ज्यादा पैसा और उसके लिए करियर में सफलता अनिवार्य है। लगातार बढती प्रतिस्पर्धा के इस दौर में करियर में सफलता का मतलब अब सिर्फ एक बार खुद को साबित कर लेने तक ही सीमित नहीं रह गया है। गलाकाट प्रतिस्पर्धा और नित नए रंग बदलते बाजार के इस दौर में खुद को रोज-रोज साबित करना पडता है। इसके लिए सिर्फ व्यावसायिक योग्यता ही पर्याप्त नहीं है, उसे फायदेमंद बनाने के कई और हुनर भी सीखने पडते हैं और उन पर अमल भी करना होता है। 24 &7 की व्यस्तता वाले इस माहौल में व्यावसायिक पेंचीदगियों के सामने अपनी जरूरतें गौण हो गई हैं। फलत: विवाह जैसी जरूरतें कल पर ही टलती जा रही हैं। एक ऐसे कल पर जो कभी नहीं आता या आता भी है तो इतनी देर हो चुकी होती है कि..

पूरब-पश्चिम की बात

कुछ लोग भारत में इस प्रवृत्ति के बढने के पीछे सिर्फ पश्चिम के प्रभाव को कारण मानते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में प्रोफेसर डॉ. अशुम गुप्ता का मानना है, आज के समाज में पूरब-पश्चिम जैसा कोई विभाजन रह ही नहीं गया है। आज पूरी दुनिया एक ग्लोबल विलेज बन चुकी है। विकास की किसी प्रक्रिया या किसी संकट के किसी देश में शुरू होने का समय थोडा आगे-पीछे हो सकता है, पर उससे प्रभावित सभी समान रूप से हैं। यह किसी खास समाज के संक्रमण का नहीं, समय की जरूरतों का असर है।

सच तो यह है कि इसका चिंताजनक असर जिन देशों में देखा जा रहा है, उनमें पूरब का एक देश सबसे ऊपर है। जापानी समाज इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। वहां बडी संख्या में लोगों के अविवाहित रह जाने तथा अधिकतर लोगों के बहुत देर से विवाह करने के कारण जन्मदर बहुत घट चुकी है और इसके चलते डेमोग्राफिक स्थितियां बिगड रही हैं। जर्मनी, इटली, स्पेन, ताइपेई और कोरिया में भी यह संकट देखा जा रहा है। वैसे इंग्लैंड और फ्रांस में यह संकट 19वीं शताब्दी के आरंभ से ही देखा जा रहा है। जर्मन डेमोग्राफर जी. मैकेनरॉथ जापानी समाज के संकट की वजह आर्थिक विकास की प्रक्रिया में ही तलाशते हैं। जबकि जापानी समाजशास्त्री एम. यामदा देर तक विवाह न करने वालों को पैरासाइट सिंगल्स का नाम देते हैं। पैरासाइट सिंगल्स यामदा उन अविवाहित लोगों को कहते हैं जिन्होंने सही समय पर विवाह नहीं किया और अपने पेरेंट्स के साथ रह रहे हैं। यामदा इसकी वजह जापान की भयावह महंगाई में देखते हैं, माता-पिता के साथ रहते हुए वे बहुत तरह के खर्र्चो से बच जाते हैं। इससे उनके लिए जिंदगी थोडी आसान हो जाती है। इसलिए अधिकतर युवा विवाह से बच रहे हैं।

हावी हैं दूसरी जरूरतें

हालांकि भारत की स्थिति इससे भिन्न है। यहां विवाह से वे लोग नहीं बच रहे हैं, जिनके सामने खर्च का संकट है, बल्कि वे बच रहे हैं जिनके सामने कोई बडा उद्देश्य है। वह उद्देश्य उन्हें जिंदगी की अन्य जरूरतों से बडा दिखता है। उनके लिए जीवन का सारा सुख अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने तक सीमित है। उनके लिए विवाह का मसला पीछे छूट जाता है। जबकि कुछ लोग विवाह बहुत देर से करते हैं। यूं देखा जाए तो देर से विवाह करने वाले लोग आम तौर पर अपने करियर में पूरी तरह सेटल हो चुके होते हैं। इसके लिए ज्यादा जोखिम लेने की सुविधा उन्हें होती है। इन महत्वाकांक्षी युवाओं में कुछ अपने घर-परिवार से जुडे हैं तो कुछ भौतिक और भावनात्मक दोनों तरह से दूर भी। जो दूर हैं, वे क्षणिक सुख के लिए क्षणिक साथ को बेहतर विकल्प मानने लगे हैं। चूंकि महानगरीय समाज में लिव-इन रिलेशनशिप अब स्वीकार्य होता जा रहा है, तो इसके तमाम खतरों को जानते हुए भी कुछ लोग इसे भी अपना रहे हैं।

मुश्किल तब आती है जब ऐसे लोगों को विवाह की जरूरत महसूस होती है और यह जरूरत एक न एक दिन महसूस होती ही है। नई दिल्ली के जी.एम. मोदी हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अनीता गुप्ता के अनुसार, देर से विवाह के चलते स्त्री-पुरुष दोनों ही को फर्टिलिटी से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। खास कर स्त्रियों को डिलिवरी में मुश्किल होती है। ऐसी स्त्रियों को अकसर सिजेरियन डिलिवरी करवानी पडती है।


मिल जाता है वक्त


1. व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।

2. पारिवारिक जिम्मेदारी न होने के कारण वह अपना पूरा ध्यान व्यावसायिक जरूरतों पर लगा सकता है। इससे करियर में सफलता जल्दी और आसानी से मिल सकती है।

3. स्त्री-पुरुष दोनों ही उम्र के साथ समझ के स्तर पर भी अधिक परिपक्व हो जाते हैं। इससे विभिन्न मुद्दों पर आपस में समझ बनाना आसान होता है।

4. पहले आर्थिक रूप से संपन्न हो जाने के कारण परिवार की जरूरतों को ज्यादा सही ढंग से पूरी कर पाते हैं।

दिक्कतें भी हैं बहुत

1. एक निश्चित उम्र के बाद फर्टिलिटी रेट में कमी आने लगती है। ऐसी स्थिति में बचे होने की संभावना घट जाती है।

2. देर से शादी के बाद डिलिवरी में भी परेशानी आती है। ऐसे मामलों में अकसर सिजेरियन डिलिवरी करानी पडती है।

3. कम उम्र के व्यक्ति के लिए खुद को नए व्यक्ति या परिवेश के अनुसार ढालना आसान होता है। जबकि अधिक उम्र में यह बहुत मुश्किल हो जाता है। अत: पति-पत्नी के बीच सामंजस्य में भी मुश्किलें आती हैं।

4. देर से शादी करने पर बचे भी देर से होते हैं। ऐसी स्थिति में बचों के जीवन को समय रहते सही दिशा देना बहुत मुश्किल होता है। इससे बाद का जीवन मुश्किल हो जाता है।

करियर खत्म नहीं होता

महिमा चौधरी, अभिनेत्री

आम तौर पर नायिकाएं शादी की ओर तभी रुख करती हैं जब उनकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। फिर भी यह जरूरी नहीं कि शादी के बाद वे फिर फिल्मों में न आएं। मिसाल के तौर पर ऐश्वर्या राय या रेखा जी ने शादी के बाद भी फिल्मों में काम जारी रखा। कई नायिकाएं खुद फिल्मों से दूर हो जाती हैं। माधुरी दीक्षित इसकी सर्वोत्तम मिसाल हैं। शादी के बाद वह तब तक फिल्मों में नहीं आई जब तक उनके बचे बडे नहीं हो गए। पर शादी के बाद नायिकाओं का करियर खत्म होने की धारणा बिलकुल गलत है। 70-80 के दशक की बात करें तो पाएंगे कि कई नायिकाओं ने शादी के बाद भी काम करना जारी रखा। कई लोगों को लगता है कि नायिकाएं जब फिल्मों में दुबारा आती हैं तो उन्हें लीड रोल के बजाय मां, बहन या भाभी की भूमिकाएं मिलती हैं। मैं इस बात से भी सहमत नहीं हूं। हेमा मालिनी, शर्मिला टैगोर, डिंपल कपाडिया, भाग्यश्री और काजोल ऐसे नाम हैं, जिन्होंने न सिर्फ शादी बल्कि बचे होने के बाद भी अभूतपूर्व सफलता पाई।

निर्माता के लिए किसी नायिका के शादीशुदा होने या न होने से ज्यादा बॉक्स ऑफिस पर उसकी सफलता मायने रखती है। हां, यह सच है कि आज की लडकियों के लिए करियर ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। इसीलिए विवाह वे अकसर देर से कर रही हैं। यह सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं, हर क्षेत्र में हो रहा है। अधिकतर कामकाजी स्त्रियां देर से विवाह करती हैं। आधुनिक समाज में ये बातें मान्य हो चुकी हैं कि लडका हो या लडकी, पहले अपना करियर बनाओ, फिर कुछ और करो। इसलिए स्त्रियां भी अब करियर में स्थापित होने के बाद ही शादी के बारे में सोचती हैं। स्त्री हो या पुरुष, सभी को अपने सपने साकार करने का हक है। इसलिए देर से विवाह करने में कोई खराबी नहीं है, मगर इसके कुछ साइडइफेक्ट्स भी हैं। यह बात सही है कि 22-25 की उम्र में जो लोग माता-पिता बनते हैं उनके बचे काफी स्वस्थ होते हैं। बाद में बचों और माता-पिता दोनों के लिए रिस्क बढ जाता है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में विज्ञान इन मुश्किलों पर जीत हासिल कर ले। फिर भी मैं मानती हूं कि विवाह में बहुत देर नहीं करनी चाहिए।

जहां तक मेरी बात है, दस साल इंडस्ट्री को देने के बाद मैंने बिलकुल सही वक्त पर विवाह का फैसला लिया। बेटी ने भी मुझे जिम्मेदारी का नया एहसास दिया। कई बार इस जिम्मेदारी के कारण मुझे समझौते करने पडते हैं। कुछ प्रोजेक्ट तो केवल इसलिए ठुकराने पडे क्योंकि उन पर काम का वक्त मेरी बेटी के रुटीन के अनुसार उपयुक्त नहीं था। मेरी जिंदगी पूरी तरह उसके इशारे पर चल रही है। पर यह मेरे लिए कोई अफसोस की बात नहीं है, बल्कि इससे मुझे दिली खुशी मिलती है। यह सिर्फमेरी ही नहीं, हर मां की कहानी है।

कोई बाधा नहीं

दीपक तिजोरी, अभिनेता


शादी का मामला बहुत हद तक हमारी योजना और किस्मत पर निर्भर है। कभी-कभी हम एक-दूसरे को देखते हैं और शादी कर लेते हैं। कई बार लंबे समय तक प्रेम संबंध चलने के बाद भी शादी नहीं कर पाते। मैं इसमें बिलकुल यकीन नहीं करता कि ज्यादा दिनों तक शादी न करके लोग करियर पर ध्यान दे पाते हैं। पति-पत्नी अगर समझदार होंगे तो वे एक-दूसरे के काम में बाधा क्यों डालेंगे? जहां तक अभिनेत्रियों के करियर पर शादी से असर पडने का सवाल है, आज ऐसी कोई बात नहीं है। निर्माता काजोल को चुन रहे हैं, माधुरी भी फिल्में कर रही हैं। अब कहानी अहम है। यदि मांग है तो वही कलाकार चाहिए, जो सही लगेगा। ऐसी सोच से निर्माताओं के प्रभावित होने जैसी कोई बात ही नहीं है। दर्शक कहानी को अधिक पसंद करते हैं, कलाकार को कम। दोनों अछे हैं तो फिल्म जरूर सफल होगी। मैं तो शादी के पहले जैसे काम करता था, आज भी वैसे ही कर रहा हूं। पहले अभिनय किया, आज फिल्में बना रहा हूं। योजना बनाकर चलने से हर काम आसान हो जाता है।

विवाह देर से या समय से कर लेने का कोई असर होता है, ऐसा मैं नहीं मानता। बहुत से लोग हैं इंडस्ट्री में जिन्होंने अभी तक शादी नहीं की है और जिनकी काफी उम्र हो गई है। लेकिन शादी होगी, तो बुरा असर होगा, मैं इसे सही नहीं मानता।

बदल रही है सोच

सोनाली कुलकर्णी, अभिनेत्री


देर से विवाह करने में मुझे कोई बुराई नजर नहीं आती, क्योंकि आज सभी लोग करियर को तवज्जो दे रहे हैं। आज लडकी या लडके 20 या 25 साल की उम्र में शादी करना नहीं चाहते। इसमें दो राय नहीं है कि करियर के लिए कुछ युवा अपने माता-पिता तथा करीबी रिश्तेदारों की भावनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं। यह उनका निजी मामला है। अत: इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता। खास तौर से फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा शायद ही हुआ हो जब किसी हीरो या हीरोइन के माता-पिता उसके विवाह को लेकर चिंतित हुए हों।

आम तौर पर माता-पिता अपने बचों के सपनों को अपना सपना समझकर न सिर्फ उनके साथी बनते हैं, बल्कि उनकी भावनाओं को भी समझते हैं। देर से विवाह की एक वजह आज की पीढी का महत्वाकांक्षी होना है। मगर साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगी कि हमारी आज की युवा पीढी काफी डरी हुई है। इसीलिए उन्हें एक ऐसे रिश्ते की दरकार है जो न सिर्फ विश्वासपात्र हो, बल्कि लंबे समय तक टिकने वाला भी हो। मेरे कई ऐसे दोस्त हैं जो ये मानते हैं कि भले ही शादी में अधिक वक्त लग जाए मगर पति या पत्नी ऐसी मिले जो हर कदम पर साथ निभाए और सही मायने में जीवनसाथी साबित हो। मुझे खुशी है कि आज की पीढी सचे रिश्ते की तलाश में है। फिल्म इंडस्ट्री में देर से विवाह आम बात है। बहुत लोगों का मानना है कि शादी के बाद नायिकाएं फिल्म में लीड रोल के लायक नहीं रह जातीं। सच कहूं तो ये बात आज से दस साल पहले सच भी थी, मगर अब ऐसा नहीं है। हां, कुछ ऐसे फिल्मकार आज भी हैं जो सोचते हैं कि शादीशुदा नायिकाओं को फिल्मों में लेना घाटे का सौदा है। उन्हें सिर्फ 18 साल की कमसिन नायिकाएं चाहिए। पर आज का दर्शक इस बात से बिल्कुल प्रभावित नहीं होता है कि किसी नायिका की शादी हुई है या नहीं। यही वजह है कि ऐश्वर्या राय बचन, माधुरी दीक्षित और काजोल जैसी बेहतरीन नायिकाओं ने शादी के बाद भी अपने करियर को खासा तवज्जो दिया। मुझे यह बदलाव बहुत अछा लगता है। मैं इन सभी नायिकाओं की तहेदिल से शुक्रगुजार हूं कि वे न सिर्फ अछी फिल्मों से जुडी रहीं, बल्कि आज भी उन्होंने अपनी पहले जैसी ही छवि दर्शकों के मन में बनाए रखी है। कुछ नायिकाएं विवाह के बाद फिल्मों को अलविदा भी कह देती हैं। यह उनका निजी मामला है। दरअसल नायिका होना बहुत मेहनत का काम है। शारीरिक और मानसिक रूप से फिल्मों से जुडे रहने के साथ-साथ यात्राएं भी बहुत करनी पडती हैं। इससे मन ऊब जाता है। ऐसे में शादी उनके लिए ब्रेक लेने जैसा होता है। थोडे दिन बाद जब वह तरोताजा महसूस करने लगती हैं तो दुबारा काम पर लौट आती हैं। मैं समझती हूं कि विवाह के बाद यदि कोई नायिका फिल्मों में दुबारा आना चाहती है तो उसे अपनी निजी जिंदगी और करियर के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। इसके लिए सबसे जरूरी है परिवार का विश्वास जीतना। उन्हें रोज यह समझाना न पडे कि आप क्या कर रही हैं और क्यों कर रही हैं? कई बार तो करियर के चलते ही निजी जिंदगी में दरार आ जाती है। पारिवारिक कलह या आपसी समझ में कमी रिश्तों की अपरिपक्वता की निशानी है। मैं समझती हूं देर से विवाह के जरिये इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। मगर कई लोगों का यह भी मानना है कि देर से विवाह होने के कारण जीवन पर इसका बुरा असर पडता है। इससे मैं बिलकुल सहमत नहीं हूं। दरअसल शादी कब हो, इससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि शादी किससे हो। साथ ही यह भी जरूरी है कि विवाह जैसे मजबूत रिश्ते को समझने की आपकी समझ कितनी है।

नसीब की भी बात है

अजय चौधरी, अभिनेता


विवाह कोई देर से करे या पहले, यह उसकी अपनी मर्जी पर निर्भर है। लंबे समय तक अकेले रहकर लोग करियर पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं, ऐसा कुछ लोग सोचते हैं। हो सकता है कि वे सही सोचते हों, पर मैं खुद ऐसा नहीं मानता। जहां तक विवाह से नायिकाओं के करियर पर असर पडने की बात है अब ऐसी कोई बात नहीं है। जूही चावला, माधुरी दीक्षित, काजोल इसके प्रमाण है। इसकी एक बडी वजह यह भी है कि दर्शक की मानसिकता भी पहले की तुलना में बहुत बदली है। दर्शक को आज कुल मिलाकर एक अछी फिल्म चाहिए। वह इस बात से कोई मतलब नहीं रखता कि नायक या नायिका शादीशुदा है या अविवाहित।

खुद निर्माता भी अब ऐसा नहीं सोचते। हां, पहले जरूर ऐसा सुनने को मिलता था। मैंने अभी शादी नहीं की है। लेकिन इसकी यह वजह बिलकुल नहीं है कि मैं किसी खास वजह से शादी नहीं कर रहा हूं। इस संबंध में ऐसी कोई खास सोच भी नहीं है मेरी। मैं तलाश में हूं, जब भी कोई पसंद की लडकी मिली शादी कर लूंगा। लेकिन यह मैं साफ तौर पर मानता हूं कि काम पर शादी से कोई फर्क नहीं पडता। इसके तमाम उदाहरण हैं- सैफ, अजय, अक्षय, आमिर, शाहरुख आदि।


अपनी ही धुन में उलझा रहा

अशोक सालियन, सेलिब्रिटी फोटोग्राफर


मैंने शादी क्यों नहीं की..? मेरे कई दोस्त यह सवाल कर चुके हैं। पर असल में इसका क्या कारण है, मैं खुद भी ठीक-ठीक नहीं जानता। शादी करने में एक अहम मुद्दा यह होता है कि आप अपने हमसफर से सभी तरह के संबंध रख सकते हैं। आप पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। मुझे शादी की वैसे जरूरत नहीं पडी, आय एम एंड वॉज इन रिलेशनशिप्स। दूसरी बात यह भी है कि मैंने अपने पेशे से बेहद प्यार किया। मुझे यह पेशा चुने करीब 17-18 साल हो गए। इस बीच मैं खुद के लिए वक्त ही नहीं निकाल सका। मेरे लिए फोटोग्राफी पेशा नहीं, पैशन है। कोई पैशन जिंदगी पर हावी हो जाए तो कोई क्या कर सकता है! मैं दिन-रात अपने पैशन में उलझा रहा, कभी देश तो कभी विदेश.. इस भागदौड भरी जिंदगी में मुझे पीछे मुडकर देखने का वक्त ही नहीं मिला। पहले हर साल मैं सोचता था कि नए साल में शादी कर लूंगा। यह सिलसिला कुछ साल नए उत्साह के साथ चलता रहा। तब परिवार वालों को भी उम्मीद थी कि मैं जल्द ही शादी कर लूंगा, पर वक्त गुजरता गया और मैं अकेला ही रह गया।

मैं तो इस मामले में खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मेरे परिवार में कोई मुझ पर दबाव देने वाला नहीं था। बहुत लोगों को दबाव में शादी करनी पडती है। बाद में वे अपने पार्टनर को वक्त भी नहीं दे पाते। शादी करना एक बडी जिम्मेदारी है। मैं मानता हूं कि शादी के अपने फायदे हैं और नुकसान भी। कहा जाता है कि ये वो लड्डू है जिसे खाने वाले भी पछताते हैं और न खाने वाले भी। पर यह सच है कि जो लोग लंबे समय तक शादी नहीं करते वे अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं। उनकी कार्यक्षमता शादी न करने से बंटती नहीं है। कई प्रोफेशनल्स अपने काम में इतने उलझे होते हैं कि परिवार को वक्त ही नहीं दे पाते। फिर प्यार की मिठास कम और तनाव ज्यादा हो जाता है। आखिरकार खुद को और सभी को दुखी कर देते हैं।

इससे बेहतर यही है कि शादी या करियर में से कोई एक चुन लें। तो मैंने करियर को चुना। कई बार लगता है कि जो दंपती बहुत सीधे-सादे हैं, जिनकी एक-दूसरे से अपेक्षाएं कम हैं, वे लंबे समय तक साथ निभाते हैं। जैसे सुधा मूर्ति-नारायण मूर्ति हैं। दोनों इंटेलेक्चुअल हैं, पेशा भी एक है। कंपनी और सोच भी एक। जो शख्स परिवार के प्रेशर-तनाव को मैनेज कर सकता है, वही शादी के काबिल है, नॉट मी। लोग तो बेचारे शादी के बाद हंसी-मजाक की जिंदगी भी भूल जाते हैं। मैंने शादी नहीं की, पता नहीं कब करूंगा.. या नहीं.. पर मैं खुश हूं, अपनी जिंदगी से।

करियर पर असर नहीं

बाबा सहगल, गायक


देर से विवाह करने में मुझे कुछ गलत तो नहीं लगता। अब असल में लोग पहले से ही साथ रहने लगते हैं। एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं। जब समझ नहीं आता तो फिर.। लेकिन जहां तक देर से विवाह का प्रोफेशन में कोई लाभ मिलने की बात है, मैं इसे बिलकुल नहीं मानता। मैं देख रहा हूं हर फील्ड में ऐसे कई लोग टॉप पर हैं, जिन्होंने समय से शादी कर ली। उन्होंने घर परिवार की जिम्मेदारी भी ठीक से निभाई और अपने कारोबार की भी। यह असल में इस बात पर निर्भर है कि आप खुद कितने क्षमतावान हैं। अगर आप अपने जीवन में वेल मैनेज्ड हैं और परिवार व कारोबार के बीच संतुलन बना सकते हैं तो शादी से करियर पर कोई फर्क नहीं पडता।

बस संजोग नहीं बना!

सलमान खान, अभिनेता


40 पार करने के बाद भी शादी न करने से मेरे फैंस, मेरे शुभचिंतक, मेरे दुश्मन और सबसे ज्यादा मेरे परिवार वाले चिंतित हैं कि मैं आखिर शादी कब करूंगा। वैसे भी हमारी भारतीय संस्कृति में शादी केवल वर-वधू के मिलन की बात नहीं होती। भारतीय परिवेश में शादी दो परिवारों के प्यार और विश्वास का मिलन होता है। शादी के बाद के संबंध जीवन भर के लिए होते हैं। रीति-रिवाज, परंपरा, भावनाएं क्या-क्या नहीं चलता हमारी भारतीय शादियों में? कई तरह की खट्टी-मीठी प्रथाएं चलती हैं शादियों में। दो परिवारों के बीच में शादी यानि सांस्कृतिक मिलन। मैंने शादी नहीं की, इसकी शायद सबसे बडी वजह यही है कि ऐसा संजोग नहीं बना। मेरे पारिवारिक जीवन में कम, पर प्रोफेशनल जीवन में कई बार उठापटक हुई। बाकी मेरे शादी न करने के पीछे कोई दूसरी वजह नहीं है। हां, शादी करना रह गया। वैसे यहां कोई भी बॉलीवुड का हीरो शादी कर ले या न करें, उसके करियर पर कोई खास फर्क नहीं पडता। मेरे प्रतिस्पर्धी हीरो - जैसे शाहरुख, आमीर सभी शादीशुदा हैं। उम्र में मुझसे कम हीरो भी शादीशुदा हैं। मुझे नहीं लगता कि शादी और करियर का कोई संबंध है।

अब तो नायिकाओं के करियर पर भी शादी या मातृत्व का कोई असर नहीं होता है। करिश्मा कपूर, माधुरी, काजोल शादीशुदा हैं, पर उनकी फैन फॉलोइंग में भी कोई कमी नहीं आई है। अब दर्शक पढे-लिखे और समझदार हो चुके हैं। यह जेनरेशन समझ सकती है कि कलाकार भी शादी कर घर बसाएंगे। जो शख्स अपने करियर और निजी जिंदगी को दोनों अलग ढंग से चलाना जानता है, शादी उसके करियर को कतई प्रभावित नहीं कर सकती। हां, यदि कोई अपने पर्सनल जिंदगी में खुश नहीं है, तो वह दोहरी जिंदगी जीने को मजबूर होता है। फिर उसका करियर प्रभावित होने की आशंका हो सकती है। पर असर उन्हीं पर होता है, जो संतुलन नहीं बिठा पाते। मैं आज की महिलाओं को मानता हूं जो अपने करियर और निजी जिंदगी सभी को ठीक से निभा पाती हैं। शादी संजोग का दूसरा नाम है, पता नहीं मेरे साथ यह संजोग कब होता है। जस्ट वेट एंड वॉच..।

जरा करियर बना लूं, फिर सोचूंगी

रायमा सेन, मॉडल-अभिनेत्री


विवाह में देर इसलिए हो रही है, क्योंकि अभी मेरा पूरा ध्यान करियर पर है। मेरी मां मुनमुन सेन ने शादी जल्दी कर ली थी। फिर मेरा और रिया का जन्म हुआ तो उन्होंने अपना करियर हाशिये पर रख दिया। ममा तब शादी न करतीं तो शायद उनका करियर आगे बढता, पर शादी के बाद हम लाख चाहें कि बचों की कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे और करियर पर ही ध्यान देंगे, पर वैसा कम ही होता है। विवाह के बाद पति या पत्नी में किसी एक को अपने करियर को थोडा नजरअंदाज करना पडता है। इसलिए मैंने सोचा कि मुझे शादी देर से करनी चाहिए। मेरे पिताजी भारत देव वर्मा, जो कि शाही परिवार से हैं, उनकी मम्मी यानि मेरी दादी इला देवी, जो कूचबिहार की महारानी थीं और इनकी छोटी बहन महारानी गायत्री देवी तथा मेरी नानी सुचित्रा सेन सभी का प्रेमपूर्वक आग्रह था कि किसी शाही परिवार के राजपुत्र से मेरी शादी करवा दी जाए। मैं चाहूं तो अपने एकेडमिक एजूकेशन पर ध्यान दे सकती हूं। चाहूं तो विदेश में भी सेटल हो सकती हूं। मेरे लिए दिशाएं खुली थीं, पर मैंने और रिया ने अभिनय और मॉडलिंग को ही चुना।

अब अभिनय-मॉडलिंग जैसे क्षेत्र में, मॉडल्स का सिंगल होना तो बहुत मायने रखता है। आप करिअर पर फुलस्टॉप लगने के बाद ही शादी कर सकते हैं। वैसे धीरे-धीरे मॉडलिंग और एक्टिंग में भी शादी और करियर की कोई उम्र सीमित नहीं रही। पर यदि शादी के बाद परिवार यानि ससुराल सपोर्टिव न हो तो स्त्रियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड सकता है। पति चाहे कितने भी ढिंढोरे पीटें, पर पत्नी की कमाई उनसे ज्यादा हो यह बात उनके अंहकार को ठेस पहुंचाती है। इससे पति-पत्नी के बीच विवादों की शुरुआत हो जाती है। इस इक्कीसवीं सदी में शादी देर से करने में कोई अडचन मुझे नजर नहीं आती।

Saturday, August 1, 2009

दिनदहाड़े तीन लोगों की हत्या से दहला बलिया !

बलिया । बांसडीह मार्ग पर गंगापुर के पास शनिवार को मोटर साइकिल सवार बदमाशों ने बसपा सदर विधायक मंजू सिंह के कोल्ड स्टोर के मैनेजर पर गोलियां बरसाकर मौत की नींद सुला दिया। इसी दौरान बदमाशों ने घायल अपने ही एक साथी को भी गोलियों से भून डाला। इसी क्रम में घटना के बाद भाग रहे बदमाशों का पीछा करते वक्त पुलिस ने एक बेकसूर ग्रामीण को भी गोलियों से छलनी कर दिया। क्षुब्ध ग्रामीणों ने पुलिस को शव का पंचनामा करने से घण्टों रोके रखा। बाद में पुलिस अधीक्षक ने एक बेकसूर के मारे जाने के मामले में थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। मारे गये बदमाश के पास से 9 एमएम की एक पिस्टल, मोबाइल व मोटरसाइकिल बरामद हुई है। दिनदहाड़े हुई घटना से क्षेत्र में दहशत है।

मनियर कस्बा निवासी बृज किशोर सिंह अपने भतीजे टुनटुन सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर से गंगापुर स्थित कोल्ड स्टोरेज जा रहे थे। इसी बीच दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार बदमाशों ने उनकी बाइक को ओवरटेक कर मैनेजर बृज किशोर सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इससे बृज किशोर सिंह बाइक से गिर पड़े। यह देख उनके भतीजे टुनटुन सिंह ने एक बदमाश को अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार दी। गोली लगने से घायल बदमाश बाइक सहित गिर पड़ा। मौका देख टुनटुन सिंह भागकर पास में ही छिप गया जबकि साथी को गोली से घायल देख बदमाश वापस पलटे और उसे साथ ले जाने का प्रयास करने लगे।

घायल बदमाश का पैर बाइक में फंस जाने से निकल नहीं पाया। इस पर उसके साथियों ने ही उसे मौत के घट उतार दिया। इस बीच मनियर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। एक ओर परिवारीजन बृज किशोर सिंह को इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर चल दिये तो दूसरी ओर बदमाशों के भागने की खबर पर पुलिस व अन्य लोग वाहनों से उनका पीछा करने लगे। इसी बीच घटनाक्रम में एक नया मोड़ आ गया। दरअसल थाने की ओर जा रहा रसूलपुर निवासी कलामत , पुलिस के वाहन को तेजी से अपनी ओर आता देख अंजाने भय से अपनी मोटरसाइकिल घुमाकर गांव की ओर भागने लगा। उसे भागता देख पुलिस व उनके साथ रहे लोगों ने उसे बदमाश समझ लिया और उसे दौड़ा लिया और उसके सीने में दनादन कई गोलियां उतार दीं। इधर सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने कोल्ड स्टोर के मैनेजर को मृत घोषित कर दिया।

इस नाटकीय घटना की सूचना पाते ही पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गयी। कलामत के मारे जाने से गांव वाले आक्रोशित हो उठे। अंतत: पुलिस अधीक्षक ने आरोपी थानाध्यक्ष राजवीर सिंह, पुलिस कर्मी बृजेश सिंह तथा रमाशंकर यादव को निलम्बित कर दिया। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

बंधे पर बना नदी का दबाव, तटवर्ती क्षेत्र में दहशत !

बलिया। चौबीस घंटे के अंदर घाघरा के जलस्तर में आधा मीटर वृद्धि होने से नदी का दबाव बंधे पर बनता जा रहा है। नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते बंधे से नीचे बना लाचिंग एप्रन घाघरा के जल में डूब गया। बंधे के उस पार बिहार की तरफ नदी का बहाव एक से दो किमी चौड़ा होने से नदी के बीच में बना बालू का टिला डूब गया है। शिवपुर सेमरा व मांझा में घाघरा के दबाव व कटान को देखते हुए तटवर्ती ग्रामीण काफी आतंकित हैं। टीएस बंधा के दतहां में प्रधानमंत्री सड़क के सामने बना ठोकर व तिलापुर में डेन्जर जोन में बने लाचिंग एप्रन तथा पिचिंग के शत प्रतिशत पूर्ण होने से इस बार बंधा सुरक्षित है। दतहां से पश्चिम बने आधा दर्जन ठोकरों का पीचिंग कार्य कहीं 10 प्रतिशत तो कहीं 25 प्रतिशत अधूरा है। सहायक अभियंता दयाशंकर सिंह ने बताया कि एप्रन के पीचिंग का काम अब भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। श्री सिंह ने बताया कि दतहां से पश्चिम नदी की धारा उत्तर पूरब होने से बंधा पूरी तरह सुरक्षित है। पानी के बढ़ाव को देखते हुए बंधे पर 24 घंटे चौकसी बरती जा रही है।

ठेकेदारों में आक्रोश

रेवती : घाघरा के बाढ़ व कटान से बचाव हेतु वर्ष 2008 में फ्लड फाइटिंग के तहत हुए कार्य का लाखों रुपया बकाया होने से ठेकेदारों में आक्रोश व्याप्त है तथा बंधा का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। अधिशासी अभियंता बाढ़ व सिंचाई एसएन द्विवेदी ने बताया कि ठेकेदारों को बकाया भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। कुछ लोगों का पेमेंट हो चुका है। शेष लोगों का पेमेंट भी जल्द कर दिया जायेगा।